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होम क्वारेंटाइन पर विरोध : कर्मचारी संस्थान के सभागार में रुक जायेंगे लेकिन घर नहीं जायेंगे

-14 दिन की ड्यूटी और 14 दिन का होम क्‍वारेंटाइन के आदेश पर डॉक्‍टर-नर्सों ने जतायी नाराजगी

-लोहिया संस्‍थान, संजय गांधी पीजीआई और केजीएमयू में उठीं विरोध की आवाजें

संजय गांधी पीजीआई में निदेशक से मिलने पहुंचीं नर्सें

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। स्वास्थ्य कर्मियों की कोविड और गैर कोविड क्षेत्र में ड्यूटी लगाए जाने को लेकर हाल ही में हुए शासनादेश में दी गयी व्यवस्था पर जूनियर डॉक्टरों और नर्सेज संघों ने आपत्ति जताई है। इनका कहना है की 14 दिन की ड्यूटी के बाद 14 दिन के लिए होम क्वॉरेंटाइन की अनिवार्यता घरवालों के स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से ठीक नहीं है। हालांकि संजय गांधी पीजीआई के जूनियर डॉक्टर और नर्सों ने एक हफ्ते के बजाय अब लगातार 14 दिन की ड्यूटी पर भी विरोध जताया है।

डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान और किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के कर्मचारियों व नर्सेज संघ व कर्मचारी संघ ने 14 दिन के होम क्वॉरेंटाइन पर सख्त एतराज जताया है। लोहिया संस्थान के नर्सेज संघ के अध्यक्ष अमित शर्मा द्वारा इस संबंध में चिकित्सा शिक्षा मंत्री को संबोधित पत्र भी भेजा गया है। पत्र में कहा गया है कि‍ कोविड-19 मरीजों के सम्‍पर्क में रहने वाले हाई रिस्‍क जोन में कार्य करने वाले कर्मियों को नए आदेश के अनुसार ड्यूटी पूरी करने के बाद 14 दिन के होम क्वॉरेंटाइन में जाना होगा। पत्र में उन्होंने लिखा है कि यह नया आदेश परिवार और आस-पड़ोस के लोगों के लिए बड़ा खतरा है, घर पर बुजुर्ग, बच्‍चे सभी हैं। उन्होंने कहा है कि हर कर्मचारी के पास तीन या चार कमरे वाला घर नहीं है, जहां वह होम क्‍वारेंटाइन हो सके। आपको बता दें कि होम क्‍वारेंटाइन में जो शर्तें हैं उसके अनुसार घर पर एक अलग से कमरा लेट्रिन-बाथरूम अटैच होना चाहिए यानी घर में कम से कम दो लेट्रिन बाथरूम हों, साथ ही ऐसी व्यवस्था घर पर हो कि व्यक्ति परिवार के किसी दूसरे सदस्य के संपर्क में ना आए। ऐसी स्थिति में अगर कर्मचारियों के घर पर इतनी सुविधा नहीं है तो वह अपने घर वालों को जोखिम में डाल सकता है।

केजीएमयू कर्मचारी परिषद के अध्यक्ष प्रदीप गंगवार कहते हैं कि‍ आईसीएमआर के अनुसार सभी कोरोना संक्रमित मरीजों में इसके लक्षण परिलक्षित नहीं होते हैं, इसके साथ ही उनमें यह लक्षण पांचवें-छठे दिन  बाद में भी प्रकट हो सकते हैं, तो ऐसी स्थिति में तुरंत की रिपोर्ट नि‍गेटिव आने पर होम क्वॉरेंटाइन करना परिजनों की सुरक्षा के साथ कहां तक सही होगा।

लोहिया संस्थान के नर्सेज संघ के अध्यक्ष अमिम शर्मा ने पत्र में मंत्री से अनुरोध किया है कि पूर्व की तरह होम क्वॉरेंटाइन की जगह होटल क्वॉरेंटाइन शासनादेश में शामिल करवाएं अन्यथा की स्थिति में कोविड 19 मरीजों के सीधे संपर्क में आने वाले कर्मचारी लोहिया संस्थान के प्रशासनिक भवन में बने सभागार कक्ष में रुकेंगे लेकिन घर नहीं जायेंगे।  संजय गांधी पीजीआई नर्सेज संघ की अध्यक्ष सीमा शुक्ला का कहना है कि पूर्व की भांति 7 दिन की ड्यूटी की व्यवस्था ही व्यवस्था सही थी अब लगातार 14 दिन की ड्यूटी कर्मचारियों के लिए दिक्कत पैदा करेगी इस 14 दिन की ड्यूटी में न बीच में कोई ऑफ है ना ही किसी तरह का रेस्ट। उन्होंने बताया की हम लोगों ने 14 दिन की ड्यूटी पर अपनी आपत्ति जताते हुए आज रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के साथ निदेशक से मुलाकात की थी और उन से अनुरोध किया था कि लगातार 14 दिन की ड्यूटी के बारे में हम लोगों की बात उच्चाधिकारियों तक पहुंचाएं और उचित आदेश पारित करायें।