Sunday , November 24 2024

विश्व बाल दिवस पर बच्चों के अधिकारों की रक्षा का युवाओं ने लिया संकल्प

-किशोर पोषण, बाल हिंसा, जलवायु परिवर्तन का बच्चों पर प्रभाव और नियमित टीकाकरण विषयों पर रहेगा फोकस
-चिल्ड्रन्स होप फॉर एक्शन एंड बेटर इम्पैक्ट (CHABI) – यूथ ऐडवोकेसी नेटवर्क लॉन्च

सेहत टाइम्स

लखनऊ। लखनऊ के चार विश्वविद्यालयों के युवा चेंजमेकर्स सोमवार को लखनऊ विश्वविद्यालय के मालवीय हॉल में विश्व बाल दिवस मनाने के लिए एक साथ आए। छात्रों ने बच्चों के अधिकारों की रक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की और बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण, सुरक्षा और अस्तित्व से संबंधित विषयों पर यूथ एक्शन प्रोजेक्ट पर काम करने के अपने अनुभव साझा किए।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में राज्य सूचना आयुक्त अजय उप्रेती के साथ ही यूनिसेफ उत्तर प्रदेश प्रमुख डॉ जकारी ऐडम एवं संचार विशेषज्ञ निपूर्ण गुप्ता, सं​युक्त राष्ट्र में बाल अधिकार के भारत के युवा प्रतिनिधि कार्तिक वर्मा एवं लखनऊ विश्वविद्यालय के समाज कार्य विभाग के प्रो अनूप कुमार भारतीय ने युवाओं द्वारा स्थापित चिल्ड्रन्स होप फॉर एक्शन एंड बेटर इम्पैक्ट (CHABI) – यूथ ऐडवोकेसी नेटवर्क को लॉन्च किया।

यूनिसेफ द्वारा लखनऊ विश्वविद्यालय के समाज कार्य विभाग के साथ और जनसंचार विभाग के छात्रों के साथ मिल कर पहली बार सहयोगी CHABI यूथ एडवोकेसी नेटवर्क की शुरुआत की गई। सितंबर 2023 में लखनऊ के डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय और बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्रों ने चार प्रमुख विषयों, किशोर पोषण, बाल हिंसा, जलवायु परिवर्तन का बच्चों पर प्रभाव और नियमित टीकाकरण विषयों पर एक्शन प्रोजेक्ट किए जिनके लिए उन्हें कार्यक्रम में सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ने छात्रों को सम्मानित किया और कहा, “युवाओं के पास असीम ताकत है। उन्होंने कहा CHABI यूथ एडवोकेसी नेटवर्क को आगे भी बाल अधिकारों के लिए कार्य करना चाहिए।“ यूनिसेफ उत्तर प्रदेश के प्रमुख डॉ. जकारी एडम ने युवाओं को बधाई देते हुए कहा कि “युवाओं के पास समाज के बच्चों की समस्याओं को दूर करने की चाभी है”।

बच्चों और युवाओं की भागीदारी के बारे में बात करते हुए, संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकार समिति में भारत के युवा प्रतिनिधि कार्तिक वर्मा, ने युवाओं को अपनी आवाज बुलंद करने की सलाह दी। उन्होंने कहा, कि विश्व की सरकारें हम युवाओं को सुनने के लिए उत्सुक हैं। हमें अपनी आवाज उन तक पहुंचानी होगी।

प्रोफेसर अनूप कुमार भारतीय ने कहा, “इस पहल को शुरू करने का उद्देश्य किशोरों और युवाओं को बाल अधिकारों और सतत विकास लक्ष्यों के लिए चेंज मेकर्स बनाना था। हमें खुशी है कि छात्रों ने विषयों को समझा और अपने आसपास के कई लोगों को जागरूक किया।“ प्रत्येक विश्वविद्यालय से पांच छात्रों का एक कोर समूह बनाया गया, जिसने अपने संबंधित विश्वविद्यालयों में युवा क्लबों की स्थापना की और यूथ इम्पैक्ट चैलेंज को लॉन्च किया।

यूनिसेफ उत्तर प्रदेश की संचार विशेषज्ञ निपुण गुप्ता ने बाल अधिकारों के बारे में बात की और कहा, “विश्व बाल दिवस 20 नवंबर को भारत सहित दुनिया भर में बच्चों और युवाओं के लिए कार्रवाई के दिन के रूप में मनाया जाता है। इसे अंतर्राष्ट्रीय बाल अधिकार दिवस भी कहा जाता है, यह दिन 1989 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा बाल अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन (यूएनसीआरसी) को अपनाने की याद दिलाता है। भारत ने 1992 में यूएनसीआरसी की पुष्टि की और इसके कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। कार्यक्रम में आई एफ सी संस्था के बच्चों द्वारा एक प्रस्तुति दी गई एवं गीतों के माध्यम से बच्चों के सपनों की बात रखी गयी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Time limit is exhausted. Please reload the CAPTCHA.