-मशीन का ट्रायल रन प्रारम्भ, जल्दी ही समारोहपूर्वक होगा मशीन का शुभारम्भ
सेहत टाइम्स
लखनऊ। यहां गोमती नगर स्थित डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में मरीजों को और सुरक्षित खून मिलेगा। यहां के ब्लड बैंक में आईडी-नेट (इनडीवुजल न्यूक्लीयर एसिड टेस्ट) मशीन स्थापित की गई है। इस मशीन की खूबी यह है कि इसमें अब और कम समय में खून में पनपे एचआईवी व हेपेटाइटिस जैसे संक्रमण की पहचान की जा सकेगी। यानी इस नयी मशीन से जांच से वायरस के पनपने का विंडो पीरियड काफी कम हो जायेगा। मशीन का ट्रायल रन आज शनिवार से शुरू कर दिया गया है। उम्मीद है दस दिन के अंदर मशीन का विधिवत शुभारंभ किसी बड़ी हस्ती को बुलाकर कराया जायेगा।
इस बारे में संस्थान की निदेशक डॉ सोनिया नित्यानंद ने कहा है कि लखनऊ और पूर्वी उत्तर प्रदेश में इस तरह की पहली मशीन लगाई गई है, अभी तक यूपी में एकमात्र आईडी-नेट मशीन अलीगढ़ स्थित मेडिकल कॉलेज में लगी है जहां से पश्चिम उत्तर प्रदेश के आठ ब्लड बैंक के नमूनों की जांच की जा रही है। लखनऊ में लगी इस मशीन की क्षमता रोजाना 1230 नमूनों को जांच करने की है, यानी यह पूरे पूर्वी उत्तर प्रदेश के ब्लड बैंक के नमूनों की जांच करने में सक्षम है। बताया जाता है कि इस मशीन के लिए प्रयास तो काफी पहले से किये जा रहे थे लेकिन डॉ सोनिया नित्यानंद के निदेशक पद सम्भालने के बाद इन प्रयासों को बल मिला और परिणामस्वरूप मशीन संस्थान को उपलब्ध करायी जा सकी।
इस बारे में लोहिया संस्थान के ब्लड बैंक प्रभारी डॉ वीके शर्मा ने बताया कि लोहिया संस्थान में करीब 1000 बेड हैं। प्रदेश भर से गंभीर मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं। इन मरीजों को दवा व ऑपरेशन आदि से इलाज के दौरान मरीजों को खून चढ़ाने की जरूरत पड़ रही है। रोजाना 100 से 150 यूनिट खून व अवयव की खपत है। ब्लड बैंक में करीब 700 यूनिट खून है।
पहले की मशीन और इस मशीन से जांच का अंतर
डॉ शर्मा बताते हैं कि अभी खून में संक्रमण का पता लगाने के लिए सिर्फ एलाइजा जांच कराई जा रही है। एलाइजा जांच से शरीर में 15 दिन पूर्व दाखिल हुए एचआईवी वायरस का पता लगा सकता है। जबकि इस नयी मशीन आईडी-नेट से महज चार दिन पहले हुए एचआईवी वायरस के हमले का पता लगाया जा सकेगा।
इसी प्रकार एलाइजा से हेपेटाइटिस-बी 40 दिन के पूर्व हुए संक्रमण की पहचान की जा रही है। लेकिन अब आईडी-नेट मशीन से 15 दिन के भीतर संक्रमण की जानकारी हो सकेगी।
इसी तरह एलाइजा जांच से 60 दिन पूर्व हुए हेपेटाइटिस-सी संक्रमण की पहचान हो रही है। जबकि अब आईडी-नेट से मात्र 2.5 दिन के भीतर भी हुए हेपेटाइटिस सी संक्रमण का भी पता चल जायेगा।
डॉ. वीके शर्मा ने बताया कि सभी खून की एलाइजा जांच होगी एवं इसके साथ साथ आई-डी नेट जांच की जाएगी। मशीन का ट्रायल रन पूरा होते ही इसका लोकार्पण बहुत जल्दी कराया जाएगा।
मुफ्त होगी जांच
खास बात यह है कि अधिक सुरक्षित खून मरीजों को मुफ्त मुहैया कराया जाएगा। आईडी-नेट परखा खून का कोई शुल्क सरकारी अस्पताल में भर्ती मरीजों को नहीं चुकाना होगा। इसकी जांच का सभी खर्च नेशनल हेल्थ मिशन उत्तर प्रदेश के द्वारा वहन किया जायेगा। करीब ढाई करोड़ रुपये की लागत से मशीन ब्लड बैंक में स्थापित की गई है। नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के बजट से मशीन रीजेंट बेस्ड मंगाई गई है।
संक्रमण का खतरा होगा कम
संस्थान की निदेशक डॉ. सोनिया नित्यानंद ने बताया कि मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराने की दिशा में लगातार कदम उठाए जा रहे हैं। आईडी-नेट परखा खून से मरीजों में गंभीर संक्रमण से बचाने में मदद मिलेगी। जल्द ही मशीन का शुभारंभ कराया जाएगा।
कंपनी प्रतिनिधि सुरेंद्र जैन, नेशनल सेल्स मैनेजर, हीमोजेनिक्स का कहना है कि मशीन रोज 1230 रक्त नमूनों की यूनिट जांच कर सकती है। अतः यह मशीन लखनऊ एवं पूर्वी उत्तरप्रदेश के सभी सरकारी ब्लड बैंकों के रक्त नमूनों की जांच करने में सक्षम है।