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ऐलोपैथी व आयुर्वेद का घालमेल न करें, अपनी-अपनी पद्धति में करें चिकित्‍सा

-आयुर्वेद चिकित्‍सकों को सर्जरी के अधिकार के विरोध में आईएमए ने रखा बंद, विरोध प्रदर्शन

-आईएमए भवन पर इकट्ठा हुए डॉक्‍टर्स, मानव शृंखला बनाकर दिखायी एकजुटता

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। आयुर्वेद चिकित्सकों को सर्जरी की अनुमति देने के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आह्वान पर आई एम ए लखनऊ शाखा द्वारा 24 घंटे की हड़ताल आयोजित की गई इसके तहत निजी चिकित्सकों ने अपनी ओपीडी सेवाएं बंद रखीं, साथ ही पैथोलॉजी व अन्य जांच केंद्र भी बंद रखे गए। आईएमए भवन पर आई एम ए के पदाधिकारी व सदस्य चिकित्सक दोपहर में एकत्रित हुए और मानव शृंखला बनाकर अपनी एकजुटता दिखाई।

आई एम ए लखनऊ के प्रेसिडेंट इलेक्ट डॉ मनीष टंडन ने कहा कि यदि आयुर्वेदिक चिकित्सकों को सर्जरी करने का अधिकार देना है तो वह भी एलोपैथी वालों की तरह प्रवेश परीक्षा पास कर पीजी (स्नातकोत्तर) कोर्स एमएस करें।

आई एम ए के लखनऊ के पूर्व अध्यक्ष डॉ पी के गुप्ता ने कहा कि सेंट्रल काउंसिल फॉर इंडियन मेडिसिन ने हाल में जो अधिसूचना के अनुसार आयुर्वेदिक एवं अन्य आयुष चिकित्सकों को कुछ सर्जरी करने की इजाजत के बारे में मेरा मानना है कि आयुष और एलोपैथिक दोनों अपने आप में अलग-अलग विधाएं हैं और दोनों में किसी भी तरीके की मिक्‍सोपैथी करने के परिणाम घातक होंगे।

इंडियन डेंटल एसोसिएशन की लखनऊ शाखा के अध्यक्ष डॉ आशीष खरे तथा सचिव डॉ रमेश भारती ने कहा कि हड़ताल के चलते सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक सभी प्राइवेट डेंटल हॉस्पिटल एवं क्लीनिक में ओपीडी बंद रही, सिर्फ इमरजेंसी सेवाएं जारी रहीं। उन्होंने कहा इस हड़ताल का उद्देश्य केंद्र सरकार द्वारा आयुर्वेद डॉक्टरों को डेंटल प्रोसीजर्स जैसे टूथ एक्‍सट्रैक्‍शन, रूट कैनाल ट्रीटमेंट आदि का अधिकार देने के विरोध में किया गया। एसोसिएशन ने इसका विरोध करते हुए सरकार से इसको तुरंत वापस लेने की मांग की हड़ताल में अध्‍यक्ष व सचिव के साथ ही डॉ विक्रम, डॉ अश्वनी, डॉ अंकुर, डॉ राम अवतार सहित करीब 50 डेंटिस्ट उपस्थित रहे।

लखनऊ हैरिटेज हॉस्पिटल के डॉ वीरेन्‍द्र यादव ने कहा कि चूंकि आयुर्वेद वाले चिकित्‍सकों को फीजियोलॉजी, फार्माकोलोजी की जानकारी नहीं होती है इसलिए ट्रेनिंग के बल पर सर्जन नहीं बनाया जा सकता, सर्जरी में टिश्‍यू हैंडलिंग बहुत महत्‍वपूर्ण होती है। अगर देना ही है तो पीजी में ऐन्‍ट्रेन्‍स की परीक्षा पास कर एमएस करें जैसे कि ऐलोपैथिक वाले करते हैं।

कैंसर चिकित्‍सा से जुड़े डॉ नीरज टंडन ने कहा कि दोनों पैथी का घालमेल ठीक नहीं है, अगर सर्जरी का अधिकार देना है तो शुरू से ही दो तरह के कोर्स बनाये जाने चाहिये एमबीबीएस (एलोपैथी) एमबीबीएस (आयुर्वेद)। उन्‍होंने कहा कि आयुर्वेद एमबीबीएस और बीएएमएस के पढ़ाने का तरीका अलग है।   

आईएमए भवन पर प्रदर्शन में शामिल होने वालों में डॉ संजय निरंजन, डॉ निधि निरंजन, आरएमएल इंस्‍टीट्यूट के रेजी‍डेंट डॉक्‍टर्स, डॉ मनोज अस्‍थाना, डॉ मनोज गोविला, डॉ सुमित सेठ, डॉ वारिजा सेठ, डॉ राका प्रसाद, डॉ अनूप अग्रवाल, डॉ संजय लखटकिया, डॉ संजीव अवस्‍थी के साथ ही आईएमए की मेडिकल स्‍टूडेंट नेटवर्क (एमएसएन) विंग के अध्‍यक्ष अनुराग अग्रवाल व अन्‍य सदस्‍य शामिल रहे।