Thursday , November 21 2024

होम्‍योपैथिक दवाओं से गायब हो गयी सीबीडी में 4.4 एमएम की पथरी

-जीसीसीएचआर में हुए तीन माह के उपचार के बाद मिला बिना सर्जरी पथरी से छुटकारा

डॉ गौरांग गुप्‍ता

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। एक महिला के सीबीडी (कॉमन बायल डक्‍ट) यानी गॉल ब्‍लेडर की नली में फंसी 4.4 एमएम की पथरी को होम्‍योपैथिक दवाओं से निकालने में सफलता मिली है। सिर्फ होम्‍योपैथिक दवाओं के तीन माह सेवन के बाद की गयी अल्‍ट्रासाउन्‍ड जांच की रिपोर्ट में पथरी, जो पूर्व की रिपोर्ट में दिख रही थी, गायब पायी गयी।

गौरांग क्‍लीनिक एंड सेंटर फॉर होम्‍योपैथिक रिसर्च (जीसीसीएचआर) के कंसल्‍टेन्‍ट डॉ गौरांग गुप्‍ता ने बताया कि 36 वर्षीय महिला गॉल ब्‍लेडर में पथरी की शिकायत लेकर क्‍लीनिक में 24 मई, 2023 को आयी थी, महिला की 10 अप्रैल, 2023 को हुई अल्‍ट्रासाउंड जांच में पाया गया कि उसके गॉल ब्‍लेडर की नली में 4.4 एमएम की पथरी थी, साथ ही सीबीडी (नली) का साइज भी 9.1 एमएम था।

डॉ गौरांग ने बताया कि जैसा कि होम्‍योपैथी का कॉन्‍सेप्‍ट है कि इसमें इलाज रोग का नहीं बल्कि रोगी का किया जाता है, रोगी के लक्षणों, उसकी पसंद-नापसंद के साथ ही बारीकी से उसकी हिस्‍ट्री लेने के बाद दवा का चुनाव किया गया। इस प्रकार सेंटर पर 24 मई को रोगी का इलाज प्रारम्‍भ हुआ और उसे दवा दी गयी, तीन माह तक दवा लेने के बाद महिला ने पुन: उसी डायग्‍नोस्टिक सेंटर पर उन्‍हीं चिकित्‍सक से 28 अगस्‍त, 2023 को अल्‍ट्रासाउंड कराया तो परिणाम चौंकाने वाले निकले, महिला की 4.4 एमएम की पथरी गायब हो चुकी थी, साथ ही सीबीडी का साइज भी 9.1 एमएम से घटकर 6.4 एमएम आ गया।

उन्‍होंने बताया कि सामान्‍य तौर पर यह धारणा है कि गॉल ब्‍लैडर की पथरी के इलाज के लिए सर्जरी ही एकमात्र विकल्‍प है, लेकिन इलाज के पूर्व और इलाज के बाद की अल्‍ट्रासाउंड जांच रिपोर्ट इस बात का प्रमाण है कि पथरी बिना सर्जरी गायब हुई है। ज्ञात हो जीसीसीएचआर में अनेक ऐसी रिसर्च हुई हैं जिनमें ऐसे रोगों का उपचार होम्‍योपैथिक दवाओं से करने में सफलता मिली है, जिनका आधुनिक चिकित्‍सा में इलाज सिर्फ सर्जरी बताया जाता है। सभी रिसर्च और स्‍टडीज प्रतिष्ठित जर्नल्‍स में प्रकाशित हो चुकी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Time limit is exhausted. Please reload the CAPTCHA.