-आईसीएमआर में कार्य कर चुके वैज्ञानिक डॉ रमन गंगाखेड़कर को भी शामिल करने का प्रस्ताव
सेहत टाइम्स ब्यूरो
नेशनल डेस्क। कोरोना वायरस की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा एक टीम गठित की जा रही है इसमें दुनिया भर के 26 वैज्ञानिकों के नाम प्रस्तावित किये गये हैं, इनमें एक भारतीय भी शामिल है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महामारी और संक्रामक रोग विभाग के पूर्व प्रमुख रहे डॉ. रमन गंगाखेड़कर को इस टीम में शामिल किया गया हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह समिति दुनिया में कोरोना वायरस की उत्पत्ति के रहस्य को सुलझाने के लिए सार्स-सीओवी-2 समेत महामारी के रोगाणुओं के विकसित होने और पुन: उत्पत्ति का अध्ययन करने के लिए एक वैश्विक रूपरेखा विकसित करेगी। टीम में चीन की वुहान लैब की जांच करने वाली पहली टीम के सदस्य भी शामिल हैं। भारत की प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा साइंटिफिक एडवाइजरी समूह के गठन की घोषणा पर कहा है कि वे सभी की सहमति से कोरोना वायरस के उत्पत्ति से जुड़ी विस्तार से जांच में रुचि रखता है।
डब्ल्यूएचओ का कहना है कि वैज्ञानिक सलाहकार समूह वायरस के उत्पत्ति स्थल के साथ उसके अन्य रूपों के सामने आने के मामले की जांच करेगा। डब्ल्यूएचओ द्वारा बुधवार को घोषित की गयी नई टीम में भारत, अमेरिका के साथ चीन और दुनिया के अन्य देशों के 26 वैज्ञानिक शामिल हैं। ये सभी वैज्ञानिक पता करेंगे कि कोरोना वायरस ने सबसे पहले किसी मनुष्य को कैसे संक्रमित किया, तथा वायरस के अन्य रूप की उत्पत्ति कैसे हुई।
ज्ञात हो इस सदी की महामारी कोविड-19 के वायरस की उत्पत्ति चीन की वुहान लैब से होने की रिपोर्ट मिल चुकी हैं, इस मसले को लेकर चीन के ऊपर अनेक सवाल कई देश उठा चुके हैं।