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रैली निकालकर दिये डेंगू रोग को पहचानने और उससे बचने के टिप्‍स

राष्ट्रीय डेंगू दिवस के अवसर पर स्‍वास्‍थ्‍य विभाग ने निकाली जागरूकता रैली

लखनऊ। राष्ट्रीय डेंगू दिवस के अवसर पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा आज 16 मई को एक जागरूकता रैली का आयोजन किया गया। इस रैली के साथ ही एक कार्यशाला का आयोजन करके विभाग ने डेंगू बीमारी से बचने के जहां टिप्‍स बताये वहीं डेंगू रोग होने की पुष्टि करने के लिए होने वाले लक्षणों के बारे में भी जानकारी दी गयी।

 

इस रैली को 1090 चौराहे पर प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सुरेश चंद्र ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य वी.हेकाली झिमोमी, निदेशक संचारी रोग डॉक्टर मिथिलेश चतुर्वेदी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी,लखनऊ डॉक्टर नरेंद्र अग्रवाल, निदेशक बलरामपुर चिकित्सालय डा. राजीव लोचन, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक बलरामपुर चिकित्सालय डॉक्टर आरके सक्सेना, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी लखनऊ डा डी के वाजपेई, डा.अजय राजा, डा आर के चौधरी, जिला कुष्ठ अधिकारी पी के अग्रवाल, जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ बीके सिंह, उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर उमा शंकर लाल भी उपस्थित थे।

रैली में स्वास्थ विभाग के अधिकारियों /कर्मचारियों, आशा, एएनएम के अतिरिक्त निजी पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट के लगभग 5000 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। इस अवसर पर रैली को संबोधित करते हुए निदेशक संचारी रोग डॉक्टर मिथिलेश चतुर्वेदी ने बताया कि इस वर्ष अब तक प्रदेश में 1 जनवरी 2019 से 15 मई तक कुल 1577 डेंगू संभावित रोगियों की जांच की गई जिनमें से कुल 43 डेंगू धनात्मक पाए गए। जबकि पिछले वर्ष 15 मई तक कुल 99 मामले पाए गए थे। अभी तक प्रदेश में एक भी रोगी की मृत्यु डेंगू से नहीं हुई है।। प्रदेश में डेंगू की जांच के लिए वर्तमान में कुल 46 सर्विलांस लैब क्रियाशील है, जबकि पिछले वर्ष 37 लैब क्रियाशील थी । मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर नरेंद्र अग्रवाल ने बताया कि डेंगू का कोई उपचार नहीं है और इससे बचाव ही सर्वोत्तम उपचार है।

 

उन्होंने बताया कि हर बुखार डेंगू बुखार नहीं होता है। डेंगू एक वायरल बुखार है, जिसके लक्षण अचानक तेज सिर दर्द, बुखार का होना, मांसपेशियों तथा जोड़ों में दर्द होना, आंखों के पीछे दर्द होना जो कि आंखों को घुमाने से बढ़ता है। जी मिचलाना एवं उल्टी होना है। गंभीर मामलों में नाक-मसूड़ों से खून आना अथवा त्वचा पर चकत्ते उभरना इसके प्रमुख लक्षण हैं। हर मच्छर डेंगू फैलाने वाला नहीं होता है। डेंगू फैलाने वाला मच्छर स्थिर साफ पानी में पनपता है। उन्‍होंने सलाह दी कि जांच कर लेना चाहिये कि कहीं आपके घर में या आसपास पानी तो जमा नहीं है जैसे कि कूलर, पानी की टंकी ,पक्षियों के पीने के पानी का बर्तन ,,फ्रिज की ट्रे, फूलदान ,नारियल का खोल, टूटे हुए बर्तन व टायर इत्यादि। उन्होंने कहा कि पानी से भरे हुए बर्तन को ढंक कर रखें, कूलर को खाली कर के सुखा दें।

 

डा नरेंद्र अग्रवाल ने बताया कि यह मच्छर दिन के समय काटता है ,ऐसे कपड़े पहनें जो बदन को पूरी तरह ढंके। डेंगू के उपचार के लिए कोई खास दवा या वैक्सीन नहीं है। बुखार उतारने के लिए पेरासिटामोल ले सकते हैं। एस्प्रिन का इस्तेमाल ना करें। डॉक्टर की सलाह लें। डेंगू के हर रोगी को प्लेटलेट्स की आवश्यकता नहीं पड़ती। केवल प्लेटलेट्स घटने से डेंगू नहीं होता है।

 

उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी तथा नोडल ऑफिसर  वेक्टर बार्न डिसीज ,लखनऊ डा के पी त्रिपाठी ने बताया कि लखनऊ में डेंगू जांच की निशुल्क सुविधा एस जी पी जी आई, के जी एम यू तथा डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान गोमतीनगर की माइक्रो बायोलॉजी लैब तथा स्‍वास्‍थ्‍य भवन स्थित रीजनल लैब में उपलब्ध है। डेंगू रोगी के इलाज की व्यवस्था समस्त राजकीय स्वास्थ्य केंद्रों में निशुल्क उपलब्ध है ।बुखार आने पर अपने निकट के राजकीय चिकित्सालय में संपर्क करें। ।