ड्यूटी पर न आ रहे हैं, न छोड़ कर जा रहे हैं, जगह घेरे बैठे हैं
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। बस्ती मण्डल के 36 डॉक्टर बर्खास्त होंगे। यह कार्यवाही प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण देवेश चतुर्वेदी के निर्देश पर की जाएगी। प्रमुख सचिव ने बुधवार को आयुक्त सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक में बस्ती व सिद्धार्थनगर के सीएमओ से अनुपस्थित डॉक्टरों के संबंध में रिपोर्ट तलब की है। उन्होने कहा कि अगर ये डॉक्टर ड्यूटी पर वापस नहीं आते है तो इन्हें बर्खास्त कर नये डॉक्टर तैनात किए जायें। उल्लेखनीय है कि ये डॉक्टर अपने नियुक्ति के समय से ही अनुपस्थित चल रहे हैं, जिसके कारण इनकी जगह नये डॉक्टरों की तैनाती नहीं हो पा रही है।
प्रमुख सचिव ने अपनी समीक्षा में पाया कि बस्ती में 15 तथा सिद्धार्थ नगर में 21 डॉक्टर अपनी तैनाती के समय से ही अनुपस्थित चल रहे हैं। नोटिस जारी करने के बाद भी ये वापस काम पर नहीं आये। प्रमुख सचिव ने बस्ती में 70 निष्क्रिय आशाओं को न हटाने के बाबत सीएमओ से पूछताछ की। उन्होंने कहा कि मिशन निदेशक द्वारा स्पष्ट निर्देश दिये जाने के बावजूद पिछले 8 माह से इन निष्क्रिय आशाओं को अभी तक क्यों नहीं हटाया गया। इनके निष्क्रिय रहने से स्वास्थ्य योजनाए प्रभावित हो रही हैं। उन्होंने मण्डल के सभी सीएमओ को निर्देश दिया कि निष्क्रिय आशाओं को हटा कर नयी आशाओं की भर्ती करायें।
उन्होंने कहा कि बस्ती मण्डल में संचारी रोग नियंत्रण अभियान के दौरान अच्छा काम हुआ है जिसके परिणाम स्वरूप यहां जेई/एईएस के केस कम आये हैं तथा मृत्यु भी कम हुयी हैं। इसकी चर्चा न केवल देश में बल्कि विदेश में भी हुयी है। समीक्षा में उन्होंने पाया कि वर्ष 2019 में अभी तक एईएस के 116 केस हुए है और 6 की मृत्यु हुयी है, शेष का समुचित इलाज किया गया है। वर्ष 2018 में कुल 120 केस हुए थे और 19 मृत्यु हुयी थीं।
प्रमुख सचिव ने कहा कि संचारी रोग नियंत्रण अभियान में शिक्षा विभाग की विशेष भूमिका है। शिक्षक यदि छात्र-छात्राओं को अच्छी प्रकार से साफ-सफाई एवं स्वच्छता के प्रति सजग कर दें तो आने वाले कुछ समय में अभियान चलाने की आवश्यकता नहीं रह जायेगी। छात्र-छात्राओं को जेई/एईएस, डेंगू, स्वाइन फ्लू आदि के लक्षण एवं बचाव के तरीके बता दिये जायें तो वे स्कूल एवं घर में इसका प्रयोग जरूर करेंगे। उन्होंने उदाहरण दिया कि दिल्ली में बच्चों ने ही दीपावली के अवसर पर पटाखे दागने से मना किया था।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास के साथ-साथ ग्राम्य विकास, जल निगम, पंचायती राज, कृषि, पशु पालन, सूचना आदि विभाग आपसी समन्वय से अभियान संचालित करें। प्रमुख सचिव ने दिव्यांग विभाग को निर्देश देते हुए कहा कि जेई/एईएस से दिव्यांग हुए बच्चे को एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता तत्काल दिलवायें। सहायक उपकरण भी दिलवायें। सीएमओ ऐसे दिव्यांग की सूची समय से विभाग को उपलब्ध करा दें।
आयुक्त अनिल कुमार सागर ने कहा कि जेई/एईएस फैलने का यही समय है। इसी माह में संचारी रोग नियंत्रण, पोषण माह संचालित किया जा रहा है। यह विभागीय अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वे गुणवत्तापूर्वक अभियान संचालित करें तथा स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें। उन्होंने आश्वस्त किया कि अधिकारियों की टीम अच्छी है तथा पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष अच्छा कार्य करेंगी।
बैठक का संचालन अपर निदेशक स्वास्थ्य डॉ रंगजी द्विवेदी ने किया। उन्होने बताया कि मण्डल में पुरानी एम्बुलेन्स की जगह नयी एम्बुलेन्स आ रही हैं। इसका रिसपॉन्स समय लगभग 20 मिनट है। उन्होंने बताया कि मण्डल के सभी उच्च संवेदनशील गॉव में इसी प्रकार के निरोधात्मक कार्य किए जा रहे है।
बैठक में जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव, सीडीओ अरविन्द पाण्डेय, संयुक्त विकास आयुक्त तेज प्रताप मिश्र, स्वास्थ्य महिला एंव बाल विकास, कृषि, पशु पालन, शिक्षा, दिव्यांग आदि विभागों के मण्डलीय अधिकारी तथा तीनों जिलो के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।
इसके पूर्व प्रमुख सचिव स्वास्थ्य देवेश चतुर्वेदी ने जिला अस्पताल का निरीक्षण किया तथा साफ-सफाई एवं व्यवस्था सुधार करने के निर्देश दिये। उन्होंने जिला अस्पताल में दवा वितरण केन्द्र, इमरजेन्सी, जेई/एईएस ट्रीटमेन्ट, एनआरसी, वार्डो का निरीक्षण किया। इस अवसर पर उनके साथ सीएमओं डॉ. एके गुप्ता, सीएमएस तथा अन्य डॉक्टर उपस्थित रहे।