-विश्व स्वास्थ्य दिवस पर सीएमई के साथ ही माइक्रोबायोलॉजी विभाग के न्यूज लेटर का विमोचन
-लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में “अपडेट्स इन क्लिनिकल एंड डायग्नोस्टिक वायरोलॉजी” पर सीएमई आयोजित
सेहत टाइम्स
लखनऊ। विशेषज्ञों का कहना है कि वायरस एक आम और उभरता हुआ सूक्ष्मजीव है जिसका अधिकांश रोगियों में डायग्नोज नहीं हो पाता है। इसके लिए स्वास्थ्य प्रणाली में नैदानिक तस्वीर और निदान एल्गोरिथ्म के बारे में जागरूकता की आवश्यकता है ताकि वायरस की पहचान की जा सके जो न केवल समुदाय में अज्ञात बुखार का कारण बनता है बल्कि बचपन में होने वाले और आईसीयू में होने वाले संक्रमण का प्रमुख कारण भी है।
विश्व स्वास्थ्य दिवस और माइक्रोबायोलॉजी विभाग, डॉ. आरएमएलआईएमएस, लखनऊ द्वारा 12वें वार्षिक न्यूज़लेटर विमोचन के अवसर पर आज 7 अप्रैल को “अपडेट्स इन क्लिनिकल एंड डायग्नोस्टिक वायरोलॉजी” विषय पर एक सीएमई का आयोजन किया गया। इस सीएमई का लक्ष्य चिकित्सकों, माइक्रोबायोलॉजिस्ट, कम्युनिटी मेडिसिन और रेजिडेंट्स/मेडिकल छात्रों को अपडेट करना था।


सीएमई के मुख्य अतिथि डॉ. आरएमएलआईएमएस, लखनऊ के निदेशक प्रो. सी.एम. सिंह रहे। आयोजन अध्यक्ष प्रो. ज्योत्सना अग्रवाल विभागाध्यक्ष माइक्रोबायोलॉजी ने अपने उद्घाटन भाषण में बताया कि इस अपडेट का लक्ष्य वायरल इन्फेक्शन का क्लिनिकल प्रेजेंटेशन एवं डायग्नोस्टिक्स के आधार पर पहचान करना एवं प्रबंधन करना था।
मुख्य वक्ता के रूप में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ में माइक्रोबायोलॉजी विभाग की प्रमुख और डीन एकेडमिक प्रोफेसर अमिता जैन रहीं, जो केजीएमयू के वायरल रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लैबोरेटरीज (वीआरडीएल) की नोडल अधिकारी भी हैं। उन्होंने “एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम” पर अपने विचारों से श्रोताओं को अवगत कराया और इंसेफेलाइटिस का मुख्य कारण वायरस बताया। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि समय पर चिकित्सक के पास मरीज के न आने से समय से वायरस की पहचान नहीं हो पाती है। उनके व्याख्यान के बाद ‘वायरल एसोसिएटेड ट्रॉपिकल फीवर’, “कॉमन वायरल इंफेक्शंस इन आईसीयू” और “वायरल इंफेक्शन” पर दिलचस्प चर्चा हुई। वक्ताओं द्वारा ‘बच्चों में वायरल संक्रमण’ क्रमशः डॉ. अतुल गर्ग, एडिशनल प्रोफेसर, माइक्रोबायोलॉजी विभाग, एसजीपीजीआई, डॉ. साई सरन, एसोसिएट प्रोफेसर, क्रिटिकल केयर विभाग, एसजीपीजीआई और डॉ. के.के. यादव, एडिशनल प्रोफेसर, बाल रोग विभाग, डॉ. आरएमएलआईएमएस द्वारा बताया गया।
इस दिन माइक्रोबायोलॉजी के पोस्टग्रेजुएट स्टूडेंट्स के बीच वार्षिक “अगार आर्ट” प्रतियोगिता के पुरस्कार विजेता और एमबीबीएस छात्रों के बीच पोस्टर प्रतियोगिता के विजेताओं को भी निर्णायकों द्वारा प्रशंसा चिह्न देकर सम्मानित किया गया। सीएमई का समापन आयोजन सचिव डॉ. जया गर्ग एडिशनल प्रोफेसर, माइक्रोबायोलॉजी विभाग द्वारा दिये गये धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ।
