-सुविधाओं और क्षमता में बढ़ोतरी, मुख्यमंत्री ने किया लोकार्पण
सेहत टाइम्स
लखनऊ। संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान में आज नवनिर्मित इमरजेंसी मेडिसिन व गुर्दा प्रत्यारोपण केंद्र का उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा लोकार्पण किया गया। इस केंद्र में एक ही छत के नीचे संबंधित उपचार की अत्याधुनिक सुविधाएं विद्यमान हैं।
उद्घाटन समारोह संस्थान के लेक्चर थियेटर के सी वी रमन प्रेक्षागृह में संपन्न हुआ। दीप प्रज्ज्वलन के पश्चात संस्थान के निदेशक प्रोफेसर आर के धीमन ने इमरजेसी मेडिसिन, गुर्दा प्रत्यारोपण केंद्र व अन्य नवनिर्मित प्रोजेक्ट की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की। गुर्दा प्रत्यारोपण केंद्र के इस नवीन केन्द्र मे डायलिसिस की वर्तमान क्षमता 55 स्टेशन से से बढ़कर 110 स्टेशन की गई है । इस केंद्र में क्लीनिकल बेड्स की क्षमता 62 से बढ़ाकर 97, क्रिटिकल केयर नेफोलाजी आई सी यू के 8 से बढ़कर 11 बिस्तर व intervention nephrology के लिए पूर्ण समर्पित दो ऑपरेशन थिएटर भी हैं, जिससे उत्तर प्रदेश के गुर्दा रोग व प्रत्यारोपण के लगभग 50000 रोगियों को उपचार उपलब्ध हो पाएगा।
संस्थान का नवीन इमरजैंसी मेडिसिन विभाग प्रति वर्ष लगभग एक लाख आपातकालीन मरीजों को आपातकालीन उपचार दे पाएगा। इस तरह वर्तमान के 30 बिस्तरों को बढ़ाकर इमरजेंसी के बिस्तरों की संख्या 210 की गई है। इस इमरजैंसी मेडिसिन में एक समर्पित रेडियोलॉजी विंग भी होगा जिसमें MRI, CT, अल्ट्रासाउंड, डीएसए एक्स-रे सभी की सुविधा होगी। संस्थान के निदेशक ने उत्तर प्रदेश सरकार को इस प्रोजेक्ट को रिकॉर्ड समय में पूरा करने के लिए अपना पूर्ण सहयोग देने के लिए हार्दिक आभार व्यक्त किया।
उत्तर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा, वित्त और संसदीय मामलों के मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने निदेशक और उनकी टीम को कोविड पृष्ठभूमि में भी समय के साथ ही प्रोजेक्ट पूर्ण करने के लिए बधाई दी। इस अवसर पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि संजय गांधी पीजीआई ने अपने पूर्वजों की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए रोगी सेवा, शोध और शिक्षण में अपनी उपलब्धियों से पूरे राष्ट्र को गौरवान्वित किया है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी उपस्थित जनसमुदाय को सम्बोधित किया। उन्होंने कोविड-19 महामारी के उत्कृष्ट प्रबंधन के लिए संस्थान की पूरी टीम को बधाई दी और कहा कि अनेक प्रकार की आलोचना और प्रत्यालोचना से प्रभावित हुए बिना उन्होंने अपना सर्वोत्कृष्ट योगदान दिया। पूर्वी उत्तर प्रदेश विशेषकर कुशीनगर और गोरखपुर जिले में जापानी इंसेफेलाइटिस बीमारी के समूल निवारण की दिशा में किए गए अपने गहन और विस्तृत कार्य नियोजन की चर्चा की और कहा कि यह केवल अंतर विभागीय समन्वय से ही संभव हो पाया। उन्होंने संस्थान में 500 करोड़ की लागत वाले एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर के निर्माण की भी घोषणा की।
इस अवसर पर भारत सरकार के आवास व शहरी मामलों के राज्य मंत्री कौशल किशोर, उत्तर प्रदेश सरकार के चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री संदीप कुमार सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और संस्थान के अध्यक्ष डीएस मिश्रा भी उपस्थित थे। प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार ने धन्यवाद ज्ञापित किया।