-ब्रह्मसागर के द्वितीय वार्षिक अधिवेशन का आयोजन 24 फरवरी को
सेहत टाइम्स
लखनऊ। जगद्गुरु आदि शंकराचार्य की प्रेरणा से भारत की सनातन संस्कृति, ज्ञान, और गौरवशाली मूल्यों की पुनर्स्थापना, ब्रह्मसमाज का एकीकरण तथा इस शक्ति को महाशक्ति के रूप में प्रस्तुत करने के उद्देश्य के साथ श्रीमद्जगद्गुरु शंकराचार्य अनंत श्रीविभूषित अमृतानंद देवतीर्थ, शारदा सर्वग्य पीठम श्रीनगर कश्मीर की प्रेरणा व अध्यक्षता में शेषावतार लक्ष्मण की नगरी लखनऊ के उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी गोमती नगर में आगामी 24 फ़रवरी दिन शनिवार को ब्रह्मसागर अपने द्वितीय अधिवेशन का आयोजन करने जा रहा है ।
इसी सन्दर्भ में ब्रह्मसागर के राष्टीय अध्यक्ष व पूर्व प्रशाशनिक अधिकारी (IAS Retd) कैप्टन एस के द्विवेदी ने आज 22 फ़रवरी को यूपी प्रेस क्लब लखनऊ में एक प्रेस-वार्ता का आयोजन किया उन्होंने बताया कि आगामी 24 फ़रवरी को ब्रह्मसागर अपने द्वितीय वार्षिक अधिवेशन के अंतर्गत एक मंथन शिविर, ब्रह्मसागर-सन्देश नामक स्मारिका का विमोचन तथा देश के विभिन्न अंचलों से पधारे ब्राह्मण संगठनों के प्रतिनिधि विप्रजनों को सम्मानित करने का का कार्यक्रम किया जायेगा ।
उन्होंने बताया कि कार्यक्रम दो सत्रों में आयोजित होगा इसमें मुख्य अतिथि के रूप में उप मुख्यमंत्री, बृजेश पाठक, राज्यसभा सांसद तथा पूर्व उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा, माननीय उच्च शिक्षा राज्यमंत्री रजनी तिवारी जी और मुख्य वक्ता के रूप में चिन्मय मिशन के प्रमुख संत ब्रह्मचारी कौशिक चैतन्य जी महाराज को आमंत्रित किया गया है।
इनके अलावा इस ऐतिहासिक वार्षिक अधिवेशन मे देश के कोने कोने से प्रख्यात आध्यात्मिक धर्मगुरु, चिंतक, वैज्ञानिक, शिक्षाविद, वैदिक मर्मज्ञ, सनातनी इतिहासकार, तकनीकी विशेषज्ञ, प्रशासनिक अधिकारी, समाजसेवी आदि सहित मनीषा जगत की महान विभूतियों ने भाग लेने की सहमति प्रदान की ।
आचार्य कौशिक चैतन्य, सहित देश के अलग अलग अंचलों से पधारने वाले अध्यात्मिक जगत और मनीषा जगत सहित सभी विद्वतजन भारत की सनातन संस्कृति, शिक्षा और ज्ञान को केंद्र में रखकर भारत को विश्व स्तर पर पुनः उसके तीनों आयामों भौतिक, बौध्दिक और अध्यात्मिक उत्कृष्टता के साथ वैभवशाली गौरवशाली मूल्यों मर्यादाओं को पुनर्जीवित करने पर अपने अपने विचार रखेंगे।
इस अवसर पर ब्रह्मसागर परिवार के अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय, प्रदेश कार्यकारिणी के पदाधिकारियों सहित भारी संख्या में सदस्य और ब्राह्मण समाज के विप्रजन उपस्थित रहेंगे।