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दिमागी बुखार व संचारी रोगों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए विशेष सतर्कता व निगरानी  

-अभियान में शिथिलता और लापरवाही बरतने वाले कर्मियों पर होगी कठोर कार्रवाई

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। उत्‍तर प्रदेश में वर्ष 2018 के बाद से जापानी इंसेफ्लाइटिस (जेई) और एक्‍यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम (एईएस) पर प्रभावी नियंत्रण करने वाली योगी आदित्‍यनाथ सरकार की संचारी रोगों के खिलाफ मुहिम अक्टूबर माह में भी जारी रहेगी। 3 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक प्रदेश भर में विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान एवं दस्तक अभियान (16 से 31 अक्टूबर) के तहत विशेष सतर्कता बरती जाएगी। खास बात यह है कि इस पूरे अभियान की प्रतिदिन निगरानी और रिपोर्टिंग होगी तथा शिथिलता या लापरवाही बरतने वाले उत्तरदायी कर्मियों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई भी की जाएगी। इस संबंध में नगरीय निकाय निदेशालय के निदेशक द्वारा समस्त नगर आयुक्त एवं जल संस्थान व जलकल विभाग के महाप्रबंधक को पत्र लिखकर सूचित किया गया है।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में संचारी रोगों व दिमागी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण व रोकथाम के लिए योगी सरकार ने कई विभागों के समन्वय से विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान और दस्तक अभियान संचालित कर रही है। इसमें न सिर्फ संचारी रोगों को फैलने से रोकने की कार्यवाही की जा रही है, बल्कि पीड़ित रोगियों के इलाज की भी समुचित व्यवस्था की गई है।

निर्धारित माइक्रोप्लान के अनुसार प्रतिदिन हो संचालन

नगरीय निकाय निदेशालय के निदेशक नितिन बंसल द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि प्रदेश में 3 अक्टूबर से 31 अक्टूबर के मध्य विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान एवं 16 से 31 अक्टूबर तक दस्तक अभियान का प्रभावी संचालन किया जाना है। ऐसे में नगर विकास से संबंधित उल्लेखित बिंदुओं पर प्रभावी व समयबद्ध कार्यवाही कराते हुए निर्धारित माइक्रोप्लान के अनुसार अभियान के दौरान प्रतिदिन गतिविधियों का संचालन सुनिश्चित हो। साथ ही प्रतिदिन संपन्न गतिविधियों की सूचना निदेशालय के गूगल लिंक पर अनिवार्य रूप से प्रेषित की जाएं। पत्र में उन्होंने ये भी निर्देश दिए हैं कि इस महत्वपूर्ण अभियान में शिथिलता व लापरवाही बरतने वाले उत्तरदायी कर्मियों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई भी सुनिश्चित की जाए।

अंतर्विभागीय समन्वय से आगे बढ़ रहा अभियान

प्रदेश में विशेष संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान के प्रभावी संचालन के लिए योगी सरकार ने विशेष रणनीति बनाई है। कई विभागों के बीच समन्वय से इस अभियान को आगे बढ़ाया जा रहा है। इन विभागों में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, ग्राम्य विकास एवं पंचायती राज विभाग, शिक्षा विभाग, नगर निगम, शहरी विकास, कृषि विभाग, पशु पालन विभाग, दिव्यांग कल्याण, स्वच्छ भारत मिशन, सूचना विभाग, संस्कृति विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका है। वहीं, यूनिसेफ, पाथ, डब्ल्यूएचओ एनपीएसपी, टाटा ट्रस्ट, प्लान इंडिया और गोदरेज सीएसआर न सिर्फ बतौर पार्टनर इस अभियान से जुड़े हैं, बल्कि वो नियमित इसकी निगरानी भी कर रहे हैं।

सघन मच्छर नियंत्रण गतिविधियों पर होगा फोकस

अभियान को अंतर्विभागीय गतिविधियों के तहत जिस माइक्रोप्लान के तहत संचालित किया जा रहा है, उसमें जनपदों के अंदर मच्छरों के प्रजनन एवं घनत्व की स्थिति की सतत निगरानी, विगत वर्ष के आंकड़ों के आधार पर निर्धारित हाई रिस्क एरिया तथा संचारी रोग अभियान में पाई गई अधिक मच्छर घनत्व वाले क्षेत्रों में सघन मच्छर नियंत्रण गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त घरों के अंदर मच्छरों क प्रजनन अनुकूल स्थितियों की जांच करना भी शामिल है, जिसके लिए आशा तथा आंगनबाड़ी और जनपद द्वारा ब्रीडिंग चेकिंग के लिए अन्य कर्मचारियों को लगाया गया है। मच्छरों के प्रजनन पर रोक तथा मच्छरों के काटने से बचाव के उपायों पर आशा तथा आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा जानकारी दी जाएगी। नगर विकास तथा ग्राम विकास और स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से सोर्स रिडक्शन गतिविधियां संचालित की जाएंगी। इसके अलावा लेप्टोस्पाइरोसिस तथा स्क्रब टायफस के रोगियों की निगरानी व इलाज के लिए भी गतिविधियां संचालित की जाएंगी।

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