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लखनऊ में चल रही रेजीडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल समाप्त, काला फीता बांधकर करेंगे कार्य

-केजीएमयू, एसजीपीजीआई, आरएमएलआई और केएसएसएस की रेजीडेंट्स डॉक्टर्स एसोसिएशंस ने की घोषणा

-कोलकाता रेप-मर्डर केस में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने की थी कार्य पर लौटने की अपील

सेहत टाइम्स
लखनऊ।
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में रेजीडेंट डॉक्टर की रेप के बाद निर्ममतापूर्वक की गयी हत्या और उसके बाद पैदा हुए हालातों और कार्यस्थल पर सुरक्षा की मांग को लेकर यहां के चार उच्चस्तरीय प्रमुख चिकित्सा संस्थानों में रेजीडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल आज 22 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट द्वारा डॉक्टरों को दिये गये आश्वासन के बाद समाप्त हो गयी है यह जानकारी किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, संजय गांधी पीजीआई, डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान और कल्याण सिंह सुपर स्पेशियलिटी कैंसर संस्थान के रेजीडेंट डॉक्टरों द्वारा जारी संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में दी गयी है। इस निर्णय के बाद इन संस्थानों पर पहुंचने वाले बड़ी संख्या में मरीजों को राहत मिलने की संभावना है।

संजय गांधी पीजीआई रेजिडेंट एसोसिएशन के डॉ अंशुमान सिंह, डॉक्टर संजय, डॉक्टर अर्नव ज्योति दास, डॉक्टर हिमांशु चौहान, डॉ अजीत कुमार झा और डॉक्टर पृषा ननकाना, आरएमएल आयुर्विज्ञान संस्थान के रेजिडेंट एसोसिएशन के डॉक्टर विनीत मिश्रा, डॉक्टर अंकित राय, डॉक्टर माधव बहादुर, डॉक्टर भानु चौधरी और डॉ नेहा बंसल, केजीएमयू रेजीडेंट एसोसिएशन के डॉक्टर दिव्यांश सिंह, डॉक्टर रणविजय पटेल, डॉक्टर सुकन्या संपत, डॉक्टर सैयद फैजान अहमद और डॉक्टर ऋषभ गर्ग तथा कल्याण सिंह सुपर स्पेशलिटी कैंसर संस्थान की रेजिडेंट एसोसिएशन की डॉक्टर रितिका रंजन और डॉक्टर हिमांशु वर्मा की ओर से दी गई जानकारी में कहा गया है कि अब तक के घटनाक्रमों में सीबीआई द्वारा जांच की जा रही है, सर्वोच्च न्यायालय सीधे मामले की सुनवाई कर रहा है, और स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध राष्ट्रीय टास्क फोर्स का गठन किया गया है।

प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि हम सब रेजीडेंट एसोसिएशन की आज बैठक हुई जिसमें यह तय किया गया है कि सर्वोच्च न्यायालय की अपील पर निलंबित चल रहीं स्वास्थ्य सेवाएं कल 23 अगस्त से पुन: बहाल की जायेंगी लेकिन जब तक सीबीआई जांच कर रही है, जांच में आगे की प्रगति का इंतजार है। इसके अतिरिक्त, केंद्रीय सुरक्षा अधिनियम की मांग पर कोई ठोस प्रगति नहीं हुई है, ऐसे में हम लोग विरोध प्रकट करने के लिए काला रिबन बांधकर कार्य करेंगे।

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