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जीरो टॉलरेंस : यूपी में आयुष सीटों पर प्रवेश में फर्जीवाड़ा का मामला सीबीआई के हवाले

-योगी आदित्‍यनाथ ने दिये आयुष निदेशक सहित दो के निलंबन के निर्देश, दो अन्‍य के खिलाफ होगी विभागीय जांच  

योगी आदित्यनाथ

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। बिना नीट परीक्षा के आयुष पाठ्यक्रमों में एडमिशन लिये जाने के मामले ने जीरो टॉलरेंस की नी‍ति अपनाते हुए सीबीआई जांच का फैसला लिया है। इसके साथ ही उन्‍होंने आयुष निदेशक डॉ एसएन सिंह के साथ ही निदेशालय के प्रभारी अधिकारी डॉ उमाकांत यादव को निलम्बित करने और दो अन्‍य यूनानी निदेशक डॉ मोहम्‍मद वसीम और होम्‍योपैथिक के संयुक्‍त निदेशक प्रो विजय पुष्‍कर के खिलाफ विभागीय जांच के निर्देश दिये हैं।

के भी निर्देश दियेमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टालरेंस की नीति अपनाते हुए आयुष विभाग में हुए भर्ती घोटाले की जांच सीबीआई को सौंप दी है। इससे पहले उन्होंने हिमाचल प्रदेश के चुनावी दौरै से लौटने के बाद पूरे मामले की समीक्षा की और गृह विभाग को निर्देश इस संबंध में कार्रवाई करने के निर्देश दिए। साथ ही मुख्यमंत्री ने आयुष शिक्षा निदेशालय के निदेशक डा. एसएन सिंह, प्रभारी अधिकारी आयुष निदेशालय व मूल पद प्रोफेसर राजकीय आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज डा. उमाकांत यादव को निलंबित कर दिया। साथ ही दो अन्य डाक्टरों यूनानी निदेशक डा. मोहम्मद वसीम और होम्योपैथिक निदेशालय के संयुक्त निदेशक प्रो. विजय पुष्कर के खिलाफ विभागीय जांच के निर्देश दे दिए।

राज्‍य सरकार के प्रवक्‍ता ने यह जानकारी देते हुए बताया है कि मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद एडमिशन में हुई अनियमितता की जांच सीबीआई से कराने की संस्‍तुति भारत सरकार से कर दी गयी है। ज्ञात हो प्रदेश के आयुर्वेद और यूनानी कॉलेजों में बीएएमएस, बीयूएमएस में प्रवेश के नाम पर भारी फर्जीवाड़ा किए जाने मामले का पता तब चला था जब कुछ छात्रों द्वारा केंद्रीय आयुष परिषद को इसकी शिकायत भेजी गयी थी, आपको बता दें इन छात्रों ने पहले यहीं निदेशालय में अपनी शिकायत दर्ज करायी लेकिन इस पर कार्रवाई न किये जाने के बाद केंद्रीय आयुष परिषद में अपनी शिकायत भेजी थी।

केंद्रीय आयुष परिषद के निर्देश पर जब जांच शुरू हुई तो अभी तक 891 फर्जी दाखिलों का पता चला है, इनमें ज्‍यादातर आयुर्वेद और यूनानी यानी बीएएमएस और बीयूएमएस में प्रवेश के हैं, जहां तक बात बीएचएमएस की है तो उसकी प्रवेश प्रक्रिया भी संदेह के घेरे में है। आरंभिक जांच में गड़बड़ी मिलने पर लखनऊ के टूड़ियागंज स्थित राजकीय आयुर्वेद कॉलेज के छह छात्रों को निलंबित किया जा चुका है।

बताया जाता है कि बिना नीट की परीक्षा देने वाले छात्रों के साथ ही नीट परीक्षा में कम अंक पाये छात्रों को भी प्रवेश दिया गया है। आयुर्वेद निदेशक की ओर से हजरतगंज कोतवाली में काउंसलिंग कराने वाली नोडल एजेंसी बी-3 सॉफ्ट सॉल्यूशन के संचालक कुलदीप सिंह, अपट्रॉन तथा अज्ञात के खिलाफ शनिवार को धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया  जा चुका है।

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