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ज्‍यादा काम करके ढूंढ़ निकाले 164 टीबी के मरीज, ढाई हजार स्‍वस्‍थ लोगों को संक्रमण से बचाया

टीबी मरीज खोजो अभियान के पांचवें चरण में लक्ष्‍य से ज्‍यादा रोगियों की स्‍क्रीनिंग की गयी

सबसे ज्‍यादा 64 मरीज सरोजिनीनगर क्षेत्र में पाये गये

17 माह में हुए पांच अभियानों में 489 मरीज खोजे जा चुके

लखनऊ। टीबी का जड़ से खात्‍मा करने का संकल्‍प लेकर चल रही लखनऊ की टीम ने मरीज खोजो अभियान के पांचवें चरण में निर्धारित किये गये लक्ष्‍य से ज्‍यादा कार्य किया है। दस कार्यदिवसों के इस चरण में ऐसे 164 मरीजों को खोजने में सफलता हासिल हुई है, जो बिना इलाज के रह रहे थे, दूसरे अर्थों में कहा जा सकता है कि ये 164 मरीज अगर खोजे न जाते तो ढाई हजार से ज्‍यादा स्‍वस्‍थ लोगों को टीबी का रोगी बना सकते थे, क्‍योंकि एक मरीज के टीबी संक्रमण से औसतन 15 व्‍यक्तियों को टीबी का संक्रमण देता है। आपको बता दें कि वर्ष 2025 तक भारत से टीबी के खात्‍मे का लक्ष्‍य प्रधानमंत्री द्वारा निर्धारित किये जाने के बाद लखनऊ और वाराणसी के लिए टीबी उन्‍मूलन का लक्ष्‍य वर्ष 2022 रखा गया है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ नरेंद्र अग्रवाल ने बताया कि 10 जून से 22 जून तक चिन्हित क्षेत्रों में सक्रिय क्षयरोग खोज अभियान संचालित किया गया, जिसकी गुरुवार को जनपद स्तरीय समीक्षा उनके द्वारा की गई। उन्‍होंने बताया कि कार्यक्रम की उपलब्धियों में 750 सदस्यों द्वारा 5 लाख 40 हजार व्यक्तियों को सक्रिय क्षयरोग खोज अभियान में स्क्रीनिंग किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। उन्‍होंने बताया कि पर्यवेक्षको व टीम सदस्यों द्वारा उत्कृष्ट कार्य करते हुए 6 लाख 33  हजार 712लोगों की स्क्रीनिंग की गई जिसमें से 2006 व्यक्तियों में क्षय रोग  के लक्षण पाए गए। जांच कराए जाने के उपरांत 164 व्यक्तियों में क्षय रोग की पुष्टि संबंधित क्षेत्र के चिकित्सकों द्वारा की गयी।

डॉ अग्रवाल ने बताया कि पुनरीक्षित राष्‍ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत निकटतम केंद्र पर इन मरीजों के उपचार की व्यवस्था प्रारंभ करा दी गई है। इस बारे में जिला क्षय अधिकारी डॉ बीके सिंह ने अवगत कराया कि 10 दिवसीय अभियान के दौरान सरोजिनी नगर ब्लॉक में सबसे ज्यादा 26 रोगी चिन्हित किए गए। सभी चयनित रोगियों को डीबीटी के माध्यम से निक्षय पोषण योजना का लाभ सीधे उनके खाते में स्थानांतरित किए जाने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। 500 रुपये प्रति माह की दर से मरीजों के खाते में उपचार अवधि तक निरंतर स्थानांतरित की जाती रहेंगी।

 

डॉ अग्रवाल ने बताया कि डी बी टी के माध्यम से अब तक लखनऊ में 2 करोड़ 38 लाख 42 हजार का भुगतान मरीजों के खाते में किया जा चुका है। उन्‍होंने बताया कि सक्रिय रोगी खोज अभियान में जनपद लखनऊ  निरंतर उत्कृष्ट उपलब्धियां हासिल कर रहा है। फरवरी 18 में शुरू हुए प्रथम चरण में 38,द्वितीय चरण जून 18 में 72, तृतीय चरण सितंबर 18 में 96,  चतुर्थ चरण जनवरी 19 में 119 तथा अब जून 19 में हुएं पांचवे चरण में 164 क्षयरोगी की खोजे गए हैं। इस प्रकार 17 माह में कुल 489 छिपे हुए टीबी के रोगी खोजे चा चुके हैं।