-कंजरवेटिव डेंटिस्ट्री एंड एंडोडोंटिक्स विभाग में कार्यशाला आयोजित, जल्द शुरू होगी क्लीनिक

सेहत टाइम्स
लखनऊ। दांतों में किसी वजह से चोट लगने के बाद उसका इलाज करने के बाद दांतों का न तो नेचुरल रंग बदले और न ही आकृति, इसकी टेक्निक पर आज यहां किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के दंत संकाय के कंजरवेटिव डेंटिस्ट्री एंड एंडोडोंटिक्स विभाग द्वारा कार्यशाला आयोजित की गयी। इसमें मुख्य प्रस्तुति के लिए बंग्लुरू के डॉ दीपक मेहता को आमंत्रित किया गया था।
कार्यशाला का उद्घाटन कुलपति ले.ज. डॉ बिपिन पुरी, विभागाध्यक्ष डॉ एपी टिक्कू, फेकल्टी ऑफ डेंटल् साइंसेज के डीन डॉ आरके सिंह ने किया। डॉ दीपक मेहता ने बताया कि यदि दांत में चोट या अन्य कारणों से ट्रीटमेंट करना हो तो किस प्रकार उस व्यक्ति के दांतों के कलर का ध्यान रखते हुए टेक्निक को अपनाना चाहिये।

प्रो टिक्कू ने बताया कि यह तकनीक पहले उच्च वर्ग और फिल्मी दुनिया तक ही सीमित थी, अब इस तकनीक को आम जनमानस तक बेहद सस्ती दरों पर उपलब्ध कराया जा सके, इसके लिए विभाग द्वारा प्रयास किया जायेगा। उन्होंने बताया कि जल्दी ही विभाग में ऐस्थेटिक डेंटिस्ट्री एवं स्माइल डिजाइन की एक विशेष क्लीनिक शुरू की जायेगी ताकि जनमानस को यह सुविधा केजीएमयू परिसर में ही मिल सके।
इस कार्यशाला में लखनऊ तथा अन्य जगहों से आये लगभग 150 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया तथा स्माइलिंग डिजाइन के गुर सीखे।सीखे। इस मौके पर विभाग की फैकल्टी प्रो प्रोमिला वर्मा, प्रो राकेश कुमार यादव, डॉ रमेश भारती, डॉ रिदम, डॉ विजय कुमार शाक्य, डॉ प्रज्ञा पाण्डेय, डॉ निशि सिंह के साथ ही अन्य डेंटल कॉलेजों के विभागाध्यक्ष व अध्यापक उपस्थित रहे।

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