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कर्मचारी शिक्षक संयुक्‍त मोर्चा के आंदोलन में भागीदारी करेगा फार्मासिस्‍ट फेडरेशन

-पुरानी पेंशन, पदों के मानक सहित विभिन्न मांगों को लेकर 18 मई को होगा प्रदेशव्‍यापी धरना-प्रदर्शन

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ फार्मेसिस्ट फेडरेशन ने पुरानी पेंशन बहाली, जिलों में परिवर्तित मेडिकल कॉलेजों में समाप्त हो रहे पदों को बचाने, संविदा के लिए नीति बनाने, निजीकरण समाप्त करने के लिए कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा द्वारा घोषित आंदोलन में भागीदारी करने का निर्णय लिया है।  एक वर्चुअल बैठक में विभिन्न फार्मेसिस्ट संघों के पदाधिकारियों द्वारा फार्मेसिस्ट संवर्ग की लंबित मांगों पर भी चिंता जताई है।

फेडरेशन के  अध्यक्ष सुनील यादव, महामंत्री अशोक कुमार, संयोजक के के सचान, वरिष्ठ उपाध्यक्ष जे पी नायक, ने कहा कि प्रदेश के फार्मेसिस्ट वेतन विसंगति की समस्या लगातार उठा रहे हैं, लेकिन मुख्य सचिव समिति द्वारा अभी तक फार्मेसिस्ट की वेतन विसंगति पर कोई चर्चा नहीं की।  

फेडरेशन ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली, पदों के मानक निर्धारण, पुनर्गठन सहित विभिन्न सामूहिक एवं संवर्गीय मांगों के समर्थन में मोर्चे द्वारा 18 मई को प्रत्येक जनपद में धरने का आयोजन किया है, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद इसमें भागीदारी कर रहा है, फेडरेशन, मोर्चे और परिषद का एक संबद्ध परिसंघ है इसलिए सभी फार्मेसिस्ट संघ इसमें साथ हैं । जिसमे एलोपैथ के साथ वेटरनरी, आयुर्वेद यूनानी, होम्योपैथ, श्रम, समाज कल्याण, सभी  संस्थानों , आयुर्विज्ञान संस्थान के फार्मेसिस्ट शामिल हैं। 

सभी विभागों में आए दिन पदोन्नति ना होने का मामला प्रकाश में लाया जा रहा है, होम्योपैथ फार्मेसिस्टों को समय पर एसीपी तक नहीं मिल रही, वेटनरी की नियमावली निर्माण की प्रक्रिया बेवजह विवादित बनाई जा रही है, संविदा का वेतन निर्धारण नही हुआ, पीजीआई, लोहिया, सैफई में पदों का सृजन नहीं हो रहा है, कारागार में उच्च पद सृजित नहीं हुए इस प्रकार श्रम , समाज कल्याण सहित सभी विभागों के कर्मी मानसिक रूप से परेशान हैं।

बैठक में मुख्य रूप से  लखनऊ के डॉ राम मनोहर लोहिया संस्थान सहित प्रदेश के विभिन्न जिला चिकित्सालयों एवं महिला चिकित्सालयों को एक साथ मिलाकर उन्हें मेडिकल कॉलेज बनाये जाते समय वहां पर पूर्व से कार्यरत सभी कर्मचारियों को धीरे-धीरे कार्यमुक्त कर चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग को भेजने का मुद्दा उठा। पदाधिकारियों ने कहा कि इससे अनेक जटिलताएं उत्पन्न हो रही हैं जो आगे और विकराल रूप ले सकती हैं, विभिन्न संवर्गों के अनेक पद समाप्त हो जा रहे हैं, वहीं उच्च संवर्गीय पदोन्नति के पद भी समाप्त हो रहे हैं, जिससे पदोन्नतियां बाधित होंगी।

फार्मासिस्ट संवर्ग में प्रभारी अधिकारी फार्मेसी के पद जिला चिकित्सालयों में ही सृजित हैं, वहीं चीफ फार्मेसिस्ट के ज्यादातर पदों को जिला और महिला चिकित्सालयों में स्थापित किया गया है, इन परिस्थितियों में यह सभी पद समाप्त हो जाएंगे, जिससे कार्मिक नीचे के पदों से ही सेवानिवृत्त होने लगेंगे। 

बैठक में वेटनरी फार्मेसिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष किरण सिंह, होम्योपैथ फार्मेसिस्ट सेवा संघ के महामंत्री शिव प्रसाद, आयुर्वेद एवं यूनानी फार्मेसिस्ट संघ के अध्यक्ष चंद्र प्रकाश पांडेय, ई एस आई फार्मेसिस्ट संघ के अध्यक्ष उदयराज सिंह, समाज कल्याण फार्मेसिस्ट एसो के अध्यक्ष ए आर कौशल, होमगार्ड फार्मेसिस्ट एसो, के जी एम यू के अध्यक्ष प्रदीप गुप्ता, लोहिया संस्थान के अध्यक्ष अशोक , सैफई आयुर्विज्ञान संस्थान के अध्यक्ष राजीव यादव, एस जी पी जी आई फार्मेसिस्ट एसो के अध्यक्ष दिनेश कुमार, यूथ फार्मेसिस्ट एसो के अध्यक्ष आदेश, संविदा के अध्यक्ष प्रवीण यादव, उपाध्यक्ष राजेश सिंह, वाराणसी के अध्यक्ष जे एस उपाध्याय, सालिक राम गुप्ता, अखलाक, अजीत यादव, दिल्ली सरकार के जनेश्वर, जितेंद्र कुमार,  साइंटिफिक विंग आदि के पदाधिकारी उपस्थित थे। सभी संवर्गों की प्रमुख मांगों पर चर्चा हुई, जल्द ही सभी को समाहित कर कार्मिक विभाग को पत्र भेजा जायेगा। रिटायर विंग के साथियों ने भी अपने अनुभव बांटे।

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