डॉ सूर्यकांत को मिले पुरस्कारों की माला में 104वां मोती
हरियाणा में सम्पन्न पल्मोकॉन में नवाजा गया इस प्रतिष्ठित सम्मान से
लखनऊ। टीबी के कीटाणु की खोज करने वाले रॉबर्ट कॉक के नाम से भारत में पहली बार शुरू हुआ पुरस्कार किंग जार्ज चिकित्सा विश्व विद्यालक केजीएमयू के पल्मोनरी विभाग के मुखिया डॉ सूर्यकांत को दिया गया है। हरियाणा के गुरूग्राम में सम्पन्न हुये हरियाणा पल्मोकॉन में इस सम्मान से डॉ सूर्यकान्त को नवाजा गया। डॉ सूर्यकांत को मिले पुरस्कारों की तालिका का यह 104वां पुरस्कार है।
राबर्ट कॉक जर्मन फिजीशियन एवं माइक्रोबायलोजिस्ट थे जिन्हेाने टीबी के कीटाणु की खोज की थी। डा0 सूर्यकान्त को यह पुरस्कार उनके द्वारा टीबी के इलाज, कमजोर वर्गों के रोगियों के इलाज व सहायता करने तथा उनके उत्थान के लिए किये गये कार्यों के लिए प्रदान किया गया।
डा0 सूर्यकान्त को मिलने वाला यह 104 वां सम्मान है, इसके पूर्व में भी डॉ सूर्यकान्त को इंडियन चेस्ट सोसाइटी, नेशनल कॉलेज ऑफ चेस्ट फिजिशियन (इंडिया), टीबी एसोसिएशन ऑफ इंडिया, इंडियन मेडिकोज एसोसिएशन जैसी तमान संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। इसके साथ ही डा0 सूर्यकान्त को उत्तर प्रदेश का विज्ञान के क्षेत्र का सवोच्च सम्मान विज्ञान गौरव पुरस्कार भी प्राप्त हो चुका है।