-हेल्थ सिटी हॉस्पिटल में बेरियाट्रिक सर्जरी विंग शुरू करने वाले डॉ संजय पटोलिया ने पत्रकार वार्ता में दी महत्वपूर्ण जानकारियां
सेहत टाइम्स
लखनऊ। बैरियाट्रिक सर्जरी मोटापे और मोटापे के चलते डायबिटीज सहित अनेक बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए दीर्घकालिक और महत्वपूर्ण वजन घटाने का एक अत्यंत प्रभावी उपचार है। इस सर्जरी में हम पाचन सिस्टम को रीडिजाइन करते हैं, जिससे भूख लगने के हार्मोन्स को कंट्रोल किया जाता है। इस सर्जरी से पूर्व मरीज की विभिन्न प्रकार से काउंसलिंग करने के बाद ही सर्जरी और कौन सी बेरियाट्रिक सर्जरी ठीक रहेगी, इसका चुनाव किया जाता है।
यह बात यहां गोमती नगर स्थित हेल्थ सिटी हॉस्पिटल में बेरियाट्रिक सर्जरी शुरू करने वाले डॉ संजय पटोलिया ने 12 अगस्त को शुरू हुई बेरियाट्रिक सर्जरी विंग के मौके पर आयोजित पत्रकार वार्ता में कही। हेल्थ सिटी हॉस्पिटल लखनऊ ने डॉ. संजय पटोलिया और डॉ. के.बी. जैन की विशेषज्ञता के तहत बैरिएट्रिक सर्जरी विभाग की शुरुआत की है। हेल्थ सिटी हॉस्पिटल के निदेशक व लेप्रोस्कोपिक गैस्ट्रो सर्जन डॉ केबी जैन ने डॉ संजय पटोलिया का परिचय करवाते हुए कहा कि हेल्थ सिटी हॉस्पिटल में बैरिएट्रिक सर्जरी विभाग की शुरुआत इसके प्रति उनकी प्रतिबद्धता की प्रमाणिक है, जो मोटापे के विशेषज्ञ उपचार की बढ़ती आवश्यकता को पूरा करने के लिए है और जो दुनिया भर में बढ़ रही है। डॉ जैन से बताया कि भारत में बैरिएट्रिक सर्जरी के प्रमुख विशेषज्ञ और प्रवर्तक डॉ. संजय पटोलिया अब हेल्थ सिटी में उपलब्ध रहेंगे। वजन घटाने के क्षेत्र में 25 वर्षों के अधिक का अनुभव डॉ पटोलिया के पास है। वह गुजरात के प्रमुख शहरों में 3 सर्जिकल सेंटर चलाते हैं।
डॉ पटोलिया ने बताया कि यूपी में करीब 5 करोड़ लोग मोटापे या बढ़े हुए वजन से पीडि़त हैं। बैरिएट्रिक सर्जरी का लाभ वजन घटाने से लेकर समग्र स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार तक है। उन्होंने बताया कि बेरियाट्रिक सर्जरी की यह प्रक्रिया न केवल वजन घटाने के लिए बल्कि मोटापे से संबंधित बीमारियों जैसे मधुमेह, स्लीप एपनिया, जोड़ों के दर्द, हार्मोनल असंतुलन, पीसीओडी, बांझपन, हृदय और गुर्दे की बीमारियों, फैटी लीवर अध: पतन आदि में सुधार और इलाज के लिए प्रभावी साबित हुई है ।
पत्रकार वार्ता में हेल्थ सिटी के निदेशक डॉ संदीप कपूर ने बताया कि हेल्थ सिटी अस्पताल उन्नत तकनीकों से सुसज्जित है और उच्च प्रशिक्षित चिकित्साकर्मियों द्वारा देखभाल प्रदान करने के लिए समर्पित है। डॉ पटोलिया ने बताया कि बेरियाट्रिक सर्जरी विभाग आवश्यकताओं और संकेतों के अनुसार एंडोस्कोपिक बैलून, स्लीव गैस्ट्रेक्टोमी, मिनी गैस्ट्रिक बाइपास, मानक R और Y गैस्ट्रिक बाइपास, बैंडेड सर्जरी और स्वयं की आवश्यकताओं और संकेतों के अनुसार संशोधन बैरिएट्रिक प्रक्रियाएँ प्रदान करेगा।
डॉ पटोलिया ने कहा कि इस सर्जरी में सर्जरी का चुनाव विशेषकर तीन प्रकार की बेरियाट्रिक सर्जरी में मरीज के अनुकूल सर्जरी का चुनाव बहुत महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने कहा कि सर्जरी से पूर्व जहां मरीज की हेल्थ को लेकर अनेक प्रकार की जांच और काउंसलिंग कर उसके स्वास्थ्य की स्थिति का आकलन किया जाता है, वहीं काउंसलिंग में भविष्य में उसकी खानपान को लेकर प्रतिबद्धता कैसी है, इसे देखने के बाद ही सर्जरी प्लान की जाती है, अगर वह खाने-पीने की आदतों में बदलाव करने पर सहमत नहीं होगा तो सर्जरी कराने का लाभ नहीं है, क्योंकि अगर खानपान पर प्रतिबंध नहीं लगाया तो फिर से मोटापा का शिकार हो सकते हैं। डॉ पटोलिया ने बताया कि बेरियाट्रिक सर्जरी लेप्रोस्कोपिक होती है इसका खर्च
सर्जरी के अनुसार 3 से 6 लाख रुपये आता है। पत्रकार वार्ता में अधीक्षक डॉ केके सिंह भी उपस्थित थे।