-पति दयाशंकर सिंह से तलाक के लिए पहले भी दाखिल कर चुकी हैं अर्जी
-वर्ष 2018 में अदालत ने दोनों पक्षों के न पहुंचने की स्थिति में बंद कर दिया था केस
सेहत टाइम्स
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की सियासत में नाटकीय ढंग से धमाकेदार एंट्री करने वाली कार्यवाहक योगी सरकार के मंत्रिमंडल की सदस्य स्वाति सिंह ने अपने पति दयाशंकर से तलाक लेने के लिए पहले से चल रहे केस को दोबारा शुरू करने के लिए फैमिली कोर्ट में अर्जी दाखिल की है।
आपको बता दें हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव में दयाशंकर सिंह भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर बलिया से विधायक चुने गए हैं, जबकि योगी मंत्रिमंडल में शामिल स्वाति सिंह को हाल ही में संपन्न चुनावों में भाजपा ने टिकट नहीं दिया था, पिछली बार की उनकी सीट सरोजिनी नगर से स्वाति सिंह का टिकट काटकर पार्टी ने राजेश्वर सिंह को मैदान में उतारा था।
ज्ञात हो स्वाति सिंह की राजनीति में एंट्री हुई तो बहुत धमाकेदार थी लेकिन बड़े ही नाटकीय तरीके से एंट्री हुई थी। दरअसल पिछले 2017 के चुनाव से पहले भाजपा नेता स्वाति सिंह के पति दयाशंकर सिंह ने बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती के खिलाफ अभद्र टिप्पणी कर दी थी। हालात ऐसे हो गए थे कि इस बात को लेकर भाजपा ने दयाशंकर सिंह को पार्टी से निष्कासित कर दिया था। दूसरी ओर इसी दौरान जब-जब विवाद चल रहा था उस समय बसपा नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी सहित अन्य बसपा नेताओं ने भी दयाशंकर सिंह की पत्नी स्वाति सिंह और उनकी बेटी के खिलाफ अभद्र टिप्पणी कर दी। बस इस टिप्पणी का जवाब देते हुए स्वाति सिंह ने मायावती और बसपा नेताओं के खिलाफ जबरदस्त मोर्चा खोला। इस मोर्चे बंदी में स्वाति सिंह की जो फायर ब्रांड इमेज सामने लाई उसने स्वाति सिंह को एक घरेलू महिला से सीधे राजनीति के मैदान में लाकर खड़ा कर दिया। भारतीय जनता पार्टी ने स्वाति सिंह की तेजतर्रार छवि को देखते हुए सीधे प्रदेश महिला मोर्चा के अध्यक्ष पद ने नवाज दिया। इतना ही नहीं 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्हें सरोजनी नगर से टिकट भी दे दिया, जिसके बाद स्वाति सिंह बड़े अंतर के साथ अपना पहला चुनाव जीतीं।
भाजपा सरकार का गठन होने पर स्वाति सिंह को योगी मंत्रिमंडल में भी स्थान मिला लेकिन 2022 के चुनाव में परिस्थितियों ने करवट ली और स्वाति सिंह का टिकट काटकर सरोजिनी नगर से जहां राजेश्वर सिंह को प्रत्याशी बनाया गया वही दयाशंकर को भाजपा ने बलिया से टिकट दिया। मौजूदा समय में दयाशंकर सिंह विधायक चुने गए हैं जबकि स्वाति सिंह फिलहाल कार्यवाहक मंत्री के रूप में कार्य कर रही है। ऐसा माना जा रहा है कि नए मंत्रिमंडल के गठन के बाद स्वाति सिंह की छुट्टी होना तय है।
दयाशंकर सिंह और स्वाति सिंह के बीच मनमुटाव की खबरें 2017 में ही आने लगी थीं लेकिन उसके बाद तेजी से बदले हालातों में स्वाति सिंह के मंत्री बनने के बाद ऐसा लग रहा था कि सारा मामला शांत हो गया है। स्वाति सिंह ने पहले तलाक की अर्जी दी थी जिस पर आगे सुनवाई भी हुई लेकिन वर्ष 2018 में दोनों पक्षों के अदालत न पहुंचने के कारण केस बंद हो गया था। इसी केस को पुनः शुरू करवाने के लिए स्वाति सिंह ने अब फैमिली कोर्ट में अर्जी दाखिल की है।