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अगर चाहते हैं कि बच्‍चों के दांत बड़प्‍पन तक सलामत रहें, तो सोते समय न दें दूध : टिक्‍कू

दो दिवसीय इंडिया एसोसिएशन ऑफ कंजरवेटिव एवं एंडोडोंटिक्स नार्थ जोन पीजी कन्वेंशन प्रारम्‍भ

लखनऊ। अगर आप चाहते हैं कि बच्‍चों के दांत बड़े होने तक सही सलामत रहें तो रात में सोते समय बच्‍चों को दूध नहीं देना चाहिये। यह जानकारी केजीएमयू कंजरवेटिव एवं एंडोडोंटिक्स विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ एपी टिक्कू ने आज से यहां शुरू हुए दो दिवसीय इंडिया एसोसिएशन ऑफ कंजरवेटिव एवं एंडोडोंटिक्स नार्थ जोन पीजी कन्वेंशन में दी।

डॉ टिक्‍कू ने कहा कि आमतौर पर छह साल से ऊपर की आयु वाले बच्‍चों, जिनके दूध वाले दांत टूटकर दूसरे नये दांत आ चुके होते हैं,  को रात में सोते समय दूध देने से उनके दांत में कीड़ा लगने का डर बना रहता है। कन्‍वेंशन के बारे में जानकारी देते हुए उन्‍होंने बताया कि इस दो दिवसीय कार्यक्रम में हम लोग इस बात पर जोर देंगे कि आम जनता तक सरल और सस्‍ता दांतों का इलाज किस तरह दिया जा सकता है। इसी के साथ ‘उपचार से बेहतर बचाव’ की तर्ज पर चलते हुए बचाव के तरीकों पर भी जोर दिया जायेगा।   आज से केजीएमयू के सेल्बी हॉल में दो दिवसीय इंडिया एसोसिएशन ऑफ कंजरवेटिव एवं एंडोडोंटिक्स नार्थ जोन पीजी कन्वेंशन का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम का उद्घाटन उपमुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार डॉ दिनेश शर्मा ने करते हुए अपने उद्बोदन में चिकित्सा विश्वविद्यालय में उपलब्ध दांतों के उपचार के विभिन्न विभागों की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया तथा इनके सतत् विकास के लिए प्रयासरत् रहने का संदेश दिया।

इस अवसर पर चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एमएलबी भट्ट द्वारा डेंटिस्ट्री के बारे में समाज में जागरूकता लाने के महती कार्य पर विद्यार्थियों का ध्यान आकृष्ट किया। उन्होंने इस प्रकार की कार्यशालाओं के अत्याध्यिक आयोजन किए जाने पर जोर देते हुए कहा कि इस प्रकार की कार्यशालाओं से आमजन को बेहतर एवं नई तकनीकों के विशेषज्ञ चिकित्सकों की सुविधा का लाभ मिल सकेगा।

डॉ एपी टिक्कू ने जानकारी दी कि इस दो दिवसीय कान्फ्रेंस में कंजरवेटिव डेंटिस्ट्री एवं एंडोडोंटिक्स के नए आयामों पर विस्तृत चर्चा होगी तथा इस कार्यक्रम में उत्तर भारत के तमाम ख्यातिप्राप्त डेंटल कॉलेजों के प्राचार्य एवं शिक्षकों के अलावा लगभग 450 स्नातक विद्यार्थी प्रतिभाग कर रहे हैं। इस अवसर पर उन्होंने विद्यार्थियों को एक नेक दिल चिकित्सक बनने की सलाह दी।

कार्यक्रम में विशिष्‍ट अतिथि के रूप में उपस्थित डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष डॉ अनिल कोहली, केजीएमयू कंजरवेटिव डेंटिस्ट्री एवं एंडोडोंटिक्स विभाग के डॉ अनिल चंद्रा ने भी अपने विचार व्यक्त किए।