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भारत विकास परिषद ने स्‍कूली बच्‍चों के बीच मनाया गणतंत्र दिवस

-अपने साथ-साथ दूसरों की भलाई के कार्य भी करने का दिया संदेश

-धर्मार्थ शिक्षा केंद्र के बच्‍चों ने प्रस्‍तुत किये सांस्‍कृतिक कार्यक्रम

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। मडि़यांव क्षेत्र स्थित होम्‍योपैथिक रिसर्च फाउंडेशन के बहुउद्देशीय सेवा केंद्र पर आज समारोहपूर्वक गणतंत्र‍ दिवस मनाया गया। भारत विकास परिषद की परमहंस शाखा द्वारा आयोजित कार्यक्रम में झंडारोहण के साथ ही यहां संचालित भारत ज्‍योति धर्मार्थ शिक्षा केंद्र के विद्यार्थियों द्वारा अनेक सांस्‍कृतिक कार्यक्रम प्रस्‍तुत किये गये। आज ही वसंत पंचमी होने के कारण माता सरस्‍वती के चित्र पर पुष्‍प अर्पित किये गये। इस मौके पर वक्‍ताओं ने बच्‍चों को अनेक शिक्षाप्रद जानकारी देते हुए अपने और परिवार के साथ ही दूसरे लोगों के लिए भी भलाई का कार्य करने की नसीहत दी।

मड़ि‍यांव थाने के पीछे गायत्री नगर, नौबस्‍ता खुर्द में होम्‍योपैथिक रिसर्च फाउंडेशन के बहुउद्देशीय सेवा केंद्र पर भारत विकास परिषद, भारत ज्‍योति के अनेक पदाधिकारियों व सदस्‍यों की उपस्थिति रही। कार्यक्रम में झंडारोहण के बाद बच्‍चों से तिरंगे के रंगों को लेकर प्रश्‍न पूछे गये जिनका बच्‍चों ने सही उत्‍तर दिया। इसके बाद अपने सम्‍बोधन में भारत ज्‍योति परिषद के संस्‍थापक अध्‍यक्ष विजय आचार्य  ने यहां चल रहे विद्यालय भारत ज्‍योति धर्मार्थ शिक्षा केंद्र की शुरुआत होने की कहानी शेयर करते हुए बताया कि 2008 में मैंने वर्तमान में भारत विकास परिषद के क्षेत्रीय संरक्षक डॉ गिरीश गुप्‍ता से स्‍कूल खोलने के बारे में इच्‍छा व्‍यक्‍त की तो डॉ गिरीश गुप्‍ता ने यहां होम्‍योपैथिक रिसर्च फाउंडेशन के बहुउद्देशीय सेवा केंद्र पर खोलने के लिए अपनी सहमति जता दी। इस प्रकार मई 2008 में स्‍कूल शुरू हो गया। उन्‍होंने कहा कि डॉ गिरीश गुप्‍ता के सहयोग के बिना स्‍कूल शुरू होना संभव ही नहीं था।

उन्‍होंने बताया कि भारत ज्‍योति इसी तरह का एक और स्‍कूल सुल्‍तानपुर रोड पर अंसल सिटी के पास एक गांव में 2000 स्‍क्‍वॉयर फीट का प्‍लॉट है, उस पर बन रहा है। इस प्रकार एक स्‍कूल यहां रहेगा तथा दूसरा वहां रहेगा, उन्‍होंने बताया कि इसके संचालन में हम कोई सरकारी अनुदान नहीं लेते हैं, आपसी सहयोग से संचालन करते हैं।  

समारोह में बच्‍चों ने सांस्‍कृतिक कार्यक्रम प्रस्‍तुत किये। इनमें बच्‍चों ने गीत, नृत्‍य और एक लघु नाटक प्रस्‍तुत किया। ऐ वतन मेरे वतन आबाद रहे तू…गीत तथा हे शारदे मां… सरस्‍वती वंदना, नन्‍हा-मुन्‍ना राही हूं, देश का सिपाही हूं…, रंगीलो म्‍हारो ढोलना…, कहते हैं मुझको प्‍यार से इंडिया वाले…, ये दुनिया इक दुल्‍हन…गीतों पर पर नृत्‍य प्रस्‍तुत किये गये। छोटी बच्‍ची अहाना गुप्‍ता के देश मेरा रंगीला…पर किये गये डान्‍स ने सबका मन मोह लिया। इसके अतिरिक्‍त शिक्षा के महत्‍व का संदेश देती नाटिका, जिसमें अज्ञानता के चलते दवा की जगह जहर खिलाने से बच्‍चे की मौत होने की बात थी, का मार्मिक प्रस्‍तुतिकरण किया गया।

इसके बाद अपने सम्‍बोधन में भारत विकास परिषद के सचिव एडवोकेट यतीन्‍द्र कुमार गुप्‍ता ने कहा कि आज के कार्यक्रम के आयोजन में तन और मन दोनों स्‍वस्‍थ करने वाले डॉ गिरीश गुप्‍ता, प्रांतीय संयोजक शैलेश अस्‍थाना, योगेश मिश्रा, राधा मिश्रा, मदन लाल अग्रवाल, शैलेश अस्‍थाना की महत्‍वपूर्ण भूमिका रही। इस मौके पर शैलेश अस्‍थाना को उनके द्वारा सौ बार रक्‍त दान किये जाने के लिए सम्‍मानित किया गया। उन्‍होंने इस मौके पर आसान शब्‍दों में बच्‍चों को समझाते हुए रक्‍तदान की महत्‍ता बतायी। उन्‍होंने कहा कि 18 वर्ष से ऊपर के व्‍यक्ति रक्‍तदान कर सकते हैं। उन्‍होंने कहा कि रक्‍तदान के बहुत फायदे हैं, सबसे बड़ा फायदा बहुत सारी जांचें फ्री हो जाती हैं।

प्रांतीय संयोजक भारत विकास गुरु गोविन्‍द पटल स्‍नेहलता शर्मा ने भी सम्‍बोधित करते हुए बच्‍चों को स्‍वास्‍थ्‍यवर्धक चीजें जैसे गाजर, हरी सब्जियां खाने की सलाह दी। उन्‍होंने शैलेश अस्‍थाना को रक्‍तदान के लिए सेल्‍यूट करत हुए उनकी प्रशंसा में पंक्तियां पढ़ी, उन्‍होंने कहा कि रक्‍त जो बहता धरा पर व्‍यर्थ है, रक्‍त जीवन दे उसी का अर्थ है, रक्‍त को जिसने रचा वो श्रेष्‍ठ है, रक्‍त को जिसने दिया अतिश्रेष्‍ठ है। उन्‍होंने बच्‍चों से कहा कि आज का काम अभी करने की आदत डालो, …आज है आधार कल का, कल कभी न आयेगा, कल की तलाश में फि‍र कल भी निकल जायेगा, आजकल करते हुए तुम आज को यूं न गुजारो, आज है आधार कल का, तुम आज को ही संवारो…।

डॉ गिरीश गुप्‍ता ने अपने सम्‍बोधन में बच्‍चों से कहा कि हम लोगों को साल में दो बार गणतंत्र दिवस और स्‍वतंत्रता दिवस पर आप लोगों के बीच आने का मौका मिलता है, तो हमें अपना बचपन याद आ जाता है कि कभी हम लोग भी आपकी तरह ऐसे समारोह में शामिल होते थे। उन्‍होंने कहा कि राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी, पूर्व राष्‍ट्रपति एपीजे अब्‍दुल कलाम बचपन में आप लोगों जैसे ही थे, इन लोगों ने अच्‍छी पढ़ाई, अच्‍छे कार्य कर‍के इतना बड़ा मुकाम हासिल कर लिया, इसलिए आप लोग भी मन लगाकर पढ़ि‍ये, साफ-सुथरे रहिये, फल-सब्जियां खाइये इससे खून बनता है, चिप्‍स आदि न खाइये। डॉ गिरीश ने शैलेश अस्‍थाना की रक्‍तदान के लिए प्रशंसा करते हुए डॉ गुप्‍ता ने बच्‍चों से कहा कि आप दूसरों के लिए जो कार्य करते हैं, उसमें आपको अंदरूनी खुशी मिलती है। उन्‍होंने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि उन्‍होंने एक बार अपने पिताजी को हार्टअटैक आने के बाद रक्‍त दिया था, उससे जो उन्‍हें खुशी हासिल हुई थी, उसका कोई जवाब नहीं है, उन्‍होंने कहा कि जब मुझे एक बार रक्‍तदान करने में इतनी खुशी हासिल हुई है तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि शैलेश अस्‍थाना को मेरे मुकाबले सौ गुना ज्‍यादा खुशी मिली होगी।

उन्‍होंने कहा कि इसी प्रकार यहां धर्मार्थ चिकित्‍सालय हो या शिक्षा केंद्र, सिलाई प्रशिक्षण हो या फि‍र दांतों का क्‍लीनिक, हम लोगों ने यही सोच कर कार्य किया कि इससे गरीबों, वंचितों को लाभ मिलेगा, और जब ऐसा होता हुआ देखते हैं तो जो खुशी प्राप्‍त होती है, वह बयां नहीं कर सकता हूं। उन्‍होंने कहा कि इसकी प्रेरणा मुझे भारत विकास परिषद के बीएल राही से मिली। उन्‍होंने कहा कि वे हमेशा मुझसे कहते थे कि दूसरों के लिए कुछ करो, इसके बाद ही मैंने इस भवन की जमीन ली।

डॉ गिरीश गुप्‍ता ने कहा कि‍ जब अपनी पत्‍नी सीमा गुप्‍ता के साथ वर्ष 2006 में यहां प्‍लॉट देखने आये थे तो यहां खेत ही खेत थे, जिनमें पानी भरा रहता था, उनके डॉक्‍टरी में व्‍यस्‍त रहने के कारण उनकी पत्‍नी ने इस प्‍लॉट पर निर्माण कराने की जिम्‍मेदारी अपने कंधों पर उठायी, उन्‍होंने बताया कि उस समय यहां कोई टॉयलेट नहीं था इसलिए उनकी पत्‍नी जितनी देर यहां रहती थीं, पानी नहीं पीती थीं, जिससे उन्‍हें टॉयलेट जाने की जरूरत न पड़े, इस प्रकार उन्‍होंने कई तरह की कठिनाइयों के बीच महीनों रोजाना यहां पहुंचकर अपनी देखरेख में भवन का निर्माण कराया, तब 2007 में वहां साई शरण धर्मार्थ होम्‍योपैथिक चिकित्‍सालय खोला गया। इसके बाद 2008 में भारत ज्‍योति धर्मार्थ शिक्षा केंद्र खोला गया, तबसे इसका संचालन भारत ज्‍योति एवं होम्‍योपैथिक रिसर्च फाउंडेशन द्वारा किया जा रहा है। इस भवन में होम्‍योपैथिक चिकित्‍सालय और शिक्षा केंद्र के अतिरिक्‍त कमजोर तबके की महिलाओं को आत्‍मनिर्भर बनाने के लिए रोटरी क्‍लब ऑफ लखनऊ के सहयोग से रोटरी-सीमा प्रेरणा सिलाई स्‍कूल और दांतों के उपचार के लिए सरस्‍वती डेंटल कॉलेज का ग्रामीण सैटेलाइट सेंटर भी संचालित हो रहा है। उन्‍होंने बच्‍चों से कहा कि इन बातों को बताने का तात्‍पर्य यह है कि इससे आप यह शिक्षा लें कि आप अपने लिए, परिवार के लिए काम करें, साथ ही दूसरों के लिए भी कार्य करें, आपको बहुत खुशी महसूस होगी, उन्‍होंने आश्‍वस्‍त किया कि यह स्‍कूल चलता रहेगा, हम लोग देखभाल करते रहेंगे।

यतीन्‍द्र कुमार गुप्‍ता ने कहा कि बच्‍चे संस्‍कारवान बनें, कल आप जब बड़े आदमी बन जायें तो अपने गुरु को भूलें नहीं, क्‍योंकि गुरू का दर्जा बहुत बड़ा होता है। उन्‍होंने बच्‍चों के ज्ञान की तारीफ करते हुए यहां पढ़ाने वाले शिक्षकों की भी तारीफ की।

योगेश मिश्रा ने एक दृष्‍टांत सुनाया कि इलाहाबाद में सरस्‍वती शिशु मंदिर में एक महिला टीचर पढ़ाती थीं, उनका पढ़ाने के प्रति समर्पण इतना था कि उन्‍होंने विवाह नहीं किया। जब वह अध्‍यापन कार्य पूर्ण कर चुकीं और अपने घर बरेली पहुंचीं तो उनके परिवारवालों ने उन्‍हें घर में नहीं घुसने दिया। उनकी स्थिति यह हो गयी थी कि वह बरेली रेलवे स्टेशन पर भीख मांगती थीं। योगेश ने बताया कि एक दिन उनके मित्र संजय की नजर उन महिला पर पड़ी तो उन्‍होंने टीचर को पहचान लिया, उन टीचर ने संजय को पढ़ाया था। इसके बाद वे उसी समय अपने साथ टीचर को लखनऊ ले आये और अपने ग्रुप के 300 सदस्‍यों से एक-एक हजार रुपये का योगदान लेकर टीचर के लिए 700 स्‍क्‍वॉयर फीट का एक घर खरीदा, और प्रतिमाह उनके जीवन-यापन के लिए सभी लोग सहायता करते रहे, यह सब 12 साल चला, पिछले दिनों कोरोना काल में उन टीचर की मृत्‍यु हो गयी। उन्‍होंने बताया कि इस प्रसंग को सुनाने का मकसद सिर्फ इतना ही था कि ऐेसे होते हैं गुरु और छात्र के संबंध।

अंत में भारत विकास परिषद परमहंस शाखा के अध्‍यक्ष दिनेश चंद्र मिश्र ने धन्‍यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि हम सब लोग एक परिवार के सदस्‍यों की तरह हैं, इस परिवार को शुरू करने और ऐसी स्थिति में लाने का श्रेय अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर के चिकित्‍सक डॉ गिरीश गुप्‍ता को है। उन्‍होंने सरस्‍वती शिशु मंदिर के पूर्व प्रधानाचार्य रणवीर सिंह, जिला समन्‍वयक डीसी मौर्या, शाखा सदस्‍य व अवध प्रांत के संरक्षक मदन लाल अग्रवाल, सचिव यतीन्‍द्र कुमार गुप्‍ता, प्रांतीय संयोजक स्‍वास्‍थ्‍य रक्षण शैलेश अस्‍थाना सहित सभी लोगों को कार्यक्रम में शामिल होने के लिए धन्‍यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में फलों का वितरण बीआर गुलाटी के सौजन्‍य से हुआ। कार्यक्रम में रिटायर्ड आईपीएस हरभजन सिंह डॉ वीना गुप्‍ता, राधा मिश्रा, डॉ विपिन सिंह, डीसी मौर्या, मदन लाल अग्रवाल सहित बड़ी संख्‍या में बच्‍चे, अध्‍यापिकाएं आदि उपस्थित रहे।      

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