-संस्थान में पूरे उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया 75वां स्वतंत्रता दिवस
-ई प्रक्रिया से होगा अब फाइलों का निस्तारण, संवर्गों के पुनर्गठन की भी दी जानकारी
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। संजय गांधी पीजीआई के निदेशक डॉ राधा कृष्ण धीमन ने कहा है कि संस्थान में एक और बड़ी पहल की जा रही है, इसके तहत 1 सितंबर से फाइलों के त्वरित निस्तारण और उनके उचित प्रबंधन के लिए ई ऑफिस का प्रारंभ किया जाएगा। उन्होंने कर्मियों के जिसके लिए सारी तैयारियां की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि स्टाफ अपना पूरा सहयोग और समर्थन दे, इसके लिए उनके कार्य करने का वातावरण भी सौहार्दपूर्ण होना चाहिए। अतः उनके लिए किये गये संवर्ग पुनर्गठन में भी कई प्रयासों के बाद सफलता मिली है। उन्होंने कहा है कि लगभग 15 संवर्गों के लिए पुनर्गठन की प्रक्रिया पूरी हो गई है। शेष बचे संवर्ग का पुनर्गठन भी शीघ्र ही किया जाएगा। स्टाफ के लिए नई भर्ती की प्रक्रिया भी चल रही है।
निदेशक ने यह बात आज स्वतंत्रता दिवस की 74वीं वर्षगांठ पर एसजीपीजीआई में आयोजित ध्वजारोहण समारोह में सम्बोधित करते हुए कही। संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान में देश का 75वां स्वतंत्रता दिवस पूरे उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया। संस्थान परिवार के मुखिया निदेशक डॉ राधाकृष्ण धीमन ने परंपरागत तरीके से ध्वजारोहण किया। राष्ट्रगान के पश्चात उपस्थित संकाय सदस्यों और कर्मचारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता दिवस मनाने का आशय यह है कि हम उन सभी शहीदों को हृदय से याद करें, जिनके कारण आज हम स्वतंत्र हैं, साथ ही उन सभी जवानों को हृदय से धन्यवाद दें जो सीमा पर तैनात हैं और उन्हीं के कारण हम आज अपने कार्य क्षेत्रों में पूरी क्षमता के साथ काम कर पा रहे हैं। उन्होंने टोकियो ओलंपिक का जिक्र करते हुए कहा कि 7 पदक लेकर हम एक राष्ट्र के रूप में गौरवान्वित हुए हैं। इसी प्रकार हमें अपने स्तर पर अपने संस्थान के स्तर पर अपना सर्वोत्कृष्ट योगदान देना है।
उन्होंने कोरोना-19 की दोनों लहरों से लड़ने व इस पर विजय प्राप्त करने में संस्थान परिवार के हर सदस्य के योगदान की प्रशंसा की और और उन्हें हृदय से धन्यवाद दिया ।
इस कार्यक्रम में सामाजिक दूरी बनाए रखकर कुछ सीमित संख्या में लोगों ने भाग लिया। अन्य सभी सदस्य जूम मीटिंग द्वारा इस कार्यक्रम में शामिल हुए।
निदेशक ने उनके कार्यभार संभालने से लेकर आज तक के डेढ़ वर्ष की उपलब्धियों का लेखा जोखा प्रस्तुत किया, जिसमें रोगी सेवा, शोध और शिक्षण तीनों स्तंभों पर चर्चा की। उन्होंने कहा की स्वास्थ्य कर्मियों के कोविड संक्रमित होने पर HCW सर्विलांस समिति का बड़ा उत्तम प्रबंधन रहा। माइक्रोबायोलॉजी विभाग ने लगभग 20 लाख RTPCR टेस्ट किये, जो प्रशंसनीय है।
साथ साथ गैर कोविड क्षेत्र में भी उल्लेखनीय कार्य हुआ। उन्होंने कहा कि आज हम कोविड 19 की तीसरी लहर के लिए भी पूरी तरह से तैयार हैं। सी सी एम विभाग की अध्यक्ष प्रो बनानी पोद्दार और पीडियाट्रिक न्यूनेटालॉजी विभाग की अध्यक्ष डॉ कीर्ति के सहयोग से 100 बिस्तरों के पीडियाटिक आई सी यू की व्यवस्था भी की जा रही है। पिछले 8 महीने से चल रही टीकाकरण मुहिम भी प्रशंसनीय है। शोध के क्षेत्र में उन्होंने संकाय सदस्यों और रेजीडेंट चिकित्सकों को ने बधाई दी और बताया कि अभी तक 6000 शोध पत्रों का प्रकाशन हुआ है।
निदेशक ने कई मेमो ऑफ अंडरस्टैंडिंग का भी जिक्र किया जिसमें टेलीमेडिसिन एसजीपीजीआई के द्वारा शुरू किए गए टेली आईसीयू प्रोजेक्ट भी शामिल हैं, जिसके द्वारा उत्तर प्रदेश राज्य के पुराने छह मेडिकल कॉलेज आगरा, झांसी, कानपुर, गोरखपुर, मेरठ और लखनऊ को आईसीयू केयर के लिए टेलिमेडिसिन के द्वारा जोड़ा जाएगा।
उन्होंने किडनी प्रत्यारोपण के लिए रोबोटिक सर्जरी की तरह अन्य विभागों में रोबोटिक सर्जरी को आरंभ करने का आश्वासन दिया।
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने डिपार्टमेंट ऑफ जेनेटिक्स को “सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर रेयर जेनेटिक्स डिजीज”के लिए एक्नॉलेज किया है। यह संस्थान के लिए अत्यंत हर्ष का विषय है। निदेशक ने बताया कि इस वर्ष नवम्बर तक इमरजैंसी मेडिसिन विभाग की भी शुरुआत हो जाएगी और बहुत शीघ्र ही संस्थान में एडवांस डायबिटिक एंड एंडोक्राइन सेंटर और एडवांस ऑप्थेलमोलॉजी सेंटर भी कार्य करना आरंभ कर देगा।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के दिशा निर्देशों के अनुसार मोहनलालगंज तहसील को स्तन कैंसर और सर्वाइकल कैंसर के बारे में जन जागरूकता के लिए चिन्हित किया गया है।
इस अवसर पर संस्थान के 14 कर्मठ सदस्यों को निदेशक द्वारा सम्मानित किया गया। समारोह में संस्थान के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो गौरव अग्रवाल, संस्थान के संयुक्त निदेशक (प्रशासन) प्रोफेसर रजनीश कुमार सिंह व अन्य संकाय सदस्य भी उपस्थित थे। समारोह का समापन सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ हुआ।