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पांच ऑर्गन्‍स से बुरी तरह चिपके अंडाशय के ट्यूमर को पांच घंटे के जटिल ऑपरेशन के बाद निकाला

-संजय गांधी पीजीआई में 37 वर्षीय महिला की डॉ अंजूरानी व टीम ने की सर्जरी

-सर्जरी से पूर्व गैस्‍ट्रो सर्जन व यूरोलॉजिस्‍ट ने की परक्‍यूटेनियस नेफ्रोस्‍टोमी व यूरेटरिक स्‍टेंटिंग

डॉ अंजूरानी

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) की वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञों, गैस्ट्रो सर्जरी और यूरोलॉजी विशेषज्ञ के द्वारा ओवेरियन टयूमर का सफलतापूर्वक जटिल ऑपरेशन किया गया है। डॉ अंजूरानी और टीम द्वारा की गयी पांच घंटे की इस सर्जरी की जटिलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि रोगी का गर्भाशय,पेशाब की थैली, आंत, पेट की दीवार और अंडाशय के टयूमर सब प्‍लास्‍टर्ड थे, और अंगों को पहचानना बहुत मुश्किल हो गया था।

संस्‍थान की ओर से दी गयी जानकारी में बताया गया है कि बिहार की 37 वर्ष की एक महिला पेट में दर्द व सूजन की शिकायत के साथ संस्थान की गायनीकोलॉजी की ओपीडी में आयी। उचित परामर्श और जांच-पड़ताल के बाद यह पाया गया कि उसके अंडाशय में एक बड़ा टयूमर था और दोनों पेशाब की नलियों में रुकावट थी, जिसके कारण दोनों गुर्दों व मूत्र वाहिनियों में अत्यधिक फैलाव आ गया था।

निकाला गया ट्यूमर

उपचार की दिशा में यह तय किया गया कि इस टयूमर को जितनी जल्दी हो सके निकाल दिया जाए, क्योंकि यह दोनों मूत्र वाहिनियों  को  दबा  रहा था। ऑपरेशन से पहले गैस्‍ट्रो सर्जन व यूरोलॉजिस्ट की भी सलाह ली गई, जिन्होंने परक्‍यूटेनियस नेफ्रोस्‍टोमी ( percutaneous nephrostomy)  व यूरेटरिक स्‍टेंटिंग (ureteric stenting) के द्वारा रोगी के गुर्दों और पेशाब की नली पर से दबाव को कम किया। ऑपरेशन के दौरान रोगी के गर्भाशय,पेशाब की थैली, आंत, पेट की दीवार और अंडाशय के टयूमर सब प्‍लास्‍टर्ड थे और अंगों को पहचानना बहुत मुश्किल हो गया था।

इन सब दुविधाओं के साथ ही शल्य क्रिया 5 घंटे चली और ट्यूमर को सफलतापूर्वक और सुरक्षित तरीके से निकाल दिया गया। इस ऑपरेशन में वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ अंजू रानी और डॉ दीपा कपूर, गैस्ट्रोसर्जरी विभाग के प्रोफेसर रजनीश कुमार सिंह, यूरोलॉजी विभाग के एडीशनल प्रोफेसर डॉ यू पी सिंह और एनेस्थेसिया विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ तापस कुमार सिंह शामिल थे। इस टीम में स्टाफ सुषमा, प्रियंका, मंजू और बीरभान भी शामिल थे। रोगी को एक-दो दिन में वार्ड से छुट्टी दे दी जाएगी।