लखनऊ। सेक्स शब्द का नाम आते ही शरीर में उन्माद सा भर जाता है। सेक्स सिर्फ मजा लेने की क्रिया ही नहीं यह तन-मन की गहराई और अपनेपन को बढ़ाने का अच्छा माध्यम है इससे लाइफ पार्टनर में अपनापन समय और आयु के साथ दिन-पर-दिन और बढ़ता जाता है। अक्सर यह देखा गया है कि पति-पत्नी अपनी जिम्मेदारियों के बोझ से दबकर सेक्स के लिए समय नहीं निकाल पाते हैं या यूं कहें कि कई बार बच्चों और अन्य घरेलू परिस्थितियों के चलते उन्हें इस अहसास को जिन्दा रखने के लिए एकान्त नहीं मिल पाता है। ऐसा भी देखा गया है कि प्रौढ़ावस्था तक आते-आते पति और पत्नी यह समझ लेते हैं कि अब तो उनकी उम्र हो चुकी और सेक्स करना उनके लिए बीते दिनों की बात हो चली है। ऐसे में एक सवाल उठता है कि आखिर सेक्स करने के लिए उम्र की सीमा क्या होनी चाहिये। हमारे समाज में आज भी इस विषय पर खुलकर चर्चा नहीं होती है नतीजा यह है कि लोग सेक्स का ज्ञान सस्ती और बाजारू किताबों और इंटरनेट पर पोर्न फिल्म देखकर लेने की कोशिश करते हैं। ऐसा नहीं है कि सेक्स की जानकारी को लेकर लोगों में जागरूकता नहीं आयी है, लोग जागरूक तो हुए हैं लेकिन काफी कम मात्रा में।
सेक्स के लिए उम्र सीमा क्या हो इसके लिए हमने वरिष्ठ आयुर्वेदाचार्य डॉ देवेश श्रीवास्तव से बात की। उनका स्पष्ट कहना था कि सेक्स करने के लिए कोई उम्र सीमा तय नहीं है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद में शतायु होने की बात कही गयी है यानी व्यक्ति की उम्र सौ साल हो और वह आंखों से देख सके, कानों से सुन सके, नाक से सूंघ सके, जीभ से स्वाद ले सके और स्पर्श का अनुभव कर सके इसके लिए सौ वर्षों तक इन अंगों का कार्य करना आवश्यक है। जाहिर है इसके लिए देखभाल करनी चाहिये। इनमें स्पर्श का अनुभव के अंतर्गत सेक्स क्रिया शामिल है।
सेक्स करने लायक बने रहने के लिए क्या करें
डॉ देवेश कुमार बताते हैं कि एक स्वस्थ स्त्री और पुरुष को अपनी सेक्स लाइफ अच्छे से एन्जॉय करने के लिए यह आवश्यक है कि वह अपने खाने-पीने पर विशेष ध्यान दे। उन्होंने बताया कि खाने में उर्द की दाल, शतावर, मूसली, अश्वगंधा, गोखरू, हरड़ बहेड़ा आंवला, शंखपुष्पी, ब्राह्मी का सेवन आयु के अनुसार अवश्य करना चाहियेेे, विशेषकर स्त्रियों को शतावर, अश्वगंधा और हरड़ बहेड़ा आंवला का सेवन अवश्य करना चाहिये। इन चीजों की मात्रा किसी चिकित्सक की सलाह से ही तय करना चाहिये। इसके अतिरिक्त हरी सब्जियों का इस्तेमाल भी काफी फायदेमंद है।
डॉ देवेश बताते हैं कि मीनोपाज होने के बाद भी अगर महिला का खानपान सही है तो सेक्स के प्रति उसकी रुचि में कोई कमी नहीं आती है। डॉ देवेश कुमार कहते हैं कि आयुर्वेद में शरीर के शोधन का विशेष महत्व है इसलिए स्त्री हो या पुरुष उसे पंचकर्म कराना चाहिये इससे उसके शरीर के विषैले तत्वों के निकलने के साथ ही सेक्स के लिए पावर बढ़ जाती है और आवश्यक फुर्ती बनी रहती है।
भ्रामक दवाओं के चक्कर में न पड़ें
डॉ देवेश ने बताया कि अनेक बार लोग इधर-उधर विज्ञापनों में पढक़र सेक्स की शक्ति को बढ़ाने वाली दवाओं का सेवन कर लेते हैं, इन दवाओं को कतई न लें क्योंकि इनके साइड इफेक्ट होते हैं। अगर व्यक्ति ऊपर लिखी चीजों का सेवन करता है तो उसे सेक्स करने के लिए तैयार होने में कोई बाधा नहीं आयेगी।
फोर प्ले का विशेष महत्व
उन्होंने सेक्स के पहले फोर प्ले (विभिन्न प्रकार से स्पर्श) का विशेष महत्व बताते हुए कहा कि पुरुष को चाहिये कि वह अपने ऊपर नियंत्रण रखते हुए अपने पार्टनर के साथ कम से कम 15 मिनट तक फोर प्ले करने के बाद ही सेक्स करे।