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17 माह की लड़ाई रंग लायी, नये एनपीए की मंजूरी पर चिकित्‍सक खुश

होली के मौके पर सरकार का चिकित्‍सकों को तोहफा, नये एनपीए पर कैबिनेट की मुहर  

 

लखनऊ। दिन भर के लम्‍बे इंतजार और उहापोह की स्थितियों से गुजरने के बाद देर रात आयी खबर ने उत्‍तर प्रदेश के सरकारी डॉक्‍टरों के अंदर नयी ऊर्जा का संचार कर दिया। पिछले 17 म‍हीनों के लम्‍बे इंतजार के बाद आखिर सरकार ने सातवें आयोग के अनुसार नॉन प्रैक्टिसिंग एलाउंस (एनपीए) देने पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी। मोटे तौर पर अगर समझा जाये तो इस निर्णय से प्रत्‍येक चिकित्‍सा अधिकारी को लगभग 15 से 20 हजार रुपये प्रति माह का लाभ होगा।

 

 

होली के मौके पर बिखरे इस खुशी के रंग भरे निर्णय पर ‘सेहत टाइम्‍स’ ने जब पीएमएस एसोसिएशन के महामंत्री डॉ अमित सिंह से प्रतिक्रिया जाननी चाही तो उन्‍होंने कहा कि इस निर्णय से चिकित्‍सा अधिकारियों में खुशी है और हम सब पदाधिकारी अपने और चिकित्‍सकों की ओर से इसके लिए सरकार का अभिनन्‍दन करते हैं। उन्‍होंने सभी चिकित्‍सकों को बधाई दी है। उन्‍होंने कहा कि सरकार के इस निर्णय से डॉक्‍टरों के अंदर निश्चित रूप से नयी ऊर्जा का संचार हुआ है। ये नयी ऊर्जा चिकित्‍सकों के कार्य में भी एक नया जोश भर देगी। उन्‍होंने कहा कि डॉक्‍टरों की मेहनत का ही नतीजा है कि पिछले दिनों एमआर अभियान में उत्‍तर प्रदेश को प्रथम स्‍थान हासिल हुआ है।

 

आपको बता दें कि अभी तक छठे आयोग के अनुसार डॉक्‍टरों को मूल वेतन का 25 प्रतिशत एनपीए मिलता था। सातवें वेतन आयोग के अनुसार मूल वेतन का 20 प्रतिशत अनुमन्‍य है, चूंकि सातवें वेतन आयोग के अनुसार मूल वेतन में बढोतरी हो चुकी है, लेकिन अभी तक एनपीए में किसी प्रकार की बढ़ोतरी नहीं की गयी थी।