–ऑर्थोपैडिक विभाग और मेडिसिन विभाग के रेजीडेंट्स डॉक्टर भिड़े
–शराब पिये डॉक्टरों ने की जमकर गालीगलौज, मारपीट
–जवाब में बिना पिये वालों का वार्ड में जमकर उत्पात, कम्प्यूटर तोड़ा, नर्सिंग स्टेशन अस्तव्यस्त
–केजीएमयू प्रशासन ने दिये जांच के आदेश, एफआईआर भी दर्ज
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय का ट्रॉमा सेंटर एक बार फिर हाथापाई, मारपीट, तोड़फोड़ के चलते जंग का मैदान बन गया, लेकिन इस बार जंग तीमारदारों के साथ नहीं थी बल्कि यह जंग दो विभागों के रेजीडेंट्स डॉक्टरों के बीच हुई, इनमें एक विभाग के रेजीडेंट्स डॉक्टर शराब पिये हुए थे। नशे में धुत ऑर्थोपैडिक विभाग के रेजीडेंट्स और मेडिसिन विभाग के रेजीडेन्ट्स के बीच हुए झगड़े में जमकर तोड़फोड़ की गयी। केजीएमयू प्रशासन ने घटना की जांच के लिए कमेटी गठित करते हुए कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज करायी है।
चीफ प्रॉक्टर प्रो आरएएस कुशवाहा के अनुसार शनिवार को ऑर्थोपैडिक विभाग के कुछ रेजीडेंट्स ने बाहर आयोजित किसी पार्टी में शराब पी थी, इसके बाद दो रेजीडेंट्स डॉ रजनीश व डॉ प्रांजल अधिक शराब पीने के कारण बेहोश हो गये थे, इसके बाद बेहोश दोनों डॉक्टरों को इलाज के लिए ट्रॉमा सेंटर स्थित एमईटीसी (मेडिसिन) वार्ड में भर्ती कराया गया। इसके बाद उपचार के दौरान किसी बात को लेकर भर्ती कराने आये ऑर्थोपैडिक विभाग के रेजीडेंट्स डॉक्टर डॉ सुभम सिंह, डॉ राजीव शुक्ला, डॉ धीरेन्द्र वर्मा, डॉ आदर्श सेंगर, डॉ अनुश्रव रायराय एवं डॉ रोहित, जो खुद भी शराब पिये हुए थे, ने किसी बात को लेकर उपचार कर रहे डॉक्टरों से गाली-गलौज, मारपीट, अपशब्दों का प्रयोग किया गया। इस कहासुनी के बीच मरीजों के इलाज में भी रुकावट पैदा हुई।
इसके बाद सूचना देकर मेडिसिन विभाग के रेजीडेंट्स डॉक्टरों ने अपने साथियों को बुला लिया तथा ग्रुप बनाकर ऑर्थोपैडिक विभाग के रेजीडेंट्स को मारने के लिए वहीं ट्रॉमा सेंटर स्थित ऑर्थोपैडिक विभाग पहुंचे, लेकिन इस बीच मेडिसिन विभाग की ओर से सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस के कारण डॉक्टरों की पिटाई करने में सफल नहीं हो सके, लेकिन इन डॉक्टरों ने जमकर तांडव करते हुए ऑर्थोपैडिक विभाग में जबरदस्त तोड़फोड़ की, जिससे वहां का कम्प्यूटर टूट गया और नर्सिंग स्टेशन सहित सारा सामान अस्तव्यस्त हो गया। वहां भर्ती मरीजों के इलाज में भी बाधा उत्पन्न हो गयी।
केजीएमयू प्रशासन ने घटना को लेकर जहां चौक कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज करायी है वहीं घटना की जांच के लिए अधिष्ठाता प्रो जीपी सिंह की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी गठित की है, इस कमेटी के अन्य सदस्यों में चिकित्सा अधीक्षक प्रो बीके ओझा, एडिशनल प्रॉक्टर प्रो अनूप कुमार वर्मा, इंचार्ज ट्रॉमा सेंटर प्रो सुरेश कुमार तथा एडिशनल प्रॉक्टर प्रो सुजाता देव शामिल हैं।
आरडीए की मामला सुलझाने की कोशिश बेकार
सूत्र बताते हैं कि इस मामले पर आज दोपहर भर रेजीडेंट्स डॉक्टर्स एसोसिएशन से दोनों पक्षों के लोगों से मिलकर मामला सुलझाने की कोशिश की लेकिन एक पक्ष के अड़े रहने से कोई नतीजा नहीं निकल सका। अब पुलिस और जांच कमेटी को अपना काम करना है, फिलहाल केजीएमयू प्रशासन ने अभी निलंबन की कोई काररवाई नहीं की है। माना जा रहा है कि जांच कमेटी की रिपोर्ट के बाद ही कोई काररवाई की जायेगी। माना जा रहा है कि जल्दी ही दोनों विभागों के रेजीडेंट्स के निलंबन की काररवाई होगी।