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महिलाएं जागरूक रहकर बची रह सकती हैं सर्वाइकल कैंसर से

-आईएमए मिशन पिंक के तत्‍वावधान में आयोजित किया गया जागरूकता कार्यक्रम

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ/अलीगढ़। देश की आधी आबादी यानी महिलाएं जब सशक्‍त बनेंगी तभी देश भी सशक्‍त बनेगा। महिलाओं के सशक्‍त बनने के लिए उनका स्‍वस्‍थ रहना बहुत महत्‍वपूर्ण है। अपने स्‍वास्‍थ्‍य के प्रति महिलाएं स्‍वयं जागरूक रहें, और किसी भी प्रकार की शारीरिक दिक्‍कत होने पर चिकित्‍सक के पास पहुंचने में ढिलाई न बरतें।

ये विचार आज यहां इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के मिशन पिंक के तत्‍वावधान में आयोजित महिला सशक्तिकरण व जागरूकता कार्यक्रम में आईएमए मिशन पिंक की स्‍टेट सचिव डॉ दिव्‍या चौधरी ने व्‍यक्‍त किये। इस कार्यक्रम का आयोजन महिलाओं में पाये जाने वाले सर्वाइकल कैंसर के बारे में जागरूकता के लिए किया गया।

यहां बेला मार्ग विष्‍णुपुरी स्थित म्‍यूनिसपैलिटी स्‍कूल परिसर में आयोजित कार्यक्रम में आसपास की ग्रामीण व अन्‍य महिलाओं ने भाग लिया। महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर के बारे में डॉ दिव्‍या चौधरी के अलावा डॉ जॉली वार्ष्‍णेय, डॉ सुरभि, डॉ चारू गुप्‍ता ने अनेक जानकारियां दीं। उपस्थित महिलाओं को बताया गया कि सर्वाइकल कैंसर का खतरा विदेश के साथ ही भारत की महिलाओं को भी रहता है।

डॉ दिव्‍या ने बताया‍ कि सर्वाइकल कैंसर से बचने के लिए महिलाओं को नियमित चेकअप कराना चाहिये, तीन साल में पैप स्‍मीयर टेस्‍ट कराना चाहिये। उन्‍होंने बताया कि अगर पेशाब के रास्‍ते से ब्‍लीडिंग हो, बदबूदार सफेद पानी निकले, संबंध बनाते समय ब्‍लीडिंग हो या दर्द हो तो बिना देर किये डॉक्‍टर को दिखाना चाहिये। उन्‍होंने कहा कि एचपीवी वायरस भी सर्वाइकल कैंसर का कारण हो सकता है, इसलिए इस वायरस से बचने का टीका डॉक्‍टर की सलाह से लगवाना चाहिये। उन्‍होंने कहा कि ऐसा पाया गया है कि जो महिलाएं धूम्रपान करती हैं या एक से अधिक लोगों के साथ शारीरिक संबंध बनाती हैं, उन्‍हें इसका खतरा ज्‍यादा होता है।