-सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में उत्तर प्रदेश सरकार ने दिये निर्देश
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। कोरोना वायरस के चलते कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए किए जा रहे प्रयासों में 14 दिन के क्वॉरेंटाइन अवधि में रखे गये लोगों के मानसिक स्वास्थ्य को दुरुस्त रखने के लिए उनकी काउंसिलिंग की व्यवस्था किये जाने के निर्देश उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी किये गये हैं। आपको बता दें कि क्वारेंटाइन अवधि के दौरान बीच में ही लोगों के भाग जाने जैसी घटनाओं के बाद उच्चतम न्यायालय ने इसके आदेश दिये थे, इसी के अनुपालन में राज्य सरकार द्वारा यह निर्देश दिये गये हैं।
सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों और जिला चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षकों के साथ ही जिलाधिकारियों, पुलिस आयुक्त लखनऊ सभी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/ पुलिस अधीक्षकों को भेजे गये पत्र में निर्देश दिये गये हैं कि क्वारेंटाइन में रहने वाले लोगों की काउंसिलिंग के लिए यूनिसेफ द्वारा उपलब्ध कराये गए 34 काउंसलर/ मनोचिकित्सक के साथ ही राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम में कार्यरत अधिकारियों और कर्मियों जैसे मनोचिकित्सक, क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट्स, सायक्रायट्रिक सोशल वर्कर की सेवाएं भी लेने के निर्देश दिए गए हैं। निर्देशों में यह भी कहा गया है कि जिन जनपदों में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत मानव संसाधन उपलब्ध नहीं है वहां पर राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम, एनपीसीडीसीएस कार्यक्रम अथवा अन्य कार्यक्रमों में कार्यरत क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट, काउंसलर, साइकोलॉजिस्ट की सेवा प्राप्त की जा सकती है। यह भी कहा है कि जिन लोगों की ड्यूटी काउंसलिंग के लिए लगाई जाए उनके आने-जाने एवं सुरक्षा का पूरा ध्यान भी रखा जाए।