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वेटेनरी फार्मासिस्ट संघ भी राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के आंदोलन में शामिल होगा

-अपनी मांगों को लेकर वेटेनरी फार्मासिस्‍ट संघ ने भी कमर कसी

लखनऊ वेटेनरी फार्मासिस्‍ट संघ ने घोषणा की है कि संघ अपनी मांगों की पूर्ति के लिए राजकीय फार्मेसिस्ट महासंघ उत्तर प्रदेश और राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के साथ मिलकर बड़े आंदोलन की तैयारी करेगा। प्रदेश के वेटरनरी फार्मासिस्ट भी परिषद द्वारा घोषित आंदोलन  20 और 21 अप्रैल को काला फीता बांधकर प्रदर्शन, 22 अप्रैल को सभी जनपदों में मोटरसाइकिल रैली, 23 और 24 अप्रैल को कार्य बहिष्कार में पूरी ताकत से शामिल होंगे।

यह निर्णय आज रवींद्रालय मे प्रदेश भर से आये हजारों वेटनरी फार्मेसिस्टों ने पशु चिकित्सा फार्मेसिस्ट संघ के द्विवार्षिक अधिवेशन के पहले दिन लिया। अधिवेशन की अध्यक्षता संघ के प्रदेश अध्यक्ष पंकज शर्मा ने तथा संचालन महामंत्री अशोक कुमार ने किया। संघ के महामन्त्री अशोक कुमार ने कहा कि प्रमुख सचिव पशुधन ने वेटेनरी फार्मासिस्ट की पदोन्नति 10 दिन के अंदर करने का आदेश दिया है।

यह जानकारी देते हुए पशु चिकित्सा फार्मेसिस्ट संघ एवं राजकीय फार्मेसिस्ट महासंघ के महामंत्री अशोक कुमार ने बताया कि अधिवेशन में कहा गया कि “पशु चिकित्सालयों में फार्मेसिस्ट के 1500 से अधिक पद रिक्त हैं, एक-एक फार्मेसिस्ट कई अस्पतालों के कार्य संचालित कर रहे है, सचल चिकित्सा दल भी बने हैं, पशुओं की चिकित्सा के लिए घर भी जाना होता है, कुछ जिलों में फार्मेसिस्ट गौशालाओं का नोडल अधिकारी हैं लेकिन इतना कार्य का बोझ होने के बावजूद अधिकांश अस्पतालों में फार्मेसिस्ट का पद रिक्त हैं। नियमावली का प्रख्यापन ना होने के कारण नियुक्तियां नहीं हो पा रही है, वहीं पदोन्नति ना होने से फार्मेसिस्ट मूल पद से सेवानिवृत्त हो रहे हैं , नए पदों का सृजन नहीं हो रहा है, उक्त समस्याओं के निराकरण के लिए पशु चिकित्सा फार्मेसिस्ट अब आंदोलन को मजबूर हैं।

उन्‍होंने बताया कि अधिवेशन में आये फार्मेसिस्टों  ने एक स्वर से मांग की कि उत्तराखंड की भांति उत्तर प्रदेश में भी सभी पशु चिकित्सालयों में औषधियों के रखरखाव एवं वितरण हेतु फार्मेसी एक्ट के अनुसार पंजीकृत एलोपैथी फार्मेसिस्ट की नियुक्ति की जाए।

पशु चिकित्सा फार्मेसिस्ट संघ एवं राजकीय फार्मेसिस्ट महासंघ के महामंत्री अशोक कुमार ने कहा कि देश में एलोपैथी औषधियां चाहे वह मानव के उपयोग में हों अथवा पशुओं के, उनकी रखरखाव और वितरण फार्मेसी एक्ट 1948 की धारा 42 और फार्मेसी प्रैक्टिस रेगुलेशन 2015 के अंतर्गत केवल स्टेट फार्मेसी कौंसिल में पंजीकृत फार्मेसिस्ट द्वारा ही किया जा सकता है। शासन द्वारा पूर्व में न्यूनतम शौक्षिक योग्यता का निर्धारण भी किया जा चुका है, लेकिन उसका पालन ना करते हुए प्रदेश में अवैधानिक रूप से एक पैरा वेटनरी कौंसिल का गठन का प्रयास किया जा रहा है और मथुरा में एक कोर्स संचालित किया जा रहा है जो फार्मेसी कॉउंसिल से मान्यता प्राप्त नहीं है। उन बच्चों का भविष्य सुरक्षित करने के लिए उनका पंजीकरण स्टेट फार्मेसी कौंसिल में करवाने की व्यवस्था की जानी चाहिए जिससे वे छात्र नियमानुसार फार्मेसी प्रैक्टिस करने के योग्य हो सकें। अगर न्यूनतम योग्यता इस प्रकार निर्धारित होती है तो पशु चिकित्सालयों में अगले 30 सालों से अधिक समय तक फार्मेसिस्ट के पद खाली बने रहेंगे।

मुख्य अतिथि के रुप में बोलते हुए कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष वी पी मिश्रा ने संघ को आश्वस्त किया कि प्रदेश के कर्मचारी वेटेनरी फार्मेसिस्ट के आंदोलन में सहयोग करेंगे और जल्द ही संघ की मांगों पर उच्चस्तरीय वार्ता का प्रयास किया जाएगा, जिससे संवर्ग की सेवा नियमावली जल्द प्रख्यापित हो सके और नियुक्तियां हो जाएं। उन्होंने सभी सदस्यों का आव्हान किया कि कर्मचारी एकजुट होकर संगठन को मजबूत करें। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा ने अधिवेशन में परिषद द्वारा घोषित आंदोलन की जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश के वेटरनरी फार्मासिस्ट भी परिषद द्वारा घोषित आंदोलन  20 और 21 अप्रैल को काला फीता बांधकर प्रदर्शन, 22 अप्रैल को सभी जनपदों में मोटरसाइकिल रैली, 23 और 24 अप्रैल को कार्य बहिष्कार में पूरी ताकत से शामिल होंगे। परिषद के अध्यक्ष सुरेश रावत ने भी संघ की मांगों पर समर्थन देने का आश्वासन दिया। परिषद के उपाध्यक्ष धनंजय तिवारी ने भी अधिवेशन को संबोधित किया।

राजकीय फार्मेसिस्ट महासंघ के अध्यक्ष सुनील यादव ने संबोधित करते हुए कहा कि  प्रदेश में योग्य फार्मेसिस्टो की कमी नही है,  तो प्रदेश के अधिकारी नई व्यवस्था कर वेटनरी फार्मेसिस्टों की नियुक्तियों को बाधित क्यों करना चाहते हैं, साथ ही अगले 30 वर्षों तक पदों का खाली बने रहना प्रदेश की जनता के हितों के प्रतिकूल है। उन्होंने बताया कि वेटरनरी अस्पतालों में प्रयोग होने वाली औषधियां एलोपैथी होती हैं, ऐसी सभी औषधियों का भंडारण एवं वितरण केवल पंजीकृत फार्मासिस्ट एलोपैथी द्वारा ही किया जाना विधि के अनुकूल है, अतः देश के सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को अपने सभी वेटरनरी अस्पतालों में एलोपैथी फार्मेसिस्ट, जो स्टेट फार्मेसी काउंसिल में पंजीकृत हों, को तैनाती देकर नियमों का पालन करना चाहिए। उक्त आशय का एक पत्र फार्मेसी काउंसिल आफ इंडिया द्वारा सभी राज्यों को भेजा गया है ।  फार्मेसी काउंसिल आफ इंडिया की 107 वी सेंट्रल काउंसिल की बैठक जो अगस्त माह में नई दिल्ली में संपन्न हुई थी उसमें निर्णय लिया गया था कि कुछ प्रदेशों में अभी भी वेटरनरी अस्पतालों में पंजीकृत फार्मासिस्ट तैनात नहीं है जिससे फार्मेसी एक्ट 1948 की धारा 42 का उल्लंघन हो रहा है ।  देश में उक्त एक्ट का पालन कराने हेतु सभी राज्य सरकारों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखा जाय । 11 अक्टूबर 2019 को काउंसिल ने पत्र भेजते हुए सभी राज्य सरकारों को एक्ट का पालन करने के कहा है ।

उन्होंने कहा कि किसी अन्य द्वारा फार्मेसी की प्रैक्टिस करने पर दंडनीय अपराध माना गया है, जिसमें छह माह की कैद या 1000 रु  जुर्माना अथवा दोनों का प्रावधान  है ।

फार्मेसी प्रैक्टिस रेगुलेशन 2015 जो फार्मेसी एक्ट की धारा 10 और अट्ठारह के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा अधिसूचित की गई है, में ‘प्रिसक्रिप्शन’ को परिभाषित करते हुए कहा गया है कि ‘किसी भी पंजीकृत मेडिकल प्रैक्टिशनर अथवा अन्य लाइसेंस्ड प्रैक्टिशनर जैसे डेंटिस्ट, पशु चिकित्सक आदि के नुस्खे को केवल पंजीकृत फार्मासिस्ट द्वारा ही वितरित किया जा सकता है । ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट 1940 की धारा 3b में औषधि की परिभाषा के अंतर्गत स्पष्ट है कि वह सभी औषधियां जो मानव अथवा पशुओं के डायग्नोसिस,इलाज, बचाव आदि में बाहरी या आंतरिक रूप से प्रयुक्त होती है, उनके वितरण के लिए केवल पंजीकृत फार्मेसिस्ट विधिक रुप से अधिकारी है ।

संघ ने मांग की कि उत्तर प्रदेश की सरकार पशुओं के संरक्षण पर विशेष रुप से ध्यान दे रही है अतः आशा है कि माननीय तत्काल पशु चिकित्सालयो में डिप्लोमा फार्मेसिस्टों की तैनाती करके रिक्त पदों को भरने, पदोन्नतियां करने , नए पदों के सृजन आदि के निर्देश जारी होंगे । संघ के अध्यक्ष पंकज शर्मा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष शारिक हसन, पूर्व अध्यक्ष किरन सिंह, प्रवक्ता करतार सिंह ने भी अधिवेशन को संबोधित किया। अधिवेशन के दूसरे दिन कल शनिवार को संघ के पदाधिकारियों का निर्वाचन सम्पन्न होगा ।