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केजीएमयू में कोरोना का उपचार कर रहे लोगों के लिए भी हो ये व्यवस्था

-एसजीपीजीआई व लोहिया संस्‍थान की तरह केजीएमयू में कोरोना उपचार में लगे लोगों का भी क्‍वारंटाइन परिसर से बाहर हो

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) में बने कोरोना वार्ड में कार्य करने वाले चिकित्‍सकों व दूसरे कर्मियों को कोरोना वायरस के खतरे से बचाने के लिए केजीएमयू परिसर से अलग किसी होटल में क्‍वारंटाइन करने के लिए उसके अधिगृहण के लिए जिलाधिकारी को पत्र भेजने की मांग की गयी है। आपको बता दें कि केजीएमयू कोरोना मरीजों के लिए उत्‍तर प्रदेश का नोडल सेंटर भी है।

केजीएमयू कर्मचारी परिषद के अध्यक्ष प्रदीप गंगवार तथा महामंत्री राजन यादव ने इस आशय का एक पत्र कुलपति को लिखकर यह मांग की है। पत्र में कहा गया है कि संजय गांधी पीजीआई और डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्‍थान ने अपने यहां बने कोरोना वार्ड में कार्य करने वाले चिकित्‍सकों व अन्‍य कर्मियों के लिए परिसर से हटकर किसी अन्‍य स्‍थान पर कोरंटाइन करने के लिए पत्र लिखा गया था, जिसके बाद कल यानी 30 मार्च को जिलाधिकारी द्वारा एसजीपीजीआई और लोहिया संस्‍थान के कोरोना वार्ड में काम करने वाले डॉक्‍टरों और कर्मियों के लिए गोमती नगर में बने तीन होटलों को अधिगृहित कर यह सुविधा दी गयी है।

पत्र में कहा गया है कि किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण का नोडल सेंटर बनाया गया है तथा लखनऊ जनपद में अन्य संस्थानों की अपेक्षा सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीज यहीं भर्ती हैं ऐसी स्थिति में केजीएमयू में भी संक्रमण का खतरा अधिक है।

पत्र में कुलपति से अनुरोध किया गया है कि इसी तर्ज पर केजीएमयू संस्‍थान भी जिलाधिकारी को पत्र लिखकर इस तरह का सुझाव दे, पत्र में इसके लिए केजीएमयू से नजदीक होने के कारण एक होटल का नाम भी सुझाया गया है।