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महिलायें यूरीन लीकेज से न हों परेशान, मौजूद है समाधान

-बस एक सर्जरी दिलायेगी इस दिक्‍कत से छुटकारा
-स्‍त्री रोग विशेषज्ञों को भी देना चाहिये इसकी सर्जरी का प्रशिक्षण
डॉ.नीता ठाकरे

लखनऊ। अगर, छींकने, खांसने पर पेशाब छूट जाये, पेट पर दबाव पडऩे पर पेशाब आ जाये। पेशाब लीकेज की समस्या से पीडि़त हैं और घर से बाहर आना-जाना दूभर हो चुका है तो परेशान न हों और अपने आपको समाज से अलग करके न रखें। इस समस्या का समाधान, यूरोलॉजिस्ट के पास है। लेकिन दिक्‍कत यह है कि जानकारी के अभाव में महिलायें इसे बढ़ती उम्र का तकाजा मानकर शांत रहती हैं। जबकि एक छोटे से ऑपरेशन से इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। इस ऑपरेशन के बाद पूर्व की भांति सक्रियता कायम रख सकेंगी। स्‍त्री रोग विशेषज्ञों को इस समस्‍या के समाधान का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिये।

यह बात शनिवार को 63वें ऑल इंडिया आब्सटेट्रिक्स एंड गाइनोकोलॉजी 2020 के चौथे दिन, अहमदाबाद की डॉ.नीता ठाकरे ने, अपने संबोधन में कहीं। आशियाना स्थित काशीराम सांस्कृतिक स्थल में आयोजित पांच दिवसीय एआईसीओजी 2020 में डॉ. ठाकरे ने बताया कि महिलाओं के जीवन में तमाम उतार चढ़ाव हैं, प्रतिमाह माहवारी, प्रसव की जटिलताएं, मेनोपॉज, अपच के कारण, पेट साफ न होने से प्रेशर लगाने जैसे तमाम कारण हैं जो यूरिन को सपोर्ट करने वाली नर्व को प्रभावित करते हैं। सपोर्टिव नर्व ढीली पड़ जाती हैं, जिसकी वजह से उम्र के साथ पेशाब से नियंत्रण कम होने लगता है। इस समस्या को महिलाएं बढ़ती उम्र की गंभीर बीमारी समझकर, घर पर ही बैठ जाती हैं और समाज से खुद को अलग कर लेती हैं।

उन्होंने बताया कि सर्वप्रथम महिला में शुगर व बीपी नियंत्रण करते हुए एक छोटे आपरेशन से पेशाब के नीचे की जगह पर प्रोलीन लगाकर ढीलेपन को ठीक कर दिया जाता है। जिसके बाद पेशाब लीकेज की समस्या को ख़त्म किया जा सकता है। महिलायें इसे बीमारी न मानकर समझौता करती रहती हैं जबकि इस समस्या से महिला का मनोबल गिरता है। वह अपना सामान्य जीवन नहीं जी पाती है। वह कहीं भी जाने से पहले टॉयलेट को लेकर ही चिंतित रहती है।

डॉ. ठाकरे का कहना है कि महिलाओं में यह समस्या आम समस्या है, इसलिये स्त्री रोग विशेषज्ञों को इस समस्या के समाधान के लिए यूरोलॉजिस्ट से प्रशिक्षण दिया जाना चाहिये, क्योंकि अधिकांश महिलाएं स्त्रीरोग विशेषज्ञों के पास ही जाती हैं और उनकी समस्या का समाधान हो सके।