–-प्रतिष्ठित रॉयल कॉलेज ऑफ फिजिशियन (ग्लासगो) की फेलोशिप के लिए चुने गये
-फेलोशिप प्रदान करने के साथ ही संस्था की पॉलिसी में भी सक्रिय योगदान मांगा
-केजीएमयू के रेस्पाइरेटरी विभागाध्यक्ष के नाम 678 शोधपत्र और 16 पुस्तकें भी
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्पाइरेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. सूर्यकान्त ने एक बार फिर विश्वविद्यालय के साथ उत्तर प्रदेश और देश का मान बढ़ाया है। उन्हें रॉयल कालेज ऑफ फिजिशियन (ग्लासगो) के फेलो के रूप में चुना गया है, जो कि एक बड़ी उपलब्धि है। रॉयल कालेज ऑफ फिजिशियन दुनिया भर में चिकित्सा के क्षेत्र में सुधार करने के लिए समर्पित संस्थान है। यह संस्थान शुरू से ही चिकित्सा के क्षेत्र में सुधार करने के लिए लगातार सक्रिय रहा है। अपने अब तक के इतिहास में संस्थान ने चिकित्सा और स्वास्थ्य सम्बन्धी विभिन्न मामलों में लगातार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सलाह एवं सुझाव दिए हैं।
श्वसन चिकित्सा के क्षेत्र में उनकी विशेषज्ञता व सार्वजानिक स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में ईमानदार प्रयासों का आकलन करने के बाद रॉयल कॉलेज ऑफ फिजिशियन, ग्लासगो द्वारा सम्मानित किया गया है। इसके माध्यम से वह अपने चिकित्सा विज्ञान क्षेत्र के ज्ञान को गरीब व कमजोर वर्ग के मरीजों के बीच सुलभ कराने के लिए इस संस्था के माध्यम से सदैव प्रयासरत रहेंगे। रॉयल कालेज ऑफ फिजिशियन फेलोशिप प्रदान करने के साथ ही इस संस्था की पॉलिसी में भी सक्रिय योगदान देने के लिए भी संस्थान ने उनको आमंत्रित किया है। विश्वविद्यालय के चिकित्सकों ने इस पर खुशी जताते हुए इसे एक बड़ी उपलब्धि बताया है।
डॉ. सूर्यकान्त को इसके पूर्व भी कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय फेलोशिप से सम्मानित किया जा चुका है, जैसे- अमेरिकन कॉलेज ऑफ चेस्ट फिजिशियन, इंटरनेशनल सोसायटी ऑफ एनवायरमेंटल बोटनिस्ट, नेशनल एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंसेज (इण्डिया) आदि। इसके अलावा करीब 125 पुरस्कारों से भी वह सम्मानित हो चुके हैं। इसमें उत्तर प्रदेश सरकार का विज्ञान क्षेत्र का सर्वोच्च राज्य पुरस्कार विज्ञान गौरव भी शामिल है। इसके साथ ही डॉ. सूर्यकान्त वर्तमान में इन्डियन कॉलेज ऑफ एलर्जी, अस्थमा और एप्लायड इम्युनोलॉजी के अध्यक्ष हैं। वह पूर्व में भी देश की दो प्रमुख चेस्ट संस्थाओं-नेशनल कॉलेज ऑफ चेस्ट फिजिशियंस (एनसीसीपी) व इन्डियन चेस्ट सोसायटी (आईसीएस) के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं। इसके साथ ही डॉ. सूर्यकान्त इन्डियन साइंस कांग्रेस के चिकित्सा विभाग के प्रभाग के भी राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं। हाल ही में उन्हें चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार द्वारा एम्स पटना के इंस्टिट्यूट बोर्ड का सदस्य भी नामित किया गया है। ज्ञात हो कि डॉ. सूर्यकान्त का चिकित्सा, विज्ञान एवं अनुसन्धान और विकास के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान है। उनके नाम 678 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक शोधपत्र और 16 चिकित्सा पुस्तकें हैं। इसके साथ ही उनके नाम दो अमेरिकी पेटेंट भी दर्ज हैं। वह 10 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं के सम्पादकीय बोर्ड के सदस्य और 20 पत्रिकाओं के समीक्षक हैं।