-कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष ने कहा, स्थानांतरण सत्र के बाद की गयी कार्रवाई बर्दाश्त से बाहर
सेहत टाइम्स
लखनऊ। स्थानांतरण सत्र समाप्त होने के बाद राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद एवं कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा के कई पदाधिकारियों का स्वास्थ्य विभाग ने बदले की भावना से स्थानांतरण कर दिया है, जिससे कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है।
कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष वीपी मिश्रा ने नाराजगी व्यक्त की है कि स्थानांतरण समाप्त होने के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बदले की भावना से अध्यक्ष /मंत्री का स्थानांतरण कर दिया है।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा एवं प्रमुख उपाध्यक्ष सुनील यादव ने पदाधिकारियों के स्थानांतरण को नीतिविरुद्ध बताते हुए कहा कि परिषद के जनपद रायबरेली अध्यक्ष राजेश सिंह का स्थानांतरण अत्यंत दूरस्थ जनपद सोनभद्र, हरदोई अध्यक्ष जे एन तिवारी का बदायूं, बलरामपुर अध्यक्ष एम एम त्रिपाठी का मथुरा किया गया है। ये पदाधिकारी कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा के भी पदाधिकारी हैं, इसके साथ ही श्रावस्ती और शामली के पदाधिकारियों का भी स्थानांतरण किया गया है, कुछ पदाधिकारियों की सेवानिवृत्ति तिथि 2 वर्ष से कम है। स्थानांतरण में स्थानांतरण नीति 2023 के पैरा 12 और पैरा 5 का उल्लंघन हुआ है। यह भी संज्ञान में आया है कि कुछ फर्जी शिकायतों को आधार मानकर बिना किसी जांच के एकतरफा कार्रवाई की गई है जो नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत के विरुद्ध है और निरस्त होने योग्य है।
वीपी मिश्रा ने कहा कि उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के हस्तक्षेप से किसी भी पदाधिकारी का स्थानांतरण नहीं हुआ था। हम उनके आभारी हैं। श्री मिश्रा ने उपमुख्यमंत्री, ब्रजेश पाठक से आग्रह किया है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दें कि स्थानांतरण सत्र के समाप्त होने के बाद किए गए पदाधिकारियों के स्थानांतरण को निरस्त करें, जिससे आपसी सामंजस्य बना रहे, वरना आंदोलन की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी।