-मुठभेड़ में एसटीएफ के चार पुलिस कर्मी भी हुए घायल
-मध्य प्रदेश से लाते समय कानपुर सीमा पर हुई यह घटना
-विपक्षी दलों ने मुठभेड़ को लेकर उठाये सवाल
लखनऊ/कानपुर। कानपुर मुठभेड़ केस का मुख्य आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे अंतत: एनकाउंटर में मारा गया। बताया जाता है कि जिस गाड़ी से उसे कानपुर लाया जा रहा था, वह पलट गयी, इसके बाद विकास ने एसटीएफ के जवान की 9 एमएम की पिस्टल छीन कर पिस्टल को लेकर भागने की कोशिश की, इसके बाद मुठभेड़ में मारा गया। विपक्षी दलों ने मुठभेड़ पर सवाल उठाये हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शुक्रवार की सुबह सवा छह से साढ़े छह के बीच जब विकास दुबे को ला रही एसटीएफ की गाड़ी कानपुर की सीमा में प्रवेश कर रही थी, विकास दुबे गाड़ी में बीच में बैठा हुआ था, उसके इधर-उधर एसटीएफ के सिपाही बैठे थे। बताया गया है कि बरसात होने से गीली हुई मिट्टी की वजह से गाड़ी पलट गयी। इसके बाद एसटीएफ के सिपाही की 9 एमएम की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की।
मीडिया रिपोर्ट्स बता रही हैं कि जब भागने की कोशिश की तो पुलिस वालों ने उसे रोकने की कोशिश की, इसके बाद करीब 100 मीटर दूरी पर उसे मार गिराया गया। मुठभेड़ में चार पुलिस वाले भी घायल हुए हैं। इस खबर की आधिकारिक पुष्टि हो चुकी है।
बताया जाता है कि घटना की विस्तार से जानकारी देते हुए पुलिस ने बताया, ‘विकास दुबे को लेकर यूपी एसटीएफ का काफिला जा रहा था. इसी दौरान हादसा हुआ और गाड़ी पलट गई। गाड़ी पलटने के बाद पुलिसकर्मी घायल हो गए। इसके बाद विकास दुबे पुलिस वालों की पिस्टल छीन ली और भागने लगा। भागते हुए उसकने पुलिसकर्मियों पर फायरिंग की। पुलिस ने उसे सरेंडर कराने की कोशिश की, लेकिन वो नहीं माना। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने आत्मरक्षा में गोली चलाई और विकास दुबे मारा गया।’
एनकाउंटर में 2 इंस्पेक्टर (एक एसटीएफ इन्स्पेक्टर) समेत चार पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिन्हें कल्याणपुर सीएचसी में भर्ती किया गया है।