लखनऊ। डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी अस्पताल(सिविल) में तैनात संविदा कर्मियों के सब्र का बांध आज 24 मई को टूट गया, इन कर्मियों ने कामकाज ठप कर दिया जिससे अस्पताल में अफरा-तफरी का माहौल हो गया। इन संविदा कर्मियों को नियुक्त करने वाली एजेंसी ने कई माह से वेतन का भुगतान नहीं किया है। संविदा कर्मी अपनी मांग को लेकर मुख्यमंत्री आवास पहुंचे जहां पर सीएम के ओएसडी ने मांग पत्र लेकर, सीएम के समक्ष प्रस्तुत करने का आश्वासन दिया। इसके बाद संविदा कर्मी शाम को स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह से भी मिलने पहुंचे, जहां उन्हें आश्वासन मिला है।
नाराज कर्मियों ने काम ठप किया, अफरा-तफरी
अस्पताल में बुधवार को सुबह से वेतन की मांग को लेकर संविदा कर्मियों ने काम ठप कर दिया और नारेबाजी करने लगे। संविदा कर्मी, सुरक्षा गार्ड, वार्ड ब्वॉय व सफाई कर्मचारी आदि के काम काज ठप होने की वजह से अस्पताल में अफरा-तफरी का माहौल रहा। पर्चा काउंटर की लाइन से लेकर ओपीडी कक्ष में लाइन में भीड़ को धक्का-मुक्की का सामना करना पड़ा।
तीन माह से वेतन नहीं मिला है कर्मचारियों को
ज्ञातव्य हो कि अस्पताल में मानव संसाधन आपूर्ति कंपनी द्वारा संविदा कर्मियों को तैनात किया गया है। कंपनी द्वारा बीते तीन माह से कर्मचारियों का वेतन नही बांटा गया है। वेतन न मिलने से संविदा कर्मियों का आक्रोश फू ट पड़ा, संविदा कर्मियों का कहना था कि वेतन न मिलने से परिवार का भरण पोषण दूभर हो गया है, बच्चे भूख में रह रहें हैं, बच्चों की पढ़ाई ठप हो गई है। कंपनी संचालक से वेतन की मांग करते हैंं तो नौकरी से निकालने की धमकी मिलती है। ऐसी दशा में मुख्यमंत्री से ही आस बची है। हालांकि स्वास्थ्य मंत्री के यहां से मामले में हस्तक्षेप करते हुये शीघ्र ही वेतन दिलाने का आश्वासन मिला है।
वेतन देने की जिम्मेदारी एजेंसी की : अधीक्षक
इस बारे में जब अस्पताल के अधीक्षक डॉ आशुतोष दुबे से बात की गयी तो उनका कहना था कि संविदा कर्मी,अस्पताल के कर्मचारी नहीं हैं, उन्हें एजेन्सी ने तैनात किया है, वेतन देने की जिम्मेदारी एजेंसी संचालक की है। अगर अस्पताल में काम प्रभावित होता है तो एजेंसी को नोटिस दिया जायेगा।