-कोविड के चलते सजीव रामलीला को ऑनलाइन कर निभायी ऐतिहासिक परम्परा
-तुलसीदास के शिष्यों, अयोध्या के संतों, लखनऊ के नवाबों, विदेशी कलाकारों ने भी यहां किया है रामलीला का मंचन
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने कहा कि श्रीराम लीला समिति ऐशबाग का रामलीला का पर्व ऐतिहासिकता के तानेबाने में बुना हुआ है। यहां पर गोस्वामी तुलसीदास के शिष्यों द्वारा, लखनऊ के नवाबों द्वारा, अयोध्या के संतों द्वारा और विदेशों के कलाकारों द्वारा भी यहां पर श्रीराम लीला मंचन किया गया। इस रामलीला का अपना एक अलग इतिहास और महत्व है।
डॉ शर्मा ने ये विचार श्रीराम लीला समिति ऐशबाग के तत्वावधान में विजयदशमी के दिन रामलीला मैदान ऐशबाग में आयोजित दशहरा उत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये। इस मौके पर 71 फीट के रावण के पुतले का दहन किया गया। रावण दहन के पूर्व भव्य आकाशीय रंग-बिरंगी आतिशबाजी भी हुई। डॉ दिनेश शर्मा ने कहा कि कोरोना के कारण इस रामलीला समिति ने कोविड के सारे नियमों का पालन किया है। यहां पर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी डेढ से पौने दो घंटे श्रीरामलीला का मंचन देखा है।
उन्होंने श्रीरामलीला समिति ऐशबाग के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि इस रामलीला ने कोविड के दौरान भी सभी नियमों का पालन करते हुए सजीव रामलीला को ऑनलाइन करके फेसबुक और यूटयूब के माध्यम से रामलीला के दर्शकों को दिखाया, उनका यह प्रयास निःसन्देह प्रशंसनीय है। दशहरे पर रावण दहन से पूर्व ऑनलाइन लाइव रामलीला में लंका पर चढ़ाई, दरमुख वध, कुम्भकरण वध, लक्ष्मण शक्ति, मेघनाद वध, रावण-मंदोदरी संवाद, मयदानव संवाद, रावण वध का मंचन किया गया। इस अवसर पर अपर मुख्य गृह सचिव अवनीश अवस्थी, सहायक पुलिस आयुक्त नवीन अरोड़ा, श्री राम लीला समिति ऐशबाग के अध्यक्ष हरीशचन्द्र अग्रवाल, श्री राम लीला समिति ऐशबाग के सचिव पं0 आदित्य द्विवेदी, प्रमोद अग्रवाल, सर्वेश अस्थाना भी उपस्थित थे।