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‘मिट्टी को जब होना ही है मिट्टी, क्‍यों न किसी के काम आये यह मिट्टी…’

-केजीएमयू ने आयोजित किया देहदान सम्‍मान समारोह, परिजनों को किया गया सम्‍मानित

सेहत टाइम्‍स
लखनऊ। ‘मिट्टी को जब होना ही है मिट्टी, क्‍यों न किसी के काम आये यह मिट्टी, जलाएंगे, दफनाएंगे, बॉडी कहलायेंगे क्‍यों न बंदों के काम आये मिट्टी…’ कोई भी धर्म प्रेम से बड़ा नहीं होता, दान से बड़ा कोई कर्म नहीं होता…!


यह बात कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डॉ बिपिन पुरी ने अटल बिहारी बाजपेई कन्वेंशन सेंटर केजीएमयू में आयोजित देहदान सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए कही। उन्होंने कहा कि पिछले 20 वर्षों से देहदान जागरूकता के लिए अभियान चलाया जा रहा है। इसके फलस्‍वरूप एनाटॉमी विभाग में अभी तक 4000 देहदान का पंजीकरण हो चुका है तथा 400 लोगों की मरणोपरांत देह प्राप्त हुई है। उन्‍होंने कहा कि देहदानियों के परिजनों को सम्‍मान देने के लिए केजीएमयू ने फैसला किया है कि देहदानी के स्‍पाउस (पति या पत्‍नी) के आइडेंटिटी कार्ड (यूएचआईडी कार्ड) बनाया जायेगे तथा सिर से पैर तक वार्षिक हेल्‍थ चेकअप किया जायेगा। उन्‍होंने कहा कि इसके अतिरिक्‍त ओपीडी में भी बेसिक मेडिसिन फ्री देंगे।


कुलपति ने देहदान सम्‍मान समारोह का महत्‍व बताते हुए कहा कि देहदान का बहुत महत्‍व है, भगवान ने मानव शरीर की रचना जो की है, उसे जब तक हम जानेंगे नहीं तो इलाज कैसे करेंगे, टीचर बच्‍चों को जब हाथ पकड़ कर सिखाते हैं, डॉक्‍टर बनाने की बहुत बड़ी चुनौती है, इसमें देहदान एक बड़ा प्‍लेटफॉर्म है। इसके लिए जागरूकता की जरूरत है, हमें लोगों को यह समझाना है कि यह बहुत बड़ा दान है। उन्‍होंने कहा कि गायत्री परिवार के साथ ही मैं आस्‍था ओल्‍ड एज होम, दृष्टि, निर्वाण संस्‍थाओं का अभिनंदन करता हूं , जिन्‍होंने देहदान के प्रति जागरूकता फैलाने में हमारा साथ दिया।

उन्होंने कहा कि देहदान से एमबीबीएस, बीडीएस, नर्सिंग, पैरामेडिकल तथा परास्नातक छात्र एवं छात्राओं को पठन-पाठन में सहायता मिलती है। इसके साथ ही साथ शिक्षकों को नई तकनीकी के बारे में जानकारी मिलती है। उन्होंने कहा अभी तक जिन लोगों की मृत्यु हो जाती थी और उनकी देह लेने वाला कोई नहीं होता था तो ऐसे में उनकी देह को हम पठन-पाठन के कार्य में लाते थे लेकिन अब इस पर रोक लग गई है और नए नियम के अनुसार ऐसे लोगों का पोस्टमार्टम कराना जरूरी है। ऐसी परिस्थितियों में अब देहदान के प्रति जागरूकता और बढ़ानी आवश्यक है। कुलपति ने कहा कि इसमें सभी के योगदान की जरूरत है।


आज के दिन 225 देहदानियों के परिवार जनों को सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया। इससे पूर्व एनाटॉमी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ पुनीता मानिक ने कार्यक्रम के बारे में परिचय देते हुए आए हुए अतिथियों का अभिनंदन किया। इस मौके पर प्रति कुलपति डॉ वीके शर्मा, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ एसएन संखवार तथा कई फैकल्टी व चिकित्सक आदि उपस्थित रहे।

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