-सिलीगुड़ी से आये डॉ पंकज चौधरी ने कहा कैंसर सरवाइवर नहीं कैंसर विजेता कहिये
धर्मेन्द्र सक्सेना
लखनऊ। पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले के सिलीगुड़ी में कैंसर के क्षेत्र में गांवों में 30 वर्षों से काम कर रहे डॉ पंकज चौधरी का कहना है कि कि कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसके नाम से ही लोगों में भय फैल जाता है, उन्हीं लोगों को लेकिन कैंसर होने के कारणों से डर नहीं लगता, अगर ये लोग कारणों से ही डरना सीख जायें तो कैंसर होने की नौबत ही न आये। ओरल कैंसर की बात करें तो इसके प्रति लोगों में जागरूकता लाने का सबसे प्रभावी तरीका कैंसर पर विजय पाये लोगों के माध्यम से उनके क्षेत्र में लोगों को समझाना है, क्योंकि उस व्यक्ति के क्षेत्र के लोग बाहरी की अपेक्षा उसकी बात पर ज्यादा विश्वास करेंगे।
लखनऊ में अपना बचपन गुजार चुके डॉ चौधरी दार्जिलिंग ऑन्कोलॉजी ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं। पूर्व में सिलीगुड़ी स्थित मेडिका कैंसर हॉस्पिटल के निदेशक व मुख्य कैंसर रोग विशेषज्ञ रह चुके हैं तथा इस समय वहीं पर कन्सल्टेंट क्लीनिकल ऑन्कोलॉजिस्ट के रूप में कार्य कर रहे हैं। डॉ चौधरी आजकल यहां संजय गांधी पीजीआई में दो सप्ताह के लिए कैंसर की ट्रेनिंग लेने आये हैं। डॉ चौधरी कहते हैं कि सीखने की उम्र नहीं होती, मैं भी कैंसर के लिए 30 सालों से कार्य जरूर कर रहा हूं लेकिन मैं यहां एसजीपीजीआई अपडेट होने के लिए आया हूं।
उन्होंने कहा कि लोग तम्बाकू का सेवन करते हैं जो कि कैंसर पैदा करती है, उन्होंने कहा कि चार तरह की तम्बाकू पहली धूम्रपान के जरिये, गुटखा, होठों में दबाकर खाने वाली खैनी, चबाने वाली तथा गम एप्लीकेंट जो मंजन की तरह लोग मसूढ़े में लगा लेते हैं, उन्होंने कहा कि हालांकि मंजन के रूप में तम्बाकू नहीं बिकती है लेकिन लोग इसे खुद तैयार कर लेते हैं। उन्होंने कहा कि उनके अनुसार कैंसर से ठीक हुए मरीजों को कैंसर सरवाइवर न कह कर विजेता कहना चाहिये, क्योंकि उन्होंने कैंसर पर विजय पायी है।