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किसके पैर छूने से क्‍या लाभ होता है, कर्मों से किस तरह बदलती है ग्रह की चाल

-ज्‍योतिष आचार्य विजय वर्मा ने दी महत्‍वपूर्ण जानकारी

आचार्य विजय वर्मा www.urjaastro.com

आज बात करते हैं पैर छूने से क्या लाभ होते हैं, और पैर छूने से हमें क्या-क्या फलों की प्राप्ति होती है और उनसे हमें किस तरह का लाभ मिलता है। इस बारे में ज्‍योतिष आचार्य विजय वर्मा ने महत्‍वपूर्ण जानकारी दी।

आचार्य विजय वर्मा ने बताया कि अगर हम अपने पिता के पैर छूते हैं तो हमारा सूर्य बलवान होता है, दादी, मां, चाची, मौसी, ताई के पैर छूने से चंद्र बलवान होता है। बड़े भाई के पैर छूने से मंगल बलवान होता है, बहन, बुआ के पैर छूने से बुध ठीक होता है। गुरुओं, संतों, ब्राह्मणों के पैर छूने से देव गुरु बृहस्पति अच्छे होते हैं। दादा, बुजुर्गों के पैर छूने से केतु शुभ होता है और भाभी के पैर छूने से शुक्र प्रबल होता है।

उन्‍होंने कहा कि पत्नी को उल्टा-सीधा कहने से शुक्र बलहीन होता है। मजदूरों का अनादर करने से शनि बलहीन होता है ससुराल से मधुर संबंध रखने से राहु की शुभता आती है और अगर अपने पति के पैर छूते हैं तो मंगल बलवान होता है। सास के पैर छूने से चंद्र बलवान होता है अगर सभी लोग इन बातों का खयाल करें तो कुंडलियां दिखाने की आवश्यकता ही न पड़े सुखमय जीवन बीते।

उनका कहना है कि ग्रह हमारे द्वारा किए गए कर्मों का फल ही देते हैं, इसलिए कर्म सुधारने चाहिए यह नहीं कि छल, कपट, प्रपंच रचते रहें और दूसरों को दुःख देते रहें, सत्य बोलना चाहिए। निंदा नहीं करनी चाहिए। झूठ बोलना, व्यर्थ के आरोप लगाना नहीं चाहिये।

आचार्य विजय वर्मा ने कहा कि ग्रहों को मौका न दीजिए कि वह हमें तहस-नहस करें। हमें ग़लत नहीं होना है, हमें बचना है और जब भी हम कुछ गलत काम करते हैं तो हम राहु को निमंत्रण देते हैं, वह गोचर में जब भी दूसरे भाव में राहु का संबंध बनता है या राहु की अंतर्दशा है तो अगर हम कुछ गलत काम करते हैं या कोई प्रपंच फालतू का करते हैं तो यह दिक्कत देता है। जो भी लोग चाहे संत, महात्मा, ज्ञानी, ध्यानी हों या कोई भी हो, उन्हें अपने कर्म को भोगना ही पड़ता है। इसलिए सभी को सलाह है कि अपने कर्म को सुधारें और गलत चीजों को भोगने से बचें।