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फार्मासिस्‍टों ने अपने अधिकारों की रक्षा के लिए मुख्‍यमंत्री से लगायी गुहार

-फार्मासिस्‍ट फेडरेशन की युवा इकाई ने मनाया अधिकार दिवस, मांगों का प्रस्‍ताव पारित कर भेजा 12 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में फार्मासिस्ट संवर्ग के लिए रोजगार सृजन और अधिकारों की रक्षा के लिए आज 9 जनवरी को फार्मासिस्टों ने अधिकार दिवस मनाया और अपनी मांगों के समर्थन में प्रस्ताव पारित कर मुख्यमंत्री को 12 सूत्रीय मांगों वाला ज्ञापन भेजा। कार्यक्रम की शुरुआत राजधानी के वन विभाग कार्यालय से हुई। यहां पर सैंकड़ों की संख्या में जुटे फार्मासिस्टों ने सबसे पहले उत्तर प्रदेश फार्मासिस्ट फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव का जन्मदिन मनाया। इस अवसर पर फार्मेसिस्ट फेडरेशन की यूथ विंग के पदाधिकारियों की घोषणा भी की गई, जिसमें संरक्षक उपेंद्र यादव, अध्यक्ष आदेश, सचिव पी एस पाठक, अजीत, संगठन मंत्री अफजल अहमद, प्रभारी संयोजन अमर यादव, उपाध्यक्ष अनूप आनंद, देश दीपक मिश्रा, राम सरन, सुजीत वर्मा  शिखा मिश्रा निर्वाचित हुए। इसके अलावा मंडलीय प्रभारी भी मनोनित किए गए। आज फार्मेसिस्ट फेडरेशन की यूथ विंग की तरफ से प्रदेश के सभी फार्मासिस्ट कालेजों में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सभी जनपदों में अलग-अलग कार्यक्रम किए गए, कई जनपदों में रैली, सेमिनार भी आयोजित किए गए।

फार्मासिस्टों के अधिकारों का हो रहा हनन : सुनील यादव

इस अवसर पर फार्मासिस्ट फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव ने बताया कि  सीएचओ (कम्युनिटी हेल्थ ऑफीसर) के पदों की संकल्पना करते समय नेशनल हेल्थ पॉलिसी में फार्मेसिस्टो को भी वेलनेस सेंटर पर तैनात किए जाने की बात नीतिगत रूप से डॉक्यूमेंट में लाई गई थी, लेकिन उसे लागू नहीं किया गया। जब कम्युनिटी हेल्थ ऑफीसर के पदों का सृजन होना शुरू हुआ (भले ही वह संविदा के आधार पर हो) उस समय केवल नर्सिंग संवर्ग के लोगों को ही सी एच ओ के योग्य माना गया और अब तो बीएससी नर्सिंग के कोर्स में सीएचओ की ट्रेनिंग को सम्मिलित कर दिया गया, सीएचओ को कुछ दवाएं वितरित करने का अधिकार दिया गया जो नैतिक रूप से फार्मासिस्टों के अधिकारों का हनन है। जिला अस्पताल और महिला अस्पताल मिलाकर मेडिकल कॉलेज बन रहे हैं और वहां पर पूर्व से सृजित पद समाप्त हो रहे हैं । प्रदेश के लगभग दो हजार फार्मासिस्ट, चीफ फार्मासिस्ट, प्रभारी अधिकारी फार्मेसी के पद समाप्त हो जाएंगे तो फिर नई नियुक्तियां नहीं हो पायेंगी। उन्होंने कहा कि आज आवश्यकता है कि फार्मेसिस्ट अपने अधिकारों की जानकारी रखें।

दवा वितरण के लिए फार्मासिस्ट जरूरी

सुनील यादव ने कहा कि दवाओं का वितरण जहां पर भी हो रहा हो, वहां पर फार्मासिस्ट जरूर होना चाहिए, साथ ही उनका मानदेय तय होना चाहिए। मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश के अन्दर करीब एक लाख पचास हजार रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट हैं, जिनका जनहित में उपयोग हो सकता है, इनका उपयोग होने से आम लोगों को सही दवा मिल सकेगी और वह गलत दवाओं के प्रयोग से बचेंगे। 

एक मंच पर आये सभी विधाओं के फार्मासिस्ट

आज अधिकार दिवस के अवसर पर फार्मासिस्ट फडरेशन के बैनर तले सभी विधाओं के फार्मासिस्ट जुटे। जिसमें होम्योपैथी,आयुर्वेद तथा वेटरनरी फार्मासिस्ट प्रमुख रूप से शामिल रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता सुनील यादव ने तथा संचालन उपेंद्र ने किया। सभा में फेडरेशन के  संयोजक एवं फीपो के राष्ट्रीय अध्यक्ष के के सचान, उपाध्यक्ष ओ पी सिंह, राजेश सिंह, संविदा फार्मेसिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रवीण यादव, महामंत्री अशोक कुमार, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रदेश सचिव डॉक्टर पी के सिंह डिप्लोमा फार्मेसिस्ट एसोसिएशन फर्रुखाबाद के अध्यक्ष चक्र सिंह सहित अनेक फार्मेसिस्ट संघों के पदाधिकारी उपस्थित थे।

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