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मनःस्थिति से जुड़ा है त्वचा रोग लाइकेन प्लेनस का कारण

-डॉ गिरीश गुप्ता ने होम्योपैथिक से सफल उपचार पर व्याख्यान प्रस्तुत किया अंतरराष्ट्रीय वेबिनार में

सेहत टाइम्स

लखनऊ। व्यक्ति को होने वाले रोगों में बहुत से ऐसे रोग हैं जिनका कारण शारीरिक न होकर व्यक्ति की मनःस्थिति से जुड़ा होता है। यानी विभिन्न प्रकार की परिस्थितियों के चलते व्यक्ति की मनोदशा के परिणाम स्वरूप ऐसे हारमोंस का स्राव होता है जो शरीर के विभिन्न भागों में पहुंचकर अलग-अलग प्रकार के शारीरिक रोग पैदा कर देते हैं। होम्योपैथी में ऐसे रोगों का इलाज है, इसी प्रकार के रोगों में त्वचा का एक रोग है लाइकेन प्लेनस। दि इंटरनेशनल फोरम फॉर प्रमोशन ऑफ होमियोपैथी (IFPH) द्वारा वैश्विक स्तर पर सभी होम्योपैथिक चिकित्सकों को एक साथ जोड़ने के लिए प्रतिदिन अंतरराष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया जाता है। इसी क्रम में फोरम द्वारा 12 फरवरी को लाइकेन प्लेनस रोग विषय चुना गया।

लाइकेन प्लेनस पर व्याख्यान लखनऊ के गौरांग क्लीनिक एंड सेंटर फॉर होम्योपैथिक रिसर्च (जीसीसीएचआर) के संस्थापक और चीफ कंसलटेंट डॉ गिरीश गुप्ता ने दिया। 1 घंटे के इस व्याख्यान में डॉ गुप्ता ने लाइकेन प्लेनस रोग के मरीज के होम्योपैथिक उपचार के बारे में जानकारी दी, साथ ही उन्होंने कुछ मॉडल केस भी प्रस्तुत किये। इन केसेस के विषय में विस्तार से जानकारी देते हुए केस हिस्ट्री दिखाते हुए उन्होंने बताया कि मरीज उनके पास कब पहुंचा था तथा उसका कब इलाज शुरू हुआ और कब समाप्त हुआ। इसके साथ ही मरीज के प्रभावित अंग की उपचार से पूर्व, उपचार के दौरान और उपचार के बाद की स्थिति को फोटो के माध्यम से भी दर्शाया। उन्होंने मरीजों की हिस्ट्री के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी। मरीज के जीवन में घटी घटनाओं, उसकी पसंद-नापसंद, उसका स्वभाव, वह किन परिस्थितियों में रहा, उसके क्या दुख थे… इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए कई -कई सौ प्रकार की होम्योपैथिक दवाओं में से रोगी विशेष के लिए सटीक दवा का चुनाव किया गया, जिससे मरीज को लाभ हुआ।

अपने व्याख्यान में उन्होंने होम्योपैथिक प्रेक्टिस करने वाले चिकित्सकों को भी कुछ टिप्स दिए। इन टिप्स में मुख्य रूप से उन्होंने बताया कि लाइकेन प्लेनस के इलाज में रोगी के स्वभाव के अनुसार उसकी हिस्ट्री लेकर ही दवा का चुनाव करें, क्योंकि एक ही रोग के लिए अलग-अलग मरीजों में एक प्रकार की दवा लाभ नहीं देगी, बल्कि उन रोगियों की प्रकृति के हिसाब से चुनी गई दवा ही उनको लाभ देगी। डॉक्टर गुप्ता ने लाइकेन प्लेनस के रोगियों पर की गई अपनी स्टडी के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि उनकी इस स्टडी का प्रकाशन दी होम्योपैथिक हेरिटेज वॉल्यूम 41 8 नवंबर 2015 को प्रकाशित हुआ था ज्ञात हो डॉ गुप्ता की यह स्टडी वर्ष 2016 में ब्राजील में हुई इंटरनेशनल कांफ्रेंस में भी प्रस्तुत की जा चुकी है।

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