-तार के स्थान पर दांतों के नाप से तैयार ट्रांसपेरेंट एलाइनर को करना होगा फिक्स
-केजीएमयू के दंत संकाय में कार्यशाला आयोजित, संकाय में मंगायी जायेंगी एलाइनर निर्माण मशीन
सेहत टाइम्स
लखनऊ। अब दांतों को सीधा करने के लिए तार लगाने की जरूरत नहीं है, दांतों को सीधा करने के लिए ट्रांसपेरेंट एलाइनर को दांतों में फिक्स कर दिया जाता है, इसके बाद तार की ही तरह एक निश्चित अवधि बाद दांतों के सीधा होने के बाद एलाइनर लगाने की जरूरत नहीं पड़ती है। इस विधि से उपचार का सबसे बड़ा लाभ यह है कि ट्रांसपेरेंट होने के कारण दांतों में लगा यह उपकरण दूसरों को आसानी से नहीं दिखेगा जबकि दांतों में बंधे तार स्पष्ट नजर आते हैं। इस सम्बन्ध में आज यहां किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के ऑर्थोडॉन्टिक्स एंड डेंटोफेशियल ऑर्थोपेडिक्स विभाग में एक कार्यशाला “एलाइनर के साथ उपचार” का आयोजन किया गया। भविष्य में केजीएमयू में इस विधि से उपचार करने के लिए एलाइनर निर्माण के लिए आवश्यक मशीन लगेगी।
कार्यशाला के आयोजन अध्यक्ष प्रो जीके सिंह व सहआयोजक प्रो अमित नागर ने बताया कि शनिवार 26 नवम्बर को आयोजित इस कार्यशाला का शुभारम्भ मुख्य अतिथि डीन, फैकल्टी ऑफ डेंटल साइंसेज प्रो एपी टिक्कू ने किया। प्रो एपी टिक्कू ने अपने सम्बोधन में कहा कि ऑर्थोडोन्टिक्स विभाग व मरीजों के इलाज के नये तरीके एलाइनर से आये परिवर्तन मरीजों के लिए बेहतर है। पहले मरीज विभाग मे आकर कहते थे कि मुझे अपने दांत सीधे कराने हैं और तार लगवाने हैं पर अब इस नये उपकरण में तो तार ही नही हैं। उन्होंने कहा कि के.जी.एम.यू. के दन्त संकाय में भी जल्द ही एलाइनर मशीनें उपलब्ध करा दी जायेंगी। विशिष्ट अतिथि डॉ वीपी शर्मा ने एलाइनर उपकरण के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि मैं इस एप्लाइंस वायरलैस एप्लायंस कहता हूं, क्योंकि इसमें कोई वायर नहीं होता।
प्रो जीके सिंह ने प्रो टिक्कू और विशिष्ट अतिथि पूर्व विभागाध्यक्ष और डीन, फैकल्टी ऑफ डेंटल साइंसेज प्रो. डॉ. वी.पी. शर्मा का स्वागत और अभिनंदन करने के बाद अपने सम्बोधन में कहा कि परिवर्तन ही प्रकृति का नियम है इसलिए सभी को ऑर्थोडोन्टिक्स ट्रीटमेन्ट मे आये इस परिवर्तन को स्वीकार करना चाहिये। उन्होंने बताया कि इस उपकरण को प्रत्येक मरीज के दांत की नाप के अनुसार तैयार किया जाता है।
“एलाइनर” के इस कार्यशाला में दिल्ली से विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया था, जिन्होंने क्षेत्र में विभिन्न प्रगति की व्याख्या की और एक हैंड्स-ऑन ट्यूटोरियल के साथ स्कैनर्स मशीन से स्कैनिग कैसे की जाती है का लाइव प्रदर्शन भी किया। इस मौके पर ऑर्थोडॉन्टिक्स क्षेत्र के अनेक वरिष्ठ संकाय सदस्यों और चिकित्सकों सहित विभिन्न डेंटल कॉलेजों के प्रतिभागी उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत में डॉ अमित नागर ने धन्यवाद सम्बोधन किया।