-कोविड महामारी के चलते दो बैच के विद्यार्थियों के लिए ही है छूट

सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ/नई दिल्ली। राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) ने वर्ष 2018-19 तथा 2019-20 के स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा ग्रहण कर रहे विद्यार्थियों को उनकी थीसिस जमा करने में छूट देने का फैसला किया है। यह छूट देने का फैसला अनेक विद्यार्थियों द्वारा आयोग को भेजे गए प्रार्थना पत्रों पर विचार करने के बाद किया गया। पीजी विद्यार्थियों ने कोविड-19 महामारी के कारण हुए व्यवधान के चलते थीसिस को जमा करने में समय सीमा की छूट मांगी थी।
एनएमसी के सचिव डॉ आर के वत्स की ओर से जारी एडवाइजरी में यह जानकारी देते हुए कहा गया है कि आयोग के पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन बोर्ड पीजीएमईबी ने विद्यार्थियों के प्रार्थना पत्रों पर विचार करने के बाद यह निर्णय लिया है कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर पी जी के विद्यार्थी अपनी थीसिस थ्योरी और क्लीनिकल/प्रैक्टिकल परीक्षा के कम से कम 6 माह के स्थान पर 3 माह पूर्व जमा कर सकेंगे।
इसी प्रकार वर्ष 2018-19 ब्रॉड स्पेशियलिटी/सुपरस्पेशियलिटी कोर्स करने वाले विद्यार्थियों को पोस्टर प्रेजेंटेशन और कॉन्फ्रेंस में रिसर्च पेपर पढ़ने या प्रकाशित होने की अनिवार्यता में छूट देते हुए उन्हें परीक्षा में बैठने की अनुमति होगी, जबकि साधारणत: नियमानुसार ऐसा करना जरूरी होता है।
इस संबंध में आयोग की ओर से विश्वविद्यालयों और मेडिकल शिक्षण संस्थानों को भी सलाह दी गई है कि वे वर्ष 2018-19 और वर्ष 2019-20 के विद्यार्थियों की थीसिस का साइज छोटा होने पर भी उसे स्वीकार कर सकते हैं।

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