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बारिश सिर पर, संविदा एमपीडब्‍ल्‍यू सत्‍याग्रह पर, शासन अपनी जिद पर

-अधूरे प्रशिक्षण को पूरा कराने की मांग को लेकर चल रहे सत्‍याग्रह आंदोलन का 11वां दिन

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। खराब मौसम और भारी बारिश में भी संविदा एम.पी.डब्ल्यू. अपने प्रशिक्षण की मांग को लेकर धरना स्थल पर डटा रहा। विभाग तथा शासन संविदा एमपीडब्‍ल्‍यू की मांग को लेकर संवेदनहीन बना रहा।

संविदा एम.पी.डब्ल्यू. द्वारा आज 11वें दिन भी महानिदेशालय परिवार कल्याण परिसर में धरना जारी रहा। संविदा एमपीडब्ल्यू खराब मौसम के बावजूद धरना स्थल पर जमे रहे और अपनी प्रशिक्षण की मांग करते रहे।

यह जानकारी देते हुए मीडिया प्रभारी सैय्यद मुर्तजा ने बताया संविदा परिवार कल्याण विभाग में यह अनूठा उदाहरण है जिसमें संविदा एम.पी.डब्ल्यू. का विधिक रूप से चयन करके कार्य लिया गया और अब प्रशिक्षण दिलाने के नाम पर विभागीय प्रस्ताव के बावजूद विभाग पीछे हट रहा है। उन्‍होंने बताया कि उच्च न्यायालय इलाहाबाद खंडपीठ इलाहाबाद में संविदा एमपीडब्ल्यू द्वारा अवमानना वाद 5520/2016 स्थापित किया गया जिसके अभी जुलाई 2021 में दिये गये मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य को कंडीशनल अपीयरेंस के आदेश के बाद विभागीय कार्यवाही में तेजी आई है परंतु विभाग तथ्यों के उलट लीपा-पोती कर रहा है।

प्रांतीय संगठन पदाधिकारी दीपक त्रिपाठी ने बताया कि उच्च न्यायालय खंडपीठ लखनऊ के द्वारा 30 जून 2016 को संविदा एमपीडब्ल्यू को 6 माह का मानदेय देने के आदेश रिट याचिका संख्या 1453 एस एस 2014 व अन्य में दिया गया था जिसका विभाग ने आज तक पालन नहीं किया। यही नहीं प्रदेश के 40 जिलों में एक साथ भर्ती किये गए संविदा एम.पी.डब्ल्यू. के मानदेय अलग-अलग दिए गए और इस तरह उच्च न्यायालय खंडपीठ लखनऊ के आदेश को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने ठेंगा दिखाने का काम किया। इसी तरह हमारे तमाम साथी अलग-अलग जिलों में उच्च न्यायालय खंडपीठ लखनऊ में स्थापित रिट याचिका संख्या 5624 एवं 5482 में प्राप्त स्थगन आदेश के क्रम में कार्यरत रहे, परंतु विभागीय अधिकारियों ने जोर जबरदस्ती करके काम लेने के बावजूद उनको मुख्य रजिस्टर पर हस्ताक्षर करने नहीं दिए। तमाम जिलों में अलग से रजिस्टर बना दिए गए जिन पर उनकी उपस्थिति ली जाती रही, परंतु किसी अधिकारी ने उपस्थिति रजिस्टर को सीन नहीं किया। महानिदेशक परिवार कल्याण ने 29 अक्टूबर 2018 को भेजी अपनी रिपोर्ट में 6 जिलों में संविदा एम.पी.डब्ल्यू. के कार्यरत होने की सूचना शासन को दी। विभाग की लाख कोशिशों के बावजूद हमारे संविदा कर्मी साथी आज भी कुछ जगहों में कार्यरत हैं।

प्रकरण का विवरण उपलब्ध कराते हुए संगठन संरक्षक विनीत मिश्रा ने बताया कि जनपद रायबरेली तथा मुजफ्फरनगर में हमारे साथी अभी तक कार्यरत है, उनको विभागीय अधिकारियों द्वारा पहचान पत्र जारी किए गए हैं और उनसे कोविड-19 में भी कार्य लिया गया है।

हमारे संविदा एम.पी.डब्ल्यू. साथी 30 सितंबर 2014 से बगैर मानदेय के कार्य कर रहे हैं उनको विभागीय प्रशिक्षण न दिया जाना दु:खद है उत्तर प्रदेश (कां.)एम.पी.डब्ल्यू. एसोसिएशन इसकी निंदा करता है और इस अन्याय के खिलाफ तब तक अपनी आवाज मुखर करता रहेगा जब तक की संविदा एमपीडब्ल्यू को विभाग प्रशिक्षण नहीं करा देता।

तमाम प्रकरणों में संविदा MPW की भांति विभाग में चयन करके उनको प्रशिक्षण कराकर समायोजित करने की नजीरें विभाग में उपलब्ध हैं। इसके बावजूद संविदा एम.पी.डब्ल्यू.को प्रशिक्षण नहीं जा रहा है इसी वजह से संगठन ने अनिश्चितकालीन सत्याग्रह आंदोलन शुरू किया है जो प्रशिक्षण का निर्णय होने तक जारी रहेगा। आंदोलन की अध्यक्षता रायबरेली के जिला अध्यक्ष ओम त्रिवेदी के द्वारा की गई धरना स्थल पर आज हरदोई सीतापुर सहित लखनऊ के तमाम संविदा एम.पी.डब्लू.सदस्य धरना स्थल पर मौजूद रहे।

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