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शिक्षक एम॰एल॰सी॰ चुनाव में राजनीतिक पार्टियों के दखल से शिक्षकों में आक्रोश

-डॉ महेन्‍द्र नाथ राय ने चुनावी सभा में लगाया आरोप, प्रथम वरीयता मत देने की अपील

लखनऊ। आगामी 1 दिसम्बर को होने वाले सदस्य विधान परिषद चुनाव (एम॰एल॰सी॰) में सत्ताधारी व अन्य पार्टियों ने भी अपने प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं, जिससे सम्पूर्ण शिक्षक समाज में भारी आक्रोश व्याप्त है।

यह बात उ॰प्र॰मा॰शिक्षक संघ के अधिकृत प्रत्याशी डॉ महेन्द्र नाथ राय ने आज खुशहाल दास इंटर कॉलेज सैदापुर माल में शिक्षकों की सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि लखनऊ खण्ड शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के सातों जनपदों (लखनऊ, प्रतापगढ़, रायबरेली, हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर और बाराबंकी) में शिक्षकों से सम्पर्क कर प्रथम वरीयता के वोट मांगने के दौरान शिक्षकों से ही ज्ञात हुआ कि वो सभी शिक्षक भाजपा सरकार को शिक्षक विरोधी सरकार मानते हुए भाजपा प्रत्याशी उमेश द्विवेदी को एक सुर में नकार रहे हैं, क्योंकि पिछले 6 सालों से उमेश द्विवेदी शिक्षक एमएलसी रहे और इन 6 सालों में वित्तविहीन शिक्षकों को न तो मानदेय दिला पाये और न ही सपा सरकार से मिल रहा प्रोत्साहन भत्ता बचा पाये, जबकि उमेश द्विवेदी स्वयं वित्तविहीन संगठन के अध्यक्ष भी थे और अब अपनी करारी हार को देखते हुए भाजपा से सौदा कर उसके बैनर से चुनाव लड़ रहे हैं।

देखें वीडियो-चुनावी सभा को सम्‍बोधित करते डॉ महेन्‍द्र नाथ राय

डॉ राय ने यह भी कहा कि इस चुनाव में सत्ताधारी पार्टी का प्रत्याशी होने के कारण उनके द्वारा सरकारी तन्त्रों का दुरुपयोग भी चुनाव सम्बन्धी कामों में किया जा रहा है। जैसे प्रतापगढ़ की शिक्षक मतदाता सूची में शिक्षामित्रों, अनुदेशकों के साथ कई ऐसे लोगों को मतदाता बना दिया गया जिनकी संस्था का नाम मतदाता सूची पर नहीं लिखा है, वहां शिक्षक/स्नातक लिख दिया गया है। कई वर्षों से जमे शिक्षाधिकारियों द्वारा दवाब बनाकर वित्तविहीन विद्यालयों के प्रबंधकों व प्रधानाचार्यों को भाजपा के पक्ष में वोट दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके विरोध में एक पत्र मण्डलायुक्त लखनऊ मण्डल को भी देकर निम्न बिन्दुओं पर माँग की गयी है-

1- जनपदों में तीन वर्षों से कार्यरत अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से हटाया जाए अथवा उन्हें चुनाव कार्य से विरत किया जाए।

2- समस्त मतदान केन्द्रों की मतदान प्रारम्भ से मतपेटी सील होने तक की लगातार वीडियोग्राफी एवं सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्डिंग करायी जाए।

3- चुनाव पर्यवेक्षक नियुक्त किये जाए, जिनकी निगरानी में मतदान सम्पन्न हों।

4- केन्द्रीय अर्द्ध सैनिक बल मतदान केन्द्रों पर लगाये जाए, जिनकी देख-रेख में चुनाव सम्पन्न हो सके। 

डॉ राय ने कहा कि हमारा संकल्प है कि वित्तविहीन शिक्षक साथियों की सेवा नियमावली बनवाकर सरकार से सीधे शिक्षकों को सम्मानजनक पांच अंकों में मानदेय कोषागार के माध्यम से उनके खाते में दिलवाना ही हमारी प्राथमिकता है। इसी के साथ पुरानी पेंशन योजना को बहाल कराना, तदर्थ शिक्षकों का विनियमितिकरण, मदरसा, संस्कृत डिग्री कॉलेजों की समस्याओं का निराकरण कराना भी हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों ने बड़ी उम्मीदों से वर्तमान सरकार को वोट देकर उन्हें शासन करने के योग्य बनाया था किन्तु यह सरकार शिक्षक विरोधी और दमनकारी निकली जिसे अब शिक्षक बर्दाश्त नहीं करेंगे। वित्तविहीन शिक्षकों ने कहा है कि वर्ष 2014 के चुनाव की गलती हम इस बार नहीं करेंगे और डॉ महेन्द्र नाथ राय को ही प्रथम वरीयता का मत देकर विजयी बनाएगे।