लखनऊ। परीक्षाओं का मौसम आ रहा है ऐसे में यह आवश्यक है कि बच्चों के खानपान पर विशेष ध्यान दिया जाये जिससे कि परीक्षाओं के दौरान किसी प्रकार की दिक्कत न हो। इस सम्बन्ध में सेहत टाइम्स ने किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय की चीफ डायटीशियन सुनीता सक्सेना से एक मुलाकात की। उन्होंने बताया कि अक्सर ऐसा होता है कि परीक्षाओं के समय सारा ध्यान परीक्षाओं की तैयारी पर होता है और खाने पर ध्यान नहीं रखा जाता है जबकि न सिर्फ खानपान बल्कि बेहतर तरीके से खानपान का असर बच्चों की परीक्षा के लिए की जा रही तैयारियों पर पड़ता है।
सुनीता सक्सेना बताती हैं कि परीक्षाओं के दिनों में बेहतर होगा कि तरल पदार्थ से अद्र्धतरल पदार्थ लिक्विड से सेमी लिक्विड चीजें बच्चों को देना बेहतर रहता है। उन्होंने बताया कि अक्सर ऐसा होता है कि बच्चे रात में जागकर पढ़ते हैं और नींद न आये इसलिए चाय-कॉफी आदि का सहारा लेते हैं, जबकि ऐसा करना ठीक नहीं है, क्योंकि चाय-कॉफी में निकोटीन और कैफीन होने से यह शरीर में उत्तेजना बढ़ा देता है और उत्तेजना व्यक्ति की एकाग्रता में बाधक बन जाती है जबकि इसके उलट बच्चों को परीक्षा के समय एकाग्रता की अत्यन्त आवश्यकता होती है।
सुनीता सक्सेना के अनुसार परीक्षा के दिनों में विशेषकर मिच-मसाले, जंक फूड, मैदे से बनी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसे खाद्य पदार्थ पाचन शक्ति कमजोर करते हैं, पेट में गैस बनाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि परीक्षा के दिनों में बच्चे जो भी खाना खायें उन्हें थोड़ी-थोड़ी मात्रा में बार-बार लगभग दो से ढाई घंटे के अंतर पर खाना चाहिए। उन्होंने बताया कि खाना बहुत गरम अथवा बहुत ठंडा नहीं खाना चाहिए क्योंकि इसका भी असर पाचन शक्ति पर पड़ता है।