-स्वास्थ्यकर्मियों के बीच संक्रामक एजेंटों के प्रसार को रोकने के लिए हाथ की स्वच्छता के महत्व पर दिया जोर
-माइक्रोबायोलॉजी विभाग के 36वें स्थापना दिवस के मौके पर 4 मई को आयोजित किया जायेगा समारोह
सेहत टाइम्स
लखनऊ। संजय गांधी पीजीआई के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में हाल ही में वायरल रिसर्च डायग्नोस्टिक लैब (वीआरडीएल) की स्थापना की गई है, जहां मरीजों का वायरल डायग्नोज नि:शुल्क किया जाएगा। विभाग द्वारा अस्पताल के विभिन्न उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों जैसे प्रत्यारोपण इकाइयों, गहन चिकित्सा इकाइयों, डायलिसिस इकाइयों और ऑपरेशन थिएटरों की नियमित निगरानी की जा रही है।
यह बात संस्थान के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ रूंगमेई एस के मारक ने माइक्रोबायोलॉजी विभाग के 36वें स्थापना दिवस के मौके पर शनिवार 4 मई को आयोजित होने वाले समारोह के बारे में जानकारी देते हुए कही। उन्होंने कहा है कि माइक्रोबायोलॉजी विभाग की स्थापना मई 1988 में हुई थी, विभाग 5 मई, 2024 को गर्व से 36वां स्थापना दिवस मना रहा है। उन्होंने कहा कि यह दिन “विश्व हाथ स्वच्छता दिवस” का भी प्रतीक है। चूंकि 5 मई को रविवार है, इस कारण, स्थापना दिवस 4 मई को मनाया जायेगा। इस दिन विश्व हाथ स्वच्छता दिवस के अवसर पर 11:30 बजे से संस्थान के टेलीमेडिसिन ऑडिटोरियम में एक जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किया है। यह कार्यक्रम पुरानी यादों और विभाग में हुई प्रगति का अद्वितीय सम्मिश्रण होगा, क्योंकि हम न केवल अपने पूर्व विद्यार्थियोंको याद करेंगे, बल्कि सर्वोपरि महत्व के विषय – हाथ की स्वच्छता – पर आलोचनात्मक चर्चा में भी शामिल होंगे । स्वास्थ्यकर्मियों के बीच संक्रामक एजेंटों के प्रसार को रोकने के लिए हाथ की स्वच्छता के महत्व पर जोर देना समय की मांग है।
इस वर्ष, “विश्व हाथ स्वच्छता दिवस 2024” का विषय है- “हाथ की स्वच्छता सहित संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण पर नवीन और प्रभावशाली प्रशिक्षण और शिक्षा के माध्यम से स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के ज्ञान और क्षमता निर्माण को बढ़ावा देना”। स्वास्थ्यकर्मियों के बीच संक्रामक एजेंटों के प्रसार को रोकने के लिए हाथ की स्वच्छता के महत्व पर जोर देना समय की मांग है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं प्राप्त करने के दौरान प्राप्त संक्रमण से दुनिया भर में हर दिन हजारों लोगो की मृत्यु हो जाती हैं। चूंकि मरीजों के प्रबंधन के दौरान हाथ रोगाणु संचरण का मुख्य मार्ग हैं, इसलिए केवल हाथ की स्वच्छता प्रथाओं को लागू करके स्वास्थ्य देखभाल से जुड़े संक्रमणों को रोकना/बचना महत्वपूर्ण है।
विभाग का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य क्लिनिकल माइक्रोबायोलॉजी, संक्रामक एजेंटों की तेजी से पहचान, उनकी रोगाणुरोधी संवेदनशीलता और आणविक महामारी विज्ञान के लिए आणविक आधारित नैदानिक परीक्षणों में स्वचालन स्थापित करना है। विभाग को यूपी और बिहार में पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम के लिए डब्ल्यूएचओ निगरानी केंद्र के रूप में भी पहचाना जाता है। उन्होंने बताया कि विभाग एक वार्षिक पत्रिका प्रकाशित करता है, जिसमें रोगजनकों का वितरण, उनकी एंटीबायोटिक संवेदनशीलता और दिलचस्प मामले की रिपोर्ट शामिल होती है।
इस मौके पर प्रोफेसर डॉ मनोदीप सेन, माइक्रोबायोलॉजी विभाग, आर एम एल, लखनऊ, “संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण पर ज्ञान और क्षमता निर्माण को बढ़ावा देना” पर एक व्याख्यान देंगे। संजय गांधी पी जी आई के माइक्रोबायोलोजी विभाग में एडिशनल प्रोफेसर डॉ. चिन्मय साहू “एमआईसी बनाम संवेदनशीलता के ब्रेकप्वाइंट की भूमिका” और नैदानिक देखभाल में इसके ज्ञान के महत्व पर एक व्याख्यान देंगे।
इसके अतिरिक्त माइक्रोबायोलॉजी के क्षेत्र की प्रतिष्ठित हस्तियां प्रोफेसर डॉ. केएन प्रसाद और हमारे पूर्व छात्र अपने अनुभवों को साझा करेंगे। विश्व हाथ स्वच्छता दिवस” के अवसर पर युवा पीढ़ी को इसके लिए संवेदनशील बनाने के लिए नर्सिंग, मेडिकल टेक्नोलॉजी कॉलेज के छात्रों और माइक्रोबायोलॉजी के रेजिडेंट डॉक्टरों द्वारा एक रंगोली प्रतियोगिता और लघु नाटिका भी आयोजित की जायेगी।
कार्यक्रम के अंतर्गत में सांस्कृतिक संध्या का आयोजन होगा, जिसमें डॉ. प्रिया श्री और उनकी टीम द्वारा शास्त्रीय कथक नृत्य और अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त प्रसिद्ध कवि डॉ. पंकज प्रसून का कविता पाठ होगा। इस कार्यक्रम में 80 से अधिक पूर्व छात्रशामिल होंगे।