-खानपान, जीवन शैली के चलते बढ़ रहे हैं गुर्दे, पेशाब की नली और पेशाब की थैली की पथरी के मामले
सेहत टाइम्स
लखनऊ। खानपान की आदतें, पानी पीने की कमी और खराब लाइफ स्टाइल के चलते गुर्दे (किडनी), पेशाब की नली (यूरेटर) और पेशाब की थैली (ब्लैडर) में पथरी के केस बढ़ रहे हैं। 2 से 8 प्रतिशत लोग इससे ग्रस्त हो रहे हैं, यह प्रतिशत बहुत ज्यादा है। इसलिए बेहतर यही है कि पथरी से बचा जाये, इसके लिए जंक फूड का सेवन न करें, पानी कम न पीयें और अपनी लाइफ स्टाइल को दुरुस्त रखें। जिम जाने वाले लोग अगर फूड सप्लीमेंट ले रहे हैं तो किसी जानकार की निगरानी में लें। नमक अलग से न खायें, क्योंकि ज्यादा नमक का सेवन भी पथरी बना देता है। लेकिन अगर पथरी हो गयी है तो इसके इलाज में लापरवाही न करें, यदि चिकित्सक सर्जरी की सलाह दे रहे हैं तो सर्जरी करा लेनी चाहिये।
यह जानकारी यहां केजीएमयू के अटल बिहारी वाजपेई साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) एवं एसोसिएशन ऑफ सर्जन ऑफ इंडिया लखनऊ चैप्टर द्वारा 14 से 16 अक्टूबर तक तीन दिवसीय यूपीएसीकॉन -2022 के दूसरे दिन आयोजन अध्यक्ष डॉ एचएस पाहवा ने देते हुए बताया कि सर्जरी का फैसला लेने के लिए जांच कराकर जब पथरी डायग्नोज हो जाये तो यदि 5 मिली मीटर तक की पथरी है तो इंतजार कर सकते हैं, वह दवाओं से निकल सकती है, अगर इससे बड़ी 9 मिलीमीटर तक की है तो भी कुछ दिन तक दवाओं से निकलने का इंतजार कर सकते हैं लेकिन अगर 9 मिलीमीटर से बड़ी है तो बिना सर्जरी दवाओं से निकलने की संभावना बहुत कम होती है, इसलिए इसे सर्जरी कर निकलवा लेनी चाहिये।
डॉ पाहवा ने बताया कि पथरी होने के कारणों में पानी की क्वालिटी के साथ ही पानी की क्वान्टिटी भी बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि टमाटर या पालक पथरी होने के कारण नहीं हैं, इससे बड़ा कारण तो नमक है, जिसके बारे में ज्यादातर लोगों की धारणा है कि यह सिर्फ ब्लड प्रेशर में ही नुकसान करता है, नमक से भी पथरी बनती है क्योंकि जैसा कि दादी-नानी कहा करती हैं कि ज्यादा नमक हड्डियां गलाता है, वह सही है, यह हड्डियों की गलन ही पथरी बन जाती है। नमक को ऊपर से नहीं लेना चाहिये। हड्डियों के गलन के बारे में एक और खास बात बताते हुए डॉ पाहवा ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति लम्बे समय से लेटा हुआ है, तो भी उसकी हड्डियों को नुकसान पहुंचता है, और पथरी बनने की संभावना रहती है। उन्होंने कहा कि दूध लेने में कोई हर्ज नहीं है।