पैथोलॉजी में मानकों के अनुसार एक भी पैथोलॉजिस्ट तैनात नहीं
सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की भी उड़ रही हैं धज्जियां
गलत जवाब से सच पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहा
लखनऊ/मुंबई। मुंबई स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान आईआईटी जैसे भारत सरकार के प्रतिष्ठित संस्थानों में स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है यहां के अस्पताल में स्थापित पैथोलॉजी लैब में होने वाली जांच मानकों के अनुरूप विशेषज्ञ द्वारा नहीं की जा रही है, यही नहीं इस बात को प्रकाश में लाए जाने के बाद भी कोई कारगर कदम नहीं उठाए गये धड़ल्ले से चल रही मानक विहीन पैथोलॉजी के खिलाफ आवाज उठाने वाले जयपुर के डॉक्टर रोहित जैन ने यह जानकारी देते हुए बताया कि आईआईटी मुंबई जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में छात्रों-शिक्षकों एवं अन्य स्टाफ के इलाज के लिए संस्थान परिसर में स्थापित अस्पताल में एमसीआई से निर्धारित मानकों के अनुसार किसी पैथोलॉजिस्ट की तैनाती नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने भी आदेश दे रखा है कि पैथोलॉजी जांच रिपोर्ट पर किसी पोस्ट ग्रेजुएट पैथोलॉजिस्ट, माइक्रोबायोलॉजिस्ट या बायोकेमिस्ट द्वारा रिपोर्ट का आकलन कर अपने दस्तखत करना अनिवार्य है, लेकिन इसके विपरीत आईआईटी मुंबई ने डॉ रोहित जैन की शिकायत पर यह सफाई दी है कि अस्पताल में स्थित पैथोलॉजी भारत सरकार के क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट के अनुसार ही चल रही है और उसमें पोस्टग्रेजुएट पैथोलॉजिस्ट की तैनाती अनिवार्य नहीं बताई गई है।
इस संबंध में डॉ रोहित जैन का कहना है आईआईटी प्रशासन का यह जवाब गलत और गुमराह करने वाला है क्योंकि क्लीनिकल स्टैब्लिशमेंट एक्ट में संशोधन जारी होने के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश में कहा गया है कि रिपोर्ट पर हस्ताक्षर एमडी पैथोलॉजिस्ट, बायोकेमिस्ट या माइक्रोबायोलॉजिस्ट द्वारा ही किये जायेंगे। डॉ रोहित ने कहा कि इसके अतिरिक्त जिस क्लीनिकल स्टेब्लिशमेंट एक्ट का हवाला आईआईटी द्वारा दिया गया है वह महाराष्ट्र में लागू ही नहीं है।
यही नहीं संस्थान ने यह भी कहा है कि जो जांच रिपोर्ट आती है उसकी हम व्याख्या नहीं करते हैं। इस पर डॉ रोहित का कहना है कि यह कैसे संभव है ? मान लीजिये अगर मलेरिया का टेस्ट हुआ और जांच रिपोर्ट में पॉजिटिव या निगेटिव लिखा जाता है तो आखिर कैसे लिखा जाता है, व्याख्या करके ही तो लिखा जाता है।
ज्ञात हो आईआईटी मुंबई के इस अस्पताल की पैथोलॉजी में कुल छह स्टाफ इन सभी जांचों को कर रहा है इन छह स्टाफ में पांच स्थायी और एक अस्थायी कर्मचारी है। इन छहों कर्मचारियों की शैक्षिक योग्यता बीएससी डीएमएलटी है, जबकि भारतीय चिकित्सा परिषद यानी एमसीआई के नियम और सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर के अनुसार पैथोलॉजिकल रिपोर्ट पर हस्ताक्षर करने के लिए एमडी पैथोलॉजी या उसके समकक्ष की डिग्री आवश्यक है।